Uttar Pradesh

StateCommission

A/959/2022

Firm Kissan Cold Storage and Ice Factory - Complainant(s)

Versus

Sureshchandra - Opp.Party(s)

Puneet Sahai Bisaria

16 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/959/2022
( Date of Filing : 15 Sep 2022 )
(Arisen out of Order Dated 04/08/2022 in Case No. Complaint Case No. C/2008/64 of District Mathura)
 
1. Firm Kissan Cold Storage and Ice Factory
Mathura Raya road Mathura
...........Appellant(s)
Versus
1. Sureshchandra
S/o Kanhiyalal R/o Marhi Sinyaar Police Station Raya Dist. Mathura
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. PRADEEP KUMAR III REGISTRAR
 
PRESENT:
 
Dated : 16 Sep 2022
Final Order / Judgement

( सुरक्षित )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या :959/2022

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, मथुरा द्वारा परिवाद संख्‍या-64/2008 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 04-08-2022 के विरूद्ध)

 

  1. फर्म किसान कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आईस फैक्‍ट्री मथुरा रायारोड मथुरा द्वारा स्‍वामी।
  2. किसान कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आईस फैक्‍ट्री मथुरा राया रोड, मथुरा द्वारा प्रबन्‍धक।                                                         

अपीलार्थी/विपक्षीगण

बनाम्

सुरेश चन्‍द्र पुत्र कन्‍हैयालाल निवासी मढ़ी सिन्‍यार थाना राया जिला मथुरा।

                            प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष  :-

     1-मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,       अध्‍यक्ष।

 

     उपस्थिति :

     अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-   श्री पुनीत सहाय विसारिया।

     प्रत्‍यर्थी  की ओर से उपस्थित-         कोई नहीं।

 

दिनांक :   11-10-2022

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-64/2008 सुरेश चन्‍द्र बनाम फर्म किसान कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आईस फैक्‍ट्री व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, मथुरा  द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 04-08-2022  के विरूद्ध  यह अपील

 

 

-2-

उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

     ‘’आक्षेपित निर्णय के द्वारा जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है :-

     ‘’ परिवाद संख्‍या-64/2008 विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से निम्‍न निर्देश निर्गत करते हुए स्‍वीकार किया जाता है:-

  1. क्षतिग्रस्‍त आलू का प्रश्‍नगत वर्ष में मूल्‍य मु0 20,566/-रू0 परिवाद संस्थित किये जाने के दिनांक से निर्णय की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज की दर से विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अदा किया जायेगा।
  2. मानसिक, आर्थिक, वाद व्‍यय, आवागमन व्‍यय आदि समस्‍त क्षतियों के लिए विपक्षीगण मु0 50,000/-रू0 की धनराशि परिवादी को अदा करेंगे।
  3. निर्णय की तिथि से 30 दिन के अंदर विपक्षी परिवादी को समस्‍त धनराशि का भुगतान करेगा अन्‍यथा समस्‍त देय धनराशि पर 09 प्रतिशत ब्‍याज देय होगा।
  4. आदेश की प्रति उभयपक्षों को नियमानुसार नि:शुल्‍क प्रदान की जावे। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।‘’  

      जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षीगण  की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की है।

     अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 02-04-2003 को अपना 113 बोरा आलू (वजन 70 किलो प्रति

 

-3-

बोरा) रू0 55/- प्रति बोरा के भाड़े पर विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोर पर रखवाया जिसका इन्‍द्राज कोल्‍ड स्‍टोर के लेजर में भी है, जिसकी लाट संख्‍या-895 व 892 है। दिनांक 30-07-2003 को परिवादी ने कोल्‍ड स्‍टोरज में रखे अपने  आलू के लाट संख्‍या-895 व 892 में से एक-एक बोरी आलू को निकलवा कर देखा तो पूरा आलू सड़ कर नष्‍ट हो चुका था साथ ही अन्‍य किसानों द्वारा रखा गया आलू भी सड़कर नष्‍ट हो रहा था जो कि विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा बरती गयी लापरवाही के कारण हुआ जब कि अन्‍य कोल्‍ड स्‍टोरेज में  आलू सुरक्षित था और किसी प्रकार की कोई क्षति नहीं हुई थी। परिवादी ने विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज से शिकायत की किन्‍तु कोल्‍ड स्‍टोर द्वारा कोई ध्‍यान नहीं दिया गया। परिवादी ने इस बात की शिकायत जिलाधिकारी, मथुरा एवं जिला उद्यान अधिवकारी, मथुरा से की तथा विपक्षी संख्‍या-2 को हुए नुकसान के बावत लिखित नोटिस अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से प्रेषित की, जिस पर जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी।      परिवादी का कथन है कि उस समय 70 किलो आलू के बोरे की कीमत बाजारू मूल्‍य के हिसाब से 350/- थी इस तरह से कोल्‍ड स्‍टोरेज का भाड़ा 55/-रू0 प्रति बोरे के हिसाब से 6215/-रू0 काटकर 113 बोरा आलू की कीमत 22,335/-रू0 की हानि परिवादी को उठानी पड़ी है। दिनांक 23-10-2003 को जिला उद्यान अधिकारी का एक पत्र परिवादी को इस आशय का प्राप्‍त हुआ कि यदि दिनांक 30-10-2003 तक कोल्‍ड स्‍टोर स्‍वामी द्वारा आपके आलू की कीमत अदा नहीं की जाती है तो दिनांक 31-10-2003 को जिला उद्यान अधिकारी को सूचित किया जावे किन्‍तु परिवादी को कोई क्षतिपूर्ति विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा प्रदान नहीं की गयी  और न ही जिला प्रशासन द्वारा ही विपक्षी के विरूद्ध

 

-4-

उ0प्र0 कोल्‍ड स्‍टोरेज विनियम अधिनियम-1976 के प्राविधानों के विरूद्ध कोई  कार्यवाही की गयी है। परिवादी विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज के मालिक से निरंतर क्षतिपूर्ति की मांग करता रहा किन्‍तु विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा कोई क्षतिपूर्ति की धनराशि उसे अदा नहीं की गयी जो कि विपक्षीगण की ओर से सेवा में कमी है अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।

     विपक्षीगण की ओर से परिवाद पत्र के समस्‍त प्रस्‍तरों का खण्‍डन करते हुए विशेष कथन में यह कहा गया है कि  यह झूठ है कि परिवादी द्वारा 113 बोरा (वजन 70 किलो प्रति बोरा) मु0 55/-रू0 प्रति बोरा भाड़े के हिसाब से आलू जमा किया गया था। परिवादी द्वारा जमा किया गया आलू  निहायती खराब (छोटा-बड़ा) किस्‍म का आलू था तथा दागी क्‍वालिटी का था जिसके बारे में परिवादी को उसी समय अवगत करा दिया गया था जिस पर परिवादी द्वारा कहा गया कि आलू की गुणवत्‍ता की सम्‍पूर्ण जिम्‍मेदारी मेरी है तथा मैं इसे ले जाऊगा परन्‍तु परिवादी कभी आलू लेने नहीं आया। उनकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है।

     विद्धान जिला आयोग ने उभयपक्ष के अभिकथन एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का गंभीरतापूर्वक विश्‍लेषण करने के पश्‍चात अपने निर्णय में यह मत व्‍यक्‍त किया है कि आलू के नष्‍ट होने की पुष्टि जिला उद्यान अधिकारी मथुरा द्वारा मैसर्स किसान कोल्‍ड स्‍टोरेज को प्रेषित पत्र दिनांक 23-10-2003 से गयी है। जॉंच के उपरान्‍त जिला उद्यान अधिकारी, मथुरा द्वारा विपक्षी को यह आदेश दिया गया था कि क्षतिग्रस्‍त आलू के प्रतिकर की धनराशि का भुगतान दिनांक 30-10-2003 तक किया जावे न

 

-5-

किये जाने पर  जिला उद्यान अधिकारी, मथुरा को दिनांक 31-10-2003 तक अवगत कराये। क्रमांक संख्‍या-1 पर परिवादी/सुरेश चन्‍द्र का नाम अंकित है तथा भण्‍डारित आलू की मात्रा 113 पैकेट है।  सचिव कृषि उत्‍पादन मण्‍डी समिति के पत्र दिनांक 23-08-2017 का अवलोकन किया गया जिसमें अगस्‍त 2003 से अक्‍टूबर 2003 तक 200/-रू0 से 320/-रू0 प्रति कुंतल आलू का मूल्‍य दर्शाया गया है। आयोग यह पाता है कि आलू की भिन्‍न-भिन्‍न श्रेणियॉं होती है अत: प्रश्‍नगत वर्ष में आलू का औसत मूल्‍य 260/-रू0 निर्धारित किया जाना न्‍यायोचित है। जिला उद्यान अधिकारी ने अपने पत्र में भण्‍डारित आलू के पैकेटों की संख्‍या-113 बतायी है। आलू के कुल क्षतिग्रस्‍त मूल्‍य से 113 पैकेटों के सापेक्ष 55/-रू0 की दर से भण्‍डारण भाड़ा 6215/-रू0 होता है परन्‍तु यह भाड़ा आलू को पूर्णत: सुरक्षित रखने के लिए देय था  और जब आलू कोल्‍ड स्‍टोर में सड़ गया जो कि विपक्षी की लापरवाही के कारण हुआ है।

     अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री पुनीत सहाय विसारिया उपस्थित। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

     मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया गया।

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गहनतापूर्वक विचार करने के उपरान्‍त  विधि

 

-6-

अनुसार निर्णय पारित किया गया है जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। तदनुसार अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

     आदेश

     अपील निरस्‍त की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि जाती है।

     अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. PRADEEP KUMAR III]
REGISTRAR
 

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