Uttarakhand

Nainital

CC/21/2022

Aanjanay Singh Bisht - Complainant(s)

Versus

Suri Sales Pvt Ltd - Opp.Party(s)

15 Sep 2023

ORDER

 
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि-      08-03-2022
अन्तिम सुनवाई की तिथि-       04-09-2023
निर्णय आदेश की तिथि-       15-09-2023
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नैनीताल।
        उपभोक्ता परिवाद संख्या- 21/2022
श्री आन्जनेय सिंह विष्ट, पुत्रा श्री भूपेन्द्र सिंह विष्ट,
निवासी शेर का डांडा, स्टोनले कम्पाउण्ड,
तल्लीताल, नैनीताल, उत्तराखण्ड। ............. परिवादी
द्वारा-अधिवक्ता- श्री नीरज शाह, श्री पंकज कुमार ,श्री रवि शंकर आर्य, श्री रवि कुमार, श्री निर्मल कुमार।  
                                                                                                                                                                                                                                                                      बनाम्
1.ैनतप ेंसमे च्अजण्स्जकण्
 त्महक वििपबम ैनतप ठनपसकपदहेए 9ए ज्पइतपदंजीए
व्चचण् ळत्ड ैबीववसए छंपदपजंस त्वंकए
ठंतमपससमल.243122;न्च्द्ध
 
2.ैनतप ैंसमे च्अजण् स्जकण् 
ज्ीतवनहीज पजे क्पतमबजवतए  
त्महक वििपबम ैनतप ठनपसकपदहेए 9ए ज्पइतपदंजीए
व्चचण् ळत्ड ैबीववसए छंपदपजंस त्वंकए
ठंतमपससमल.243122;न्च्द्ध
 
3.ैनतप ैंसमे च्अजण् स्जकण् 
।नजीवतपेमक कमंसमत त्वलंस म्दपिसमकए
।नजीवतपेमक त्मचतमेमदजंजपअमए
व्चचवेपजम. ैीपजसं डंदकपतए त्ंदप ठंहीए 
छंपदपजंस त्वंकए ज्ञंजीहवकंउ,
263139 भ्ंसकूंदप छंपदपजंसण्
विपक्षी संख्या-1 से 3 द्वारा अधिवक्ता   
      श्री जी0एस0नेगी व श्री एस0डी0जोशी। 
 
4.त्वलंस म्दपिमसक;। क्पअपेपवद व िम्पबीमत डवजवते स्जकद्ध
ज्ीतवनही पजे डंदंहपदह क्पतमबजवतए भ्मंक वििपबम,
ज्पतनअवजजपलनत भ्पही त्वंकए ब्ीमददंपए 600019
ज्ंउपस छंकनए प्दकपं            .............................. विपक्षीगण
कोरम-
श्री रमेश कुमार जायसवाल- अध्यक्ष
श्रीमती विजयलक्ष्मी थापा- सदस्या
श्री लक्ष्मण सिंह रावत-       सदस्य
(द्वारा-श्री रमेश कुमार जायसवाल) अध्यक्ष
 
प्रस्तुत परिवाद परिवादी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019  की धारा-35 के अन्तर्गत विपक्षी के विरूद्ध निम्न अनुतोष दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है। 
1- परिवादी को विपक्षीगण से खराब मोटर साईकिल के स्थान पर नई मोटर साईकिल अथवा उसकी कीमत मुव 1,78,744/-रू0 दिलवायी जावे। 
2- परिवादी को विपक्षीगण से खराब मोटर साईकिल की इन्श्यौरेन्स व रजिस्ट्रेशन के रूप  में अदा की गयी धनराशि मुव 38,256/-रू0 तथा मोटर साईकिल के खराब होने की अवधि में जो नुकसान परिवादी को इÚश्यौरेन्स, वारण्टी अवधि, रोड टैक्स का हुआ है उसके लिए मुव 50,000/-रू0 दिलवाया जावे। 
3- परिवादी को मानसिक वेदना, एवं विपक्षी द्वारा सेवा में बरती गयी कोताही के लिए मुव 20,000/-रू0 विपक्षीगण से दिलवायी जावे। 
4- परिवादी को विपक्षीगण से परिवाद व्यय व नोटिस व्यय आदि के लिए मुव 25,000/-रू0 दिलवाया जावे। 
संक्षेप  में परिवादी का कथन इस प्रकार है कि परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या-4 राॅयल इन्फील्ड कम्पनी के प्रचार प्रसार से प्रभावित होकर दिनांक-30-03-2021 को एक राॅयल इन्फील्ड मिटियोर 350, फायर बाल, रेड, मोटर साईकिल विपक्षी संख्या-3 सूरी सेल्स प्रा0लि0 हल्द्वानी से इन्वाईस संख्या-प्छट004073ब्क्00431 के माध्यम से मुव 1,78,744/-रू0 में क्रय की गयी थी। विपक्षी संख्या-4 वाहन निर्मिता कम्पनी कम्पनी द्वारा उक्त मोटर साईकिल में 36 माह/30,000 किलोमीटर जो भी पहले हो के आधार पर वारण्टी प्रदान की गयी थी। परिवादी द्वारा मोटरसाईकिल के रजिस्ट्रेशन व इन्श्यौरेन्स हेतु विपक्षी संख्या-3 को मुव 38,256/-रू0 अदा किये गये थे।  इस प्रकार परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या-3 को कुल 2,17,000/- का भुगतान किया गया था। परिवादी बी0बी0ए0 ग्रेफिक ऐरा, भीमताल का छात्रा है और उसे नैनीताल से भीमताल जाना होता है तथा परिवादी प्रकृति प्रेमी व फोटोग्राफी का शौकीन है और  इसी कारण परिवादी द्वारा उक्त मोटर साईकिल अपने निजी उपयोग हेतु क्रय की गयी थी। परिवादी द्वारा उक्त मोटर साईकिल को राॅयल इन्फील्त्ड, आनर्स मैन्यूअल के आधार पर बैध चालक लाईसैन्स के साथ चलाया जा रहा था। आनर्स मैनुअल के अनुसार वाहन की 500 किलोमीटर पर सर्विस की जानी थी और परिवादी मोटर साईकिल को लेकर विपक्षी संख्या-3 के पास दिनांक 14-04-2021 को हल्द्वानी स्थित प्रतिष्ठान पर  गया और जब करीब दो घण्टे बीतने के बाद भी परिवादी को उसकी मोटर साईकिल सर्विस होकर वापस नहीं दी गयी। तब पूछताछ करने हेतु  परिवादी सम्बन्धित सर्विस इन्जीनियर के पास पहुॅचा जहाॅं उसने देखा कि परिवादी के प्रश्नगत वाहन का पूरा इंजन खुला हुआ है और जब उसने इस सम्बन्ध में पूछा तो उन्होंने बताया कि टाईमिंग बैल्यू ठीक नहीं आ रही है इसलिए सर्विसिंग के लिए ऐसा करना आवश्यक है। परिवादी को जब यह ठीक नहीं लगा तो परिवादी द्वारा उक्त कार्य का फोटो व बीडियो बना लिया इस दौरान पाॅच घण्टे बाद उसे मोटर साईकिल लौटायी गयी और प्रथम सर्विस का बिल 1269/-रू0 जारी कर दिया गया और कस्टमर फीड बैक फार्म भरने को बोला किन्तु परिवादी द्वारा बिना जाॅच के इसे भरने में असमर्थता व्यक्त की गयी।
 जब परिवादी मोटरसाईकिल को रानीवाग हल्द्वानी से नैनीताल अपने घर को लाने लगा तो थोडा चढाई के बाद उसे आभास हुआ कि मोटर साईकिल चढाई नहीं चढ पा रही है जिस स्थान पर परिवादी सर्विस से पूर्व पाॅचवे गियर में मोटर साईकिल को चढा रहा था उस स्थान पर उक्त मोटर साईकिल तीसरे गियर में चढ रहीं थी और परिवादी के घर के पास की चढाई में मोटर साईकिल हाफ क्लच दबा कर प्रथम गियर में बमुश्किल चढ रही थी और यदि परिवादी हाफ क्लच का इस्तेमाल नहीं कर रहा तो उक्त मोटरसाईकिल नाॅकिंग की ध्वनि के साथ बन्द हो जा रही थी और इस कारण परिवादी बमुस्किल रात में अपने घर पहुॅच सका। अगले दिन ही परिवादी द्वारा इसकी सूचना विपक्षी संख्या-3 को दी गयी और कस्टमर फीड बैक फार्म में भी उक्त समस्या के बाबत लिखकर विपक्षी को दिया गया जिसपर विपक्षी संख्या-3 द्वारा जल्द समस्या के निदान की बात कहीं गयी। विपक्षी संख्या-3 द्वारा उक्त समस्या को समझने हेतु दिनांक 21-04-2021 को सर्विस इन्जीनियर श्री कमल जिनके द्वारा पूर्व में परिवादी की मोटर साईकिल ठीक की गयी थी को परिवादी के पास नैनीताल भेजा गया तब उनके द्वारा भी मोटर साईकिल में वही परेशानी पायी गयी तथा उनके द्वारा अपने कम्पनी के अधिकारियों को बताने का आश्वासन  देकर वापस चले गये। लेकिन इसके बाद विपक्षीगण की ओर से उक्त मोटर साईकिल में उत्पन्न हुई समस्याओं को ठीक करने हेतु कोई नहीं आया और कुछ दिनों बाद कोबिड के चलते लाॅक डाउन लग गया। परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या-3 के इन्जीनियर द्वारा बमुस्किल वाहन को चढाई में चढाने के फोटोग्राफ भी लिये गये और उक्त फोटो में उन्हें हाॅफ क्लच का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता है। 
परिवादी द्वारा दिनांक 24-05-2021 को विपक्षी को एक मेल द्वारा शिकायत भेजी गयी जिसके उत्तर में परिवादी को विपक्षी संख्या-3 द्वारा सूचित किया गया कि इस समय लाॅक डाउन के कारण सभी एजेन्सी व सर्विस सेन्टर बन्द हैं लाॅक डावन हटने पर आवकी समस्या का निदान किया जायेगा। जब लाॅक डावन खुलने के बाद भी समस्या का निदान नहीं हुआ तो परिवादी द्वारा पुनः दिनांक 06-09-2021 को विपक्षी संख्या-3 को ईमेल किया गया जिसका कोई उत्तर परिवादी को प्राप्त नहीं हुआ। दिनांक-15-09-2021 को परिवादी को विपक्षी की एजेन्सी से मोटर साईकिल की सर्विस के लिए फोन किया गाया जिसपर परिवादी दिनांक-19-09-2021 को प्रातः 10 बजे प्रश्नगत मोटर साईकिल लेकर विपक्षी के सर्विस सेन्टर गया जहाॅं पर विपक्षी संख्या-3 द्वारा प्रश्नगत  मोटर साईकिल की दूसरी सर्विस में ही उसकी क्लच प्लेट बदल दी गयी जो सामान्य बात नहीं मानी जा सकती है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि परिवादी को विपक्षीगण द्वारा एक खराब व डिफैक्टिव मोटर साईकिल विक्रय की गयी थी। विपक्षीगण द्वारा अपनी गलती का अहसास होने पर क्लच प्लेट बदलने की कोई धनराशि भी परिवादी से नहीं ली गयी, लेकिन उसके 8 घण्टे बाद ही परिवादी को अहसास हुआ कि मोटर साईकिल जस की तस बनी हुई है और उसका मूल्यवान समय भी नष्ट हुआ है।
 विपक्षी  एजेन्सी द्वारा पुनः अपने इन्जीनियर को दिनांक 22-09-2021 को नैनीताल भेजा गया जिन्होंने समस्या की जाॅच की तथा उसका बीडियो बनाया गया एवं इसके बाद विपक्षी संख्या-3 के जी0एम0 के सामने यह प्रकरण लाया गया जिन्होंने दिनांक-06-10-2021 को एक डैमो बाईक नैनीताल भिजवायी गयी और वह डैमो बाईक उपर चढ गयी लेकिन परिवादी की बाईक में वही पुरानी समस्या ज्यों की त्यों बनी रही। परिवादी द्वारा इस सम्बन्ध में कई बार विपक्षीगण को ईमेल किये गये लेकिन विपक्षीगण के इन्जीनियर मोटरसाईकिल को ठीक करने की स्थिति में नहीं है और मोटर साईकिल हल्द्वानी से नैनीताल आने की स्थिति में भी नहीं है। विपक्षी संख्या-3 द्वारा विपक्षी संख्या-4 के अधिकारियों से बात की गयी जिनके द्वारा परिवादी को फोन पर मोटर साईकिल ठीक करने का आश्वासन दिया गया। उक्त फोन वार्ता के दोरान परिवादी को सर्वप्रथम विपक्षी संख्या-4 की ओर से श्री राघव रेड्डी द्वारा बताया गया कि परिवादी की मोटर साईकिल की प्रथम सर्विस के दौरान विपक्षी संख्या-3 के सर्विस इन्जीनियर की गलती व लापरवाही से ’’वाशर’’ परिवादी की मोटरसाईकिल के इंजन में गिर गया था जिस कारण प्रथम सर्विस में ही परिवादी की मोटर साईकिल का इंजन खोलना पडा जिसके लिए उन्हें अफसोस है। इसके बाद भी दिनांक 15-11-2021,दिनांक 17-11-2021, 18-11-2021, 19-11-2021 ,23-11-2021, 04-112-2021, 9-12-2021, व 17-12-2021 को विपक्षीगों  व परिवादी के बीच ई-मेल से वार्ता हुई और उनके द्वारा इन्जीनियर को भेजने की बात कहीं गयी लेकिन इन्जीनियर के एक्सीडेन्ट के कारण वह नहीं आ पाये। अन्ततः दिनांक-29-12-2021 को विपक्षीगण द्वारा अपने इन्जीनियर को नैनीताल भेजा गया जिनके पास उस समय  किसी प्रकार के उपकरण नहीं थे और उनके द्वारा प्रश्नगत मोटर साईकिल में हल्के-फुल्के एडजस्टमेट कर वाहन को चढाई में चढाने की कोशिश की गयी परन्तु मोटर साईकिल की समस्या बरकरार रही और वह चढाई पर ठीक से नहीं चढ पायी।  इसके बाद कम्पनी के टैक्नीशियत श्री गुलबहार के सामने दो एक जैसी मोटर साईकिलों को चढाई में चढा कर देखा गया जिसमें से दूसरी मोटर साईकिल आराम से चढाई में चढ गयी और परिवादी की मोटर साईकिल बमुश्किल चढ पाई। इसके बाद विपक्षी संख्या-3 द्वारा दिनांक-10-01-2022 को ई़-मेल के माध्यम से परिवादी को गलत आधारों पर यह बताया कि विपक्षी संख्या-3 के हिसाब से परिवादी की मोटर साईकिल ठीक है और उसका केस बन्द कर दिया गया है जबकि परिवादी की मोटर साईकिल अभी भी खराब ही है। इसके बाद भी परिवादी द्वारा विपक्षीगण को कई ईमेल किये जा चुके हैं लेकिन उनके द्वारा परिवादी की प्रश्नगत मोटरसाईकिल की समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। इसप्रकार विपक्षीगणों  द्वारा परिवादी को दी जाने वाली सेवा में कमी की गयी है जिसकारण परिवादी को अत्यधिक मानसिक वेदना व आर्थिक क्षति का सामना करना पड रहा है। विपक्षीगण द्वारा परिवादी को खराब मोटर साईकिल विक्रय की गयी है जिसमें निमार्ण सम्बन्धी दोष विद्यमान है। परिवादी द्वारा विपक्षीगण को दिनांक 22-10-2021 को एक विधिक नोटिस प्रेषित किया गया जो विपक्षी संख्या-4 पर तामील हुआ लेकिन विपक्षीगण सुनवा नहीं हुए और आज दिन तक परिवादी की मोटर साईकिल वैसे ही पडी हुई है। परिवाद समयसीमा व जिला उपभोक्ता आयोग के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत प्रस्तुत किया गया है। परिवादी परिवादपत्रा में चाहा गया अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी है। 
विपक्षीगणों द्वारा संयुक्त जवाबदावा कागज संख्या-12-12/2 दाखिल किया गया है जिसमें विपक्षीगण द्वारा परिवादपत्रा के आरोपों का खण्डन करते हुए अतिरिक्त कथन में कहा है कि परिवादी द्वारा उक्त मोटर साईकिल विपक्षी के शोरूम से दिनांक-30-03-2021 को क्रय की गयी थी तथा नियत समय पर उक्त मोटर साईकिल की प्रथम सर्विस दिनांक-14-04-2021 को की गयी थी। तत्पश्चात उक्त मोटर साईकिल 500 किलोमीटर चलाई जा चुकी थी तथा परिवादी द्वारा सर्विस कार्ड पर कोई समस्या अंकित नहीं करवाई गयी थी। जिससे स्पष्ट है कि उक्त मोटर साईकिल में किसी प्रकार की कोई यांत्रिक कमी नहीं थी। पहली सर्विस के दौरान मोटर साईकिल का इंजन नहीं खोला गया था कम्पनी की पालिसी के अनुसार मांत्रा राॅकर कवर खोलकर मोटर साईकिल के टैपेट मिलाये गये थे। प्रश्नगत सर्विसिंग के दौरान बाॅयी ओर का एक वाॅशर गिर जाने के कारण से बांई ओर का लाॅकर कवर खोलकर उसे निकालकर यथास्थान लगा दिया गया था। कवर को लगाने के पश्चात वाहन की कार्य क्षमता में किसी प्रकार कोई ऋणातम्क प्रभाव पडना किसी भी प्रकार से संम्भव नहीं है। उक्त सर्विस के पश्चात कम्पनी के सीनियर मैकेनिक द्वारा मोटर साईकिल की भली भांति जाॅच कर वाहन को परिवादी की सुपुर्दगी में दे दिया गया व वाहन लेने के पश्चात परिवादी द्वारा तत्समय कोई कमी नहीं बतायी गयी। परिवादी द्वारा उक्त मोटर साईकिल की द्वितीय सर्विस दिनांक 19-09-2021 को कराई गयी तथा तत्समय उक्त मोटर साईकिल 3,349 कि0मी0 चलाई जा चुकी थी उस समय परिवादी द्वारा मोटर साईकिल के सर्विस रिकार्ड में मांत्रा चढाई में वाहन को चलाने से सम्बन्धित शिकायत की गयी थी, जिसपर उक्त मोटर साईकिल की कम्पनी की वर्कशाप में कुशल मैकेनिक के समक्ष वाहन की क्लच प्लेट की जाॅच करने पर क्लच प्लेट जली हुई पाई गयी। जिसका एक मांत्रा कारण परिवादी द्वारा वाहन को गति एवं चढाई के अनुरूप गियर में नहीं चलाना रहा था। इसके बाबजूद विपक्षीगण द्वारा परिवादी से बिना शुल्क लिए उक्त क्लच प्लेट को बदल दिया गया एवं भविष्य में गति व चढाई के अनुरूप गियर में वाहन चलाऐ जाने का सुझाव दिया गया था।
 परिवादी का यह आरोप निराधार है कि परिवादी का वाहन चढ़ाई में ठीक प्रकार से नहीं चढता है, कतई गलत एवं मनगढन्त है क्योंकि परिवादी की शिकायत पर विपक्षीगण के कई अनुभवी चालकों/इन्जीनियरों द्वारा परिवादी के समक्ष उक्त मोटर साईकिल को अलग-अलग परिस्थितियों में चलाकर दिखाया गया जिसके वीडियो फुटेज विपक्षीगण के पास सुरक्षित हैं। यदि मोटर साईकिल में कोई कमी हो तो विपक्षी आज भी परिवादी को उसकी उक्त मोटर साईकिल की तथाकथित कमी को कम्पनी की वारण्टी के नियम व शर्तो के अनुरूप ठीक करने को तैयार है। विपक्षीगण द्वारा परिवादी को दी जाने वाली सेवा में किसी प्रकार की कमी अथवा त्राुटि नहीं की गयी है और परिवाद सव्यय खारिज होने योग्य है। 
परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में स्वयं का शपथपत्रा कागज संख्या-4, आधार कार्ड कागज संख्या-5, इन्वाईस कागज संख्या-5/2, वारण्टी कार्ड कागज संख्या-5/3, ड्राईविंग लाइसैन्स कागज संख्या-5/4, पैन ड्राईव कागज संख्या-5/5, फोटोग्राफ  कागज संख्या-5/6, इन्वाईस दिनंाक-14-04-2021, कस्टूमर फीडबैंक फार्म कागज संख्या-5/8, जी-मेल व फोटोग्राफ, इन्वाईस कागज संख्या-5/15, व जी-मूेल कागज संख्या-7/17 से 5/38, व परिवादी का साक्ष्य शपथपत्रा कागज संख्या-15-15/12, व पैन ड्राईव कागज संख्या-19/4, व जी-मेेल कागज संख्या-22 लगायत 22/17, व इन्जीनियर रमेश कुमार गुप्ता चार्टेड इंजीनियर, की रिपोर्ट कागज संख्या-24 लगायत 24/16 व फेहरिस्त कागज संख्या-31 द्वारा जाब कार्ड/कस्टूमर प्रति कागज संख्या-31/2-31/3 दाखिल किये गये हैं। 
विपक्षी द्वारा अपने कथन के समर्थन श्री उमेश जोशी, प्रबन्धक, राॅयल इन्फील्ड, शोरूम, सूरी सेल्स प्रा0लि0 का शपथपत्रा कागज संख्या-19-19/4 तथा फेहरिस्त कागज संख्या-32 से सर्विस जाॅब कार्ड कागज संख्या-32/2-32/3 दाखिल किया गया है। 
परिवादी द्वारा लिखित बहस कागज संख्या-29-29/3 व दो विधि व्यवस्थाऐं दाखिल की गयी है तथा विपक्षी द्वारा लिखित बहस कागज संख्या-30-30/3 दाखिल की गयी है। 
हमारे द्वारा उभय पक्षों के विद्वान अधिवक्तागणें  को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखीय साक्ष्यों का विस्तार से अवलोकन व परिशीलन किया गया। 
परिवादपत्रा  के साथ संलग्न कागज संख्या-5/2 परिवादी द्वारा प्रश्नगत मोटर साईकिल राॅयल इन्फील्ड, माॅडल डमजमवत.350 दिनांक 30-03-2021 को विपक्षी संख्या-3 जोकि वाहन निर्माता कम्पनी (विपक्षी संख्या-4) के उक्त वाहनों को विक्रय करने हेतु अधिकृत डीलर है व जिनका पंजीकृत कार्यालय व उसके निदेशक विपक्षी संख्या-1 व 2 हैं, से क्रय की गयी थी जो कि उभय पक्षकारों के मध्य एक निर्विवादित तथ्य सिद्ध होता है। प्रश्नगत मोटर साईकिल दिनांक 30-03-2021 को क्रय किये जाने के दो सप्ताह बाद ही परिवादी उक्त मोटर साईकिल की प्रथम सर्विस हेतु विपक्षी संख्या-3 के सर्विस सेन्टर दिनांक 14-04-2021 को लेकर गया जहाॅं उक्त मोटर साईकिल की सर्विस की गयी तथा उसके लिए परिवादी से रू0 1269/-लिये गये, जिसकी रसीद कागज संख्या-5/7 पत्रावली में संलग्न है। परिवादी द्वारा अपनी प्रश्नगत मोटर साईकिल की प्रथम सर्विस के दौरान लिये गये फोटोग्राफ कागज संख्या-5/6 व कागज संख्या-5/13-5/14 भी संलग्न किये गये हैं। 
परिवादी द्वारा परिवादपत्रा के साथ संलग्न किये गये अपनी प्रश्नगत मोटर साईकिल की फोटोग्राफ कागज संख्या-5/6 में उक्त मोटर साईकिल के पैट्रोल टैंक व सीट को उतारा गया तथा उसके इंजन में मरम्मत का काम करते हुए मैकेनिक को स्पष्ट रूप में देखा जा सकता है। परिवादी द्वारा अपनी मोटर साईकिल की प्रथम सर्विस का कस्टमर फीड बैक फार्म पत्रावली में संलग्न कागज संख्या-5/8 में नीचे दिनांक 19-04-2021 की तिथि अंकित की गयी प्रदर्शित होती है तथा ब्वउउमदज में दवज चमतवितउपदह ंे पज ूंे चमतवितउपदह इमवितम प्ेज ैमतमअपबम दममक जव नेम बसनबी पद वतकमत जव उंाम बसपउइ ेजममच ूीमतम पज ूंे बसपउइपदह चमतमिबजसल ूपजीवनज मििवतजण् तदोपरान्त परिवादी द्वारा दिनांक 24-05-2021 को विपक्षी कम्पनी को ईमेल पर अपनी मोटर साईकिल में चढाई के दौरान उसकी शक्ति में कमी आने वाली समस्या तथा चढाई के लिए हाॅफ क्लच इस्तेमाल करने की जरूरत एवं हाॅफ क्लच प्रयोग न करने पर इंजन नोकिंग के साथ बन्द हो जाने की शिकायत की गयी। परिवादी द्वारा अपनी शिकायत में यह भी लिखा पाया गया कि शिकायत के बाद एजेन्सी के सर्विस इन्जीनियर द्वारा भी परिवादी की प्रश्नगत मोटर साईकिल को चला कर देखा गया तथा उन्होंने भी उसे अपेक्षित व निर्धारित स्तर के अनुरूप नहीं चलना पाया था किन्तु वह भी परिवादी की मोटर साईकिल में हो रही समस्या का कोई समाधान नहीं ढूंढ पाये थे। उसके बाद लाॅक डाउन हो जाने के कारण ऐजेेन्सी भी बन्द हो गयी थी तथा परिवादी द्वारा लाॅक डाउन खुलने पर अपनी मोटर साईकिल में हो रही समस्याओं का समाधान करने का अनुरोध किया गया, विपक्षी कम्पनी को भेजी गयी ईमेल में वर्णित पाया गया है। 
विपक्षीगणों की ओर से प्रस्तुत संयुक्त एवं संक्षिप्त जवाबदावा कागज संख्या-12-12/2 में विपक्षीगणों की ओर से परिवाद के पद संख्या-1 को स्वीकार किया गया है तथा पैरा-2 में परिवाद के पद संख्या-2 लगायत 6 जिस तरह तहरीर किये गये हैं कतई स्वीकार नहीं है, कथन किया गया है। शेष अतिरिक्त कथन में। विपक्षीगणों के जवाबदावे के पैरा-3 में परिवादपत्रा के पद संख्या-7 लगायत 12 को जिस तरह तहरीर किये गये हैं, कतई अस्वीकार हैं, कथन किया गया है। शेष अतिरिक्त कथन में। जवाबदावे के पैरा-4 में परिवाद के पद संख्या-13 लगायत 19 को कतई गलत, एवं मनगढन्त तथ्यों पर आधारित होने के कारण अस्वीकार किया गया है तथा कतई स्वीकार नहीं है, कथन किया गया है। शेष अतिरिक्त कथन में। जवाबदावे के पैरा-5 में लिखा गया है कि परिवाद के पद संख्या-20 लगायत 23 गलत एवं मनगढन्त तथ्यों पर आधारित हैं, जिस कारण कतई अस्वीकार हैं। शेष अतिरिक्त कथन में। पैरा-6 में लिखा गया है कि परिवाद का पद संख्या-24 जिस तरह तहरीर है, अस्वीकार है। जवाबदावे के पैरा-7 में परिवाद के पद संख्या-25 गलत व मनगढन्त तथ्यों पर आधारित होने के कारण अस्वीकार होना तथा परिवादी का विपक्षीगणों के विरूद्ध कोई वादकारण उत्पन्न न होने से वाद प्रथमदृष्टया खारिज होने योग्य होने का कथन कया गया है। जवाबदावे के पैरा-8 में परिवाद के पद संख्या-26 कानूनी होने के कारण किसी टिप्पणी की कोई आवश्यकता नहीं होनी बताई गयी है। जवाबदावे के पैरा-9 में परिवादी के अनुतोषिक पद को कतई अस्वीकार करते हुए कथन किया गया है कि परिवादी विपक्षी से किसी भी प्रकार को कोई अनुतोष प्राप्त करने का कोई अधिकारी न होने के कारण परिवाद बहक विपक्षी विरूद्ध परिवाद सव्यय खारिज होने योग्य है। 
विपक्षीगणों की ओर से प्रस्तुत संयुक्त जवाबदावे के अतिरिक्त कथन के पैरा-10 में परिवादी द्वारा प्रश्नगत मोटर साईकिल विपक्षी के शोरूम से दिनांक 30-03-2021 को क्रय किया जाना तथा नियत समय पर मोटर साईकिल की प्रथम सर्विस दिनंाक-14-04-2021 को की जानी स्वीकार की गयी है। तत्समय उक्त मोटर साईकिल 500 कि0मी0 चलाई गयी होने तथा परिवादी द्वारा सर्विस कार्ड पर कोई समस्या अंकित नहीं करवाई जाने का कथन किया गया है। जिससे उक्त मोटर साईकिल में किसी प्रकार की कोई यांत्रिक कमी नही होने तथा प्रथम सर्विस में मोटर साईकिल का इंजन नहीं खोले जाने एवं कम्पनी की पाॅलिसी के अनुसार मांत्रा राॅकर कवर खोलकर मोटर साईकिल के टैंपेट मिलाये गये होने का कथन किया गया है। जवाबदावे के अतिरिक्त कथन में आगे लिखा गया है कि सर्विसिंग के दौरान बांयी ओर का एक वाॅशर गिर जाने के कारण से बाई ओर का लाॅकर कवर खोलकर उसे निकाल कर यथास्थान लगा दिया गया तथा कवर लगाने के पश्चात वाहन की कार्य क्षमता में किसी प्रकार का कोई ऋणात्मक प्रभाव किसी भी प्रकार से संभव नहीं होना कहा गया है। उक्त सर्विस के पश्चात कम्पनी के सीनियर मैकेनिक द्वारा मोटर साईकिल की भलीभांति जाॅच कर वाहन को परिवादी की सुपुर्दगी में दिये जाने का कथन किया गया है। 
हमारे द्वारा प्रश्नगत मोटर साईकिल की प्रथम सर्विस दिनांक 14-04-2021 के विपक्षी संख्या-3 द्वारा निर्गत बिल कागज संख्या-5/7 का अवलोकन करने पर विदित होता है कि उसमें उक्त मोटर साईकिल के इंजन में वाशर गिरने तथा इंजन या लाॅकर कवर खोलने तथा टेंपेड लिये जाने का उक्त बिल में कोई वर्णन किया गया नहीं पाया जाता है और ना ही ऐसा कोई जाॅब कार्ड अथवा टैक्नीशियन रिपोर्ट विपक्षीगणों द्वारा पत्रावली में उपलब्ध करवाई गयी है। जबकि परिवादी द्वारा प्रथम सर्विस के दौरान लिये गये संलग्न फोटोग्राफ कागज संख्या-5/6 में उक्त मोटर साईकिल की पैट्रोल टेंक व सीट उतारी गयी तथा वाहन के इंजन को खोल कर उसकी मरम्मत का कार्य करते हुए मैकेनिक को स्पष्ट देखा जा सकता है इसके अतिरिक्त कागज संख्या-5/13-5/14 में भी प्रश्नगत मोटर साईकिल के इंजन को खुला होना तथा उसमें मरम्मत का काम किया जाना स्पष्ट परिलक्षित होता है। 
विपक्षीगणों की ओर से प्रस्तुत जवाबदावे के अतिरिक्त कथन के पैरा-11 में लिखा गया है कि परिवादी द्वारा उक्त मोटर साईकिल की द्वितीय सर्विस दिनांक-19-09-2021 को कराई तथा तत्समय उक्त मोटर साईकिल 3349 कि0मी0 चलाई जा चुकी थी, उस समय परिवादी द्वारा उक्त मोटर साईकिल के सर्विस कार्ड में मांत्रा चढाई में वाहन को चलाने से सम्बन्धित शिकायत की गयी थी, जिस पर उक्त मोटर साईकिल की कम्पनी की वर्कशाॅप में कुशल मैकेनिक के समक्ष वाहन की क्लच प्लेट की जाॅच करने पर क्लच प्लेट जली हुई पाई गयी जिसका एक मांत्रा कारण परिवादी द्वारा वाहन को गति एवं चढ़ाई के अनुरूप  गियर में नहीं चलाना रहा था। इसके बाबाजूद विपक्षीगण द्वारा परिवादी से बिना शुल्क लिए उक्त क्लच प्लेट को बदल दिया गया एवं भविष्य मेें गति व चढ़ाई के अनुरूप गियर में वाहन चलाऐ जाने का सुझााव दिया गया। 
हमारे द्वारा प्रश्नगत मोटर साईकिल की दूसरी सर्विस दिनांक-19-09-2021 जिसका बिल रू0 1175/- परिवादपत्रा के साथ संलग्न कागज संख्या-5/15 है तथा जिसकी टैक्नीशियन काॅपी दिनांक-19-09-2021 विपक्षी के अधिवक्ता द्वारा मय सूची कागज संख्या-32/3 दिनांक 04-09-2023 को प्रस्तुत की गयी है, जिसमें प्रश्नगत मोटर साईकिल की क्लच प्लेट लगाई जाने का वर्णन पाया गया है। कागज संख्या-32/3 में प्रश्नगत मोटर साईकिल के 3349 किलोमीटर चलने की भी पुष्टि होती है। कागज संख्या-32/3 के कस्टमर बाॅइस काॅलम में प्रश्नगत मोटर साईकिल का तेज आवाज करना, फ्रन्ट साईड में आवाज आना, कम्पन्न होना तथा उसमें पिकअप प्राबलम होना वर्णित पाया गया है। 
परिवादी द्वारा मौखिक बहस में कहा गया कि परिवादी के पास मोटर साईकिल चलाने का बैध एवं प्रभावी चालक लाईसैन्स है। जिसकी छायाप्रति परिवादी द्वारा परिवादपत्रा के साथ कागज संख्या-5/4 के संलग्न की गयी है।  परिवादी द्वारा विपक्षी कम्पनी के मैन्यूअल में वर्णितनुसार ही अपने प्रथम सर्विस के दौरान ही विपक्षी संख्या-3 के सर्विस सेन्टर के मैकेनिक द्वारा  वाहन की पहली सर्विस 500 कि0मी0 पर कराई गयी थी और इसी दौरान परिवादी को बताये बिना मोटर साईकिल का पूरा इंजन खोल दिया गया था। जिसका कोई कारण परिवादी को नहीं बताया गया तथा पूछने पर मांत्रा यह कहा गया कि उक्त मोटर साईकिल की टाईमिंग बैल्यू ठीक न होने के कारण वाहन को खोला गया। इसके बाद विपक्षी के मैकेनिक द्वारा उक्त वाहन की कोई टेस्ट ड्राईव नहीं ली गयी थी । विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावे के पैरा-10 में स्वयं स्वीकार किया गया है कि उक्त मोटर साईकिल की प्रथम सर्विस के दौरान इंजन में वाशर गिरने के कारण इंजन खोलने की बात कहीं गयी है। इससे यह सिद्ध होता है कि उक्त वाहन में प्रारम्भ से ही निमार्ण सम्बन्धी दोष था। इस प्रकार विपक्षीगणों द्वारा परिवादी को एक त्राुटिपूर्ण वाहन विक्रय किया गया है। परिवादी द्वारा दिनंाक 30-10-2022 को अपना उक्त वाहन विपक्षी संख्या-3 के सर्विस सेन्टर में आखिरी बार छोड़ दिया गया था जो कि अभी विपक्षीगणों के पास ही है। 
विपक्षी द्वारा मौखिक बहस में कहा है कि परिवादी से प्रथम सर्विस के दौरान लिया गया बिल फ्यूल चार्ज के लिए लिया गया था उसमें लेबर चार्ज शमिल नहीं है। परिवादी द्वारा दिनांक-14-04-2021 के पाॅच दिन बाद फीड बैक फार्म में शिकायत लिखी गयी है। परिवादी द्वारा दिनांक 19-09-2021 को 3349 कि0मी0 चलने के बाद उक्त मोटर साईकिल की दूसरी सर्विस करवाई गयी। मोटर साईकिल में किसी प्रकार का मैन्यूफैक्चरिंग डिफैक्ट नहीं था। अक्टूबर 2022 में वाहन सरेन्डर किया गया तब तक वाहन 8270 कि0मी0 चल चुका था। वाहन का इस्तेमाल परिवादी द्वारा किया जाता रहा है किन्तु कोई त्राुटिपूर्ण वाहन इतना नहीं चलता है। परिवादी को वाहन का इंजन बदकर नया इंजन लगाने का प्रस्ताव मौखिक रूप में दिया गया था जिसे परिवादी द्वारा अस्वीकार किया गया। 
परिवादी द्वारा परिवादपत्रा के साथ कागज संख्या-5/17 ईमेल दिनांकित 22-11-2021 से कागज संख्या-5/38 परिवादी द्वारा ईमेल/व पंजीकृत डाॅक द्वारा विपक्षी कम्पनी को अपनी मोटर साईकिल में हो रही परेशानियों के सम्बन्ध में प्रेषित नोटिस दिनांक 22-10-2021 की प्रतियाॅं संलग्न की गयी हैं। जिनके अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपनी मोटर साईकिल को चढ़ाई के दौरान हो रही परेशानी तथा मोटर साईकिल के पिकअप में कमी होने की समस्या से लगातार विपक्षीगणों को अवगत कराया जाता रहा है। विपक्षीगणों के सर्विस इंजीनियर द्वारा भी प्रश्नगत मोटर साईकिल को चढ़ाई पर चलाकर देखा गया है जिसक विडियो/पैन ड्राईव उभय पक्षकारों द्वारा पत्रावली में प्रस्तुत किये गये हैं जिन्हें जिला उपभोक्ता आयोग, के चैम्बर में लैपटाॅप पर चलवा कर हमारे द्वारा भी देखा गया है। उक्त वीडियो में उभयपक्षों के व्यक्तियों द्वारा प्रश्नगत मोटर साईकिल को चढ़ाई पर चढ़ाने के दौरान असहजता तथा चढ़ाई पर रोकने के बाद दुबारा से चलाने पर चढ़ने में पिकअप की कमी स्पष्ट रूप में परिलक्षित होता है। 
उभय पक्षकारों की ओर से तर्क-वितर्क के पश्चात प्रश्नगत मोटर साईकिल को किसी स्वतंत्रा तृतीय पक्ष के सामने चलवाकर तथा चढ़ाई में चलवा कर देखने के उद्देश्य से परिवादी तथा उकत मोटर साईकिल का निरीक्षण वाहन विशेषज्ञ से करवाने हेतु प्रा0पत्रा कागज संख्या-21 प्रस्तुत किया गया जिसकी अनुमति प्रदान की गयी। निरीक्षक द्वारा प्रश्नगत वाहन को उभयपक्षों के नियुक्त व्यक्तियों से अलग-अलग चलवाकर एक चढ़ाई पर चढ़वा कर देखा गया तथा जिसकी निरीक्षण रिपोर्ट कागज संख्या-24-24/4 पत्रावली में दिनांक 21-02-2023 को प्रस्तुत की गयी। उक्त निरीक्षण रिपोर्ट के पृष्ठ 3, कागज संख्या-24/3 में लिखा पाया गया कि ’’पहले तकनीकी निरीक्षण में गाड़ी पर अनुराग विष्ट बैठे व गाड़ी के पीछे उमेश चन्द्र जोशी बैठे। गाड़ी अनुराग विष्ट ने स्टार्ट की, गाड़ी स्टार्ट होने के बाद लगभग 30 फिट उपर चढ़ने के बाद लोड लेने के कारण बन्द हो गयी। दूसरे तकनीकी निरीक्षण में उसी स्थान पर जहाॅं से पहले तकनीकी निरीक्षण हुआ था, उसी स्थान से उमेश चन्द्र जोशी गाड़ी पर बैठे और पीछे अनुराग विष्ट बैंठे। गाड़ी रमेश चन्द्र जोशी ने चलाई, गाड़ी लगभग 40 फिट उपर चढने के दौरान बहुत तेज आवाज करने लगी, एक्सीलेटर बढाने पर भी गाड़ी आगे नहीं बढ़ी और झटके से बन्द हो गयी। मैंने दोनो पक्षों से इस विषय में पूछताछ की तो उमेश चन्द्र जोशी ने कोई सन्तोषजनक जवाब नहीं दिया। मैंने अनुराग विष्ट से पूछा तो उन्होंने बताया कि गाड़ी की यह समस्या पहले से ही थी ,जो अभी तक दूर नहीं हुई। अतः मैने अपने तकनीकी निरीक्षण में पाया कि गाड़ी आगे नहीं बढ़ी और झटके खाकर बीच में ही बन्द हो गयी जिसका कारण उक्त मोटर साईकिल के इंजन, गियर बाक्स, क्लच की मैन्यूफैक्चरिंग डिफैक्ट है।’’ निरीक्षण रिपोर्ट के साथ निरीक्षण के समय मौके पर लिए गये फोटोग्राफ कागज संख्या-24/12-24/15 (8 वर्क) तथा लिफाफे में बन्द कर पैन ड्राईब कागज संख्या-24/16 संलग्न कर प्रस्तुत की गयी है। 
उक्त निरीक्षण रिपोर्ट के विरूद्ध विपक्षीगणों की ओर से आपत्ति कागज संख्या-27-27/2 तथा पैन ड्राईव कागज संख्या-27/3 प्रस्तुत की गयी। विपक्षीगणों की ओर से प्रस्तुत आपत्ति विरूद्ध निरीक्षण रिपोर्ट में लिखा गया है कि निरीक्षणकर्ता केवल वाहन के बैल्यूअर मांत्रा हैं तथा उनके द्वारा प्रस्तुत की गयी निरीक्षण रिपोर्ट प्रत्यक्ष रूप से परिवादी को लाभ पहुॅचाने के उद्देश्य से उनके पक्ष में दी गयी है। आगे पैरा-3 मेें लिखा गया है कि सर्वेयर द्वारा प्रस्तुत तकनीकी निरीक्षण रिपोर्ट में न तो विवादित मोटर साईकिल का आन्तरिक परीक्षण किया गया और ना ही बाह्य परीक्षण जिससे यह स्पष्ट हो सके कि उक्त वाहन के निमार्ण मंे क्या कमी है। जिससे विपक्षी द्वारा प्रस्तुत आपत्ति में लगाये गये आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाती है। आपत्ति के पैरा-4 में लिखा गया है कि सर्वेयर द्वारा विवादित मोटर साईकिल को स्वयं चलाकर नहीं देखा गया तथा वाहन को चलाकर उसकी कमियाॅं चैक नहीं की गयी तथा सर्वेयर द्वारा परिवादी को एकपक्षीय लाभ देते हुए रिपोर्ट तैयार की गयी है। आपत्ति के पैरा-6 में कहा गया है कि ’’जब विपक्षीगण की ओर से प्रबन्धक उमेश चन्रद्र जोशी द्वारा उक्त विवादित मोटर साईकिल को चलाया गया तो उनके साथ बैठे परिवादी के प्रतिनिधि द्वारा उक्त मोटर साईकिल में जबरन कमी दर्शाने की बदनीयत से प्रबन्धक उमेश चन्द्र जोशी को कन्धे से पीछे की ओर खींचकर तथा अन्य व्यक्ति द्वारा मोटर साईकिल के सामने से आकर बीडियो बनाना शुरू कर दिया, तांकि विपक्षीगण को मजबूरन मोटर साईकिल को रोकना पड़े। यही नहीं परिवादी के प्रतिनिधि द्वारा विपक्षीगण के चालक उमेश चन्द्र जोशी से उक्त विवादित मोटर साईकिल को खड़ी चढ़ाई के बाबजूद जबरन गलत गियर में चलवाया गया। इस सम्बन्ध में विपक्षीगण द्वारा विडियो प्रस्तुत की जा रही है’’। हमारे द्वारा विपक्षीगणों द्वारा आपत्ति के साथ प्रस्तुत बीडियो/पैनड्राईव को जिला कार्यालय में स्वयं चलाकर देखा गया। जिसमें विपक्षीगणों द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट के विरूद्ध प्रस्तुत आपत्ति में वर्णित आरोपों की किसी भी प्रकार से पुष्टि नहीं होती है। अतः विपक्षीगणों के आरोपों को मिथ्या मानकर खारिज किया जाता है। 
गौरतलब है कि प्रश्नगत/विवादित मोटर साईकिल के तकनीकी परीक्षण के समय मोटर साईकिल विपक्षी कम्पनी के प्रतिनिधि द्वारा ही मौके पर लाकर प्रस्तुत की गयी थी जिसे निरीक्षक द्वारा दोनो पक्षों के व्यक्तियों से अलग-अलग एक ही चढ़ाई के रास्ते पर चढ़वाकर देखा गया जाना अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में वर्णित किया गया है। 
परिवादपत्रा तथा पत्रावली में उपलब्ध कराये गये प्रपत्रों का सम्पूर्ण एवं सम्यक रूप में अध्ययन एवं अनुशीलन करने पर भी यह प्रश्न अनुत्तरित रह जाता है कि प्रश्नगत/विवादित मोटर साईकिल में ऐसी कौन सी समस्या थी जिसके लिए उसे क्रय किये जाने के दो सप्ताह क भीतर ही उसकी प्रथम सर्विस के दौरान उसका इंजन खोलने की आवश्यकता विपक्षी संख्या-3 के वर्कशाॅप में मैकेनिकों को पड गयी थी। विपक्षी संख्या-3 के सर्विस सेन्टर द्वारा की गयी प्रथम सर्विसिंग के बिल दिनांकित 14-04-2021 कागज संख्या-5/7 में केवल प्रश्नगत मोटर साईकिल में आॅयल आदि डालने का ही वर्णन किया गया है जिसका भुगतान 1270/-रू0 परिवादी से प्राप्त किया गया है। किन्तु प्रश्नगत प्रथम सर्विस के दौरान लिये गये परिवादी द्वारा अपनी मोटर साईकिल के संलग्न फोटोग्राफ कागज संख्या-5/7 तथा 5/13 व 5/14 में उक्त मोटर साईकिल के पैट्रोल टैंक, सीट एवं इंजन को पूरी तरह से खोला जाना तथा उसकी दोनों साईड़ों से अलग-अलग मैकेनिकों द्वारा मरम्मत किया जाना पूरी तरह से स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। इस तथ्य का कोई खण्डन अथवा स्पष्टीकरण विपक्षीगणों की ओर से पत्रावली में कभी भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। विपक्षीगणों की ओर से प्रस्तुत संयुक्त जवाबदावे के पैरा-10 अतिरिक्त कथन में मांत्रा यही कहा गया है कि प्रश्नगत सर्विसिंग के दौरान उक्त मोटर साईकिल का एक वाॅशर गिर जाने के कारण उसके राॅकर/लाॅकर कवर को खोलकर ठीक किया गया था तथा उसके टैपेंट मिलाकर ठीक किये गये थे किन्तु उसकी भी पुष्टि ना तो उक्त बिल में की गयी है और ना ही इस बाबत कोई टैक्नीशियन रिपोर्ट या कोई जाॅबकार्ड विपक्षीगणों की ओर से पत्रावली में प्रस्तुत किया गया है। 
उपरोक्त वर्णित तथ्यों एवं परिस्थितियों के आधार पर हमें ऐसा प्रतीत होता है कि प्रश्नगत मोटर साईकिल में प्रारम्भ से ही कोई ऐसी समस्या विद्यमान थी जिसे क्रय किये जाने के बाद दो सप्ताह तक चलाने के बाबजूद परिवादी समझ नहीं पाया था किन्तु उसे प्रथम सर्विस के लिए विपक्षी संख्या-3 के वर्कशाॅप में मैकेनिकों द्वारा भांप लिया गया था तथा उसे ठीक करने के उद्देश्य से ही वहाॅं उसका पैट्रोल टैंक व सीट उतारकर तथा इंजन को खोलकर ठीक करने का प्रयास उसके द्वारा चुपचाप किया गया था और परिवादी के पूछताछ करने पर उसे कुछ भी अस्पष्ट बताकर टालने का प्रयास किया गया। पत्रावली में उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि इसके बाद भी परिवादी द्वारा अपनी उक्त मोटर साईकिल में विशेषकर चढ़ाई के दौरान उसके चढ़ने की समस्या के बारे में लगातार विपक्षीगणों को शिकायत की जाती रही जिसके निराकारण के लिए विपक्षी के सर्विस इन्जीनियर कई बार नैनीताल भी आये परन्तु उसका कोई समुचित समाधान नहीं किया जा सका। इससे ऐसा परिलक्षित होता है कि प्रश्नगत मोटर साईकिल की उक्त समस्या को विपक्षीगणों के मैकेनिक एवं सर्विस इन्जीनियर जानबूझ कर स्वीकार एवं उजागर नहीं करना चाहते है।
हमारी दृष्टि में प्रश्नगत मोटर साईकिल क्रय किये जाने के दो सप्ताह के भीतर ही प्रथम सर्विसिंग के दोरान विपक्षीगणों के वर्कशाॅप में उक्त मोटर साईकिल के इन्जन को खोला जाना प्रथम दृष्टया उसमें विधमान किसी निर्माण संबंधी कमी एवं दोष को सिद्व करना माना जा सकता है, जिसे आनन-फानन में मरम्मत कर परिवादी को वापस सौप दिया गया था। परिवाद की पत्रावली में उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से यह भी सिद्ध होता है कि प्रश्नगत मोटर साईकिल की प्रथम सर्विस के बाद भी परिवादी द्वारा प्रश्नगत मोटर साईकिल की चढ़ाई वाले रास्ते पर चढाने में हो रही परेशानी व पिकअप की समस्या की बार-बार व लगातार शिकायत की जाती रही जिसके लिए विपक्षीगणों की ओर से फौरी तौर पर अपने मैकेनिक/सर्विस इन्जीनियर को प्रश्नगत मोटर साईकिल की उक्त परेशानी तथा पिकअप की समस्या का समाधान करने हेतु भेजा गया किन्तु उसका कोई समाधान अन्त तक भी विपक्षीगणों द्वारा नहीं किया जा सका है। ऐसी परिस्थिति में हम यह मान सकते है, कि प्रश्नगत/विवादित मोटर साईकिल में कोई निर्णय संबंधी दोष तथा कमी प्रारंभ से ही विधमान थी तथा जाने-अनजानेे में विपक्षी सं0-3 द्वारा उक्त त्राुटियुक्त मोटर साईकिल परिवादी को विक्रय कर दी गई। ऐसी परिस्थिति में हम परिवादी को परिवाद पत्रा में की गई याचना के अन्र्तगत राहत प्रदान करने का उपयुक्त पात्रा पाते है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत की गयी विधि व्यवस्था कागज संख्या-29/8-29/12 प्रस्तुत प्रकरण की परिस्थितियों से मेल खाती हैं तथा परिवादी के पक्ष में स्वीकार की जाती हैं। 
उपरोक्त वार्णित तथ्यों एवं परिस्थितियों के आधार पर हम विपक्षी सं0-4 निर्माता कंपनी को यह आदेशित किया जाना पूरी तरह से उचित एवं न्यायसंगत समझते है कि वह या तो परिवादी से प्रश्नगत मोटर साईकिल की ली गई कीमत धनराशि रू0 1,78,744/- मय ब्याज उसे वापस कर दे अथवा परिवादी को दूसरी नई मोटर साईकिल प्रदान करें। नई मोटर साईकिल प्रदान किये जाने की स्थिति में विपक्षी निर्माता कंपनी परिवादी से पूर्व में प्राप्त की गई धनराशि उपरोक्त को एडजस्ट करके परिवादी द्वारा ली जाने वाली नई मोटर साईकिल की कीमत के अन्तर की राशि को परिवादी से अलग से प्राप्त कर सकेंगा तथा ऐसी परिस्थिति में परिवादी अपनी प्रश्नगत मोटर साईकिल से संबंन्धित सभी प्रपत्रा मूल रूप में विपक्षी कंपनी को हस्तगत करायेगा एवं इसके हस्तान्तरण के लिए आवश्यक प्रपत्रों पर अपने हस्ताक्षर भी करके देगा। इसके अतिरिक्त विपक्षीगणों के कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में किये गये व्यवहार एवं आचरण को हम उनकी ओर से की गई ’’सेवा में कमी’’ कमी मानते है, तथा इसके कारण परिवादी को मानसिक वेदना अनावश्यक रूप में परेशानी होनी भी सिद्व होती है जिसकी वजह से परिवादी को प्रस्तुत उपभोक्ता परिवाद योजित करने पर विवश होना पड़ा। अतः हम परिवादी को हुई मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के लिए रू0 20,000/- तथा वादव्यय के रूप में रू0 10,000/- अलग से विपक्षी निर्माता कंपनी (विपक्षी सं0-4) से दिलवाया जाना भी हम पर्याप्त एवं न्यायोचित मानते है। प्रस्तुत परिवाद तदानुसार निस्तारित किया जाता है। 
आदेश 
प्रस्तुत परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-4 निर्माता कंपनी को आदेशित किया जाता है कि वह इस आदेश के डेढ माह (45 दिनों) के भीतर परिवादी से प्रश्नगत मोटर साईकिल की ली गई कीमत धनराशि रू0 1,78,744/-(एक लाख अठहत्तर हजार सात सौ चैवालीस रू0) व इस धनराशि पर परिवाद योजित करने की तिथि दिनांक 08-03-2022 से उक्त रकम पर 8 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण व्याज सहित जोडकर एकमुश्त रूप में अदा करें, अथवा परिवादी को उसके द्वारा क्रय की गयी मोटर साईकिल के स्थान पर उसी माॅडल की दूसरी नई मोटर साईकिल प्रदान करें। नई मोटर साईकिल प्रदान किये जाने की स्थिति में विपक्षी निर्माता कंपनी परिवादी से पूर्व में प्रश्नगत मोटर साईकिल क्रय किये जाने के लिए प्राप्त की गई धनराशि उपरोक्त को एडजस्ट करके परिवादी द्वारा ली जाने वाली नई मोटर साईकिल की कीमत के अन्तर की राशि को परिवादी से अलग से प्राप्त कर सकेंगे। तथा ऐसी परिस्थिति में परिवादी अपनी प्रश्नगत विवादित मोटर साईकिल से संबंन्धित सभी प्रपत्रा मूल रूप में विपक्षी कंपनी को हस्तगत करायेगा एवं इसके हस्तान्तरण के लिए आवश्यक प्रपत्रों पर अपने हस्ताक्षर भी करके देगा। इसके अतिरिक्त विपक्षी संख्या-4 परिवादी को उपरोक्त निर्धारित अवधि में ही मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के लिए रू0 20,000/-(बीस हजार रू0) तथा वादव्यय के रूप में रू0 10,000/-(दस हजार रू0) अलग से अदा करेगा। 
पत्रावली में इस अन्तिम निर्णय आदेश से पूर्व पारित अन्य अन्तरिम आदेश यदि कोई है तो वह स्वतः निरस्त समझे जायेंगे। निर्णय आदेश की एक-एक सत्यापित प्रति पक्षकारों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जावे। निर्णय आदेश को पक्षकारों के अवलोकनार्थ विभागीय वैबसाईट में अपलोड किया जावे।
उपरोक्त आदेश का अनुपालन निर्धारित समयावधि के भीतर  सुनिश्चित न करने की दशा में विपक्षी संख्या-4 के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 71 व धारा-72 के तहत वसूली/कारावास/अर्थदण्ड की कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। पत्रावली इस निर्णय आदेश की प्रति सहित दाखिल दफ्तर की जावे। 
 
 
(लक्ष्मण सिंह रावत)            ( विजयलक्ष्मी थापा)             (रमेश कुमार जायसवाल)
        सदस्य        सदस्या                 अध्यक्ष 
उद्घोषित करने की तिथि-15-09-2023
 
 
 

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