Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/992

Ankur Traders - Complainant(s)

Versus

Sushil Kumar - Opp.Party(s)

Dinesh Kumar Pushkar , L P Yadav, Anand Bhargav

27 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/992
( Date of Filing : 07 May 2013 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ankur Traders
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Sushil Kumar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 27 Sep 2024
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील सं0 :-992/2013

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रतापगढ़ द्वारा परिवाद सं0-31/2011 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15/04/2013 के विरूद्ध)

अंकुल ट्रेडर्स आलापुर प्रतापगढ़ द्वारा संचालक राम बहादुर सुत स्‍व चन्द्रिका प्रसाद यादव ग्राम नहरपार मजरे हिनाहूं परगना मानिकपुर तह0 कुण्‍डा पो0 आलापुर जिला प्रतापगढ़।

  1.                                                                                  अपीलार्थी    

बनाम

 सुशील कुमार सुत राम आसरे निवासी ग्राम पूरे सैफू का पुरवा मजरे हिनांहू पोस्‍ट आलापुर परगना मानिकपुर तहसील कुण्‍डा जिला प्रतापगढ़

  •                                                                     प्रत्‍यर्थी

समक्ष

  1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य
  2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य

उपस्थिति:

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-श्री आनन्‍द भार्गव

प्रत्‍यर्थी की ओर विद्वान अधिवक्‍ता:- श्री जय प्रकाश सिंह

दिनांक:-27.09.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.           यह अपील जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रतापगढ़ द्वारा परिवाद सं0-31/2011 सुशील कुमार बनाम अंकुल ट्रेडर्स आलापुर में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15/04/2013 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया। निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  2.           जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया है कि परिवादी को अंकन 3,00,000/-रू0 क्षतिपूर्ति की राशि अदा की जाए। राशि 10 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा की जाए तथा परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 2,000/-रू0 अदा किया जाए।
  3.           परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने नवम्‍बर 2010 में पुराना घर गिरवाकर नया बनाना प्रारंभ किया। 25,000 ईंट 90,000/-रू0 में मंगायी गयी। लोहा एवं गिट्टी 46,200/-रू0 मे मंगाया गया। टिम्‍बर का सामान 8,158/-रू0 में क्रय किया गया था। सीमेंट अंकुर ट्रेडर्स से क्रय किया गया। सीमेंट 108 बोरी 23,885/-रू0 में क्रय किया गया। सीमेंट का प्रयोग करने में 34,000/-रू0 का भुगतान लेबर को किया गया। 16,000/-रू0 खर्च कर मौरंग खरीदी गयी। इस प्रकार समस्‍त सामग्री मंगाकर दिनांक 07.12.2010 को लिंटर डाला गया, जब लिंटर दिनांक 23.12.2010 को खोला गया तब लिंटर एवं मकान की दीवारों सहित ध्‍वस्‍त हो गया। खराब सीमेंट के कारण यह नुकसान हुआ जो अंकन 3,00,000/-रू0 है। इसी राशि की क्षतिपूर्ति के लिए उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।
  4.      विपक्षी नोटिस एवं प्रकाशन के बावजूद उपस्थित नहीं हुआ, इसलिए एकतरफा कार्यवाही अमल में लायी गयी। एकतरफा साक्ष्‍य पर विचार करते हुए उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया।
  5.       अपील के ज्ञापन तथा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्कों का सार यह है कि सीमेंट की गुणवत्‍ता की कोई जांच जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा नहीं करायी गयी। परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत की गयी साक्ष्‍य विश्‍वसनीय स्‍तर की नहीं है, इसलिए जिला उपभोक्‍ता  आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।
  6.        प्रस्‍तुत पत्रावली के अवलोकन से जाहिर होता है कि अपीलार्थी पर पंजीकृत डाक के माध्‍यम से नोटिस प्रेषित की गयी। इसके बाद दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशन कराया गया, परंतु अपीलार्थी जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ और वहां पर उपस्थित होकर परिवाद में वर्णित तथ्‍यों का कोई खण्‍डन नहीं किया गया। इसी प्रकार परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत की गयी साक्ष्‍य का कोई खण्‍डन नहीं किया गया। अत: अखण्‍डनीय साक्ष्‍य के आधार पर पारित किये गये निर्णय एवं आदेश को परिवर्तित करने का कोई आधार जाहिर नहीं होता, सिवाय इसके कि क्षतिपूर्ति की राशि का आंकलन इस पीठ द्वारा किया जाए क्‍योंकि जिला उपभोक्‍ता आयोग ने क्षतिपूर्ति का कोई आंकलन नहीं किया। परिवादी ने सामान क्रय करने की जो राशि अंकित की है, उसी राशि के योग के बराबर क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है। परिवादी द्वारा अंकन 90,000/-रू0 की ईंट खरीदी गयी है। 90,000/-रू0 की ईंट खरीदने का तात्‍पर्य यह नहीं है कि समस्‍त ईंटे खराब हो गयी हैं। छज्‍जा गिरने के बावजूद ईंटों की गुणवत्‍ता में कोई अंतर नहीं आता। इस मद में अधिकतम 25,000/-रू0 की सीमा तक क्षति का आंकलन किया जा सकता है। अत: इस मद में घटाते हुए अंकन 65,000/-रू0 तथा इसी प्रकार अंकन 46,200/-रू0 में जो लोहा तथा अन्‍य सामान खरीदा गया, वह सामान भी मलबे के रूप में विक्रय हो सकता है। अत: अंकन 46,200/-रू0 में से मलबे की राशि अंकन 20,000/-रू0 की सीमा तक घटाया जाना उचित है। अत: इस मद में अंकन 26,200/-रू0 और इस प्रकार कुल सामानों का नुकसान अंकन 91,200/-रू0 की सीमा तक निकलता है, परंतु ट्रैक्‍टर के द्वारा मौरंग लाने, लेबर को मजदूरी के एवज मे नकद धन देने तथा सीमेंट क्रय करने के मद में जो राशि खर्च की गयी है वह समस्‍त राशि देय है और इसका विवरण निम्‍नवत है-
  1. सीमेंट-23,885/-रू0
  2. लेबर चार्ज- 34,000/-रू0
  3. मौरंग- 16,000/-रू0
  1.        इस प्रकार उक्‍त तीनों मद में कुल 73,885/-रू0 खर्च हुए। अत: धनराशि अंकन 91,200/-रू0 एवं 73,885/-रू0 कुल योग 1,65,085/-रू0 की क्षतिपूर्ति प्राप्‍त करने के लिए परिवादी अधिकृत है एवं ब्‍याज परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 10 प्रतिशत के स्‍थान पर 07 प्रतिशत की दर से दिया जाना न्‍यायोचित है।

आदेश

अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अपीलार्थी/विपक्षी क्षतिपूर्ति के रूप में अंकन 3,00,000/-रू0 के स्‍थान पर अंकन 1,65,085/-रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा करे एवं इस राशि पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक ब्‍याज 07 प्रतिशत की दर से अदा किया जाए।

             उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

        प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

         आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

  •  

 

               संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

 

 

 

 

         

 

    

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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