(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1131/2015
अधिशासी अभियन्ता दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड
बनाम
सुरेश सिंह पुत्र हाकिम सिंह तथा एक अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा, विद्वान अधिवक्ता
के कनिष्ठ सहायक श्री मनोज कुमार
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री रंजन त्रिपाठी, विद्वान अधिवक्ता
के कनिष्ठ सहायक श्री प्रशांत मिश्रा
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से उपिस्थत : कोई नहीं।
दिनांक : 22.08.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0-145/2014, सुरेश सिंह बनाम अधिशासी अभियन्ता दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, औरैया द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.02.2015 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा के कनिष्ठ सहायक श्री मनोज कुमार तथा प्रत्यर्थी सं0-1 के विद्वान अधिवक्ता श्री रंजन त्रिपाठी के कनिष्ठ सहायक श्री प्रशांत मिश्रा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार दिनांक 6.6.2014 को परिवादी की भैंस की मृत्यु एच.टी. लाइन का तार टूटकर भैंस के ऊपर गिर जाने के कारण हुई है, जिसकी कीमत अंकन 60,000/-रू0 थी। इस घटना की सूचना थाने पर दी गई तथा भैंस का पोस्ट मार्टम भी कराया गया, जिसमें
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विद्युत करण्ट लगने के कारण भैंस की मृत्यु होना पाया गया, परन्तु विपक्षीगण द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि अदा नहीं की गई। विद्वान जिला आयोग के समक्ष पोस्ट मार्टम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई तथा अपने कथन के समर्थन में शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया गया। घटना को सत्य मानते हुए विद्वान जिला आयोग ने विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध अंकन 60,000/-रू0 परिवादी को अदा करने का आदेश दिया है।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है, उनके द्वारा यूपीपीसीएल की सेवाएं प्राप्त नहीं की गई हैं, इसलिए उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं है।
4. प्रत्यर्थी सं0-1/परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि परिवादी की भैंस ग्राम पुर्वा भदौरिया जनपद, औरैया में चर रही थी और वहीं पर उसकी मृत्यु करण्ट लगने से हुई है। गांव में हाई टेंशन लाइन लगाई गई थी। गांव में हाई टेंशन लाइन लगने पर विशेषत: परिवादी के खेत से हाई टेंशन लाइन के तार गुजरने की उपधारणा की जाती है। इस प्रकार परिवादी भी उपभोक्ता की श्रेणी में आता है और परिवादी की भैंस की मृत्यु का तथ्य स्थापित है। परिवाद के तथ्यों के समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र एवं पोस्ट मार्टम रिपोर्ट का कोई खण्डन विद्युत विभाग द्वारा नहीं किया गया है, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
उभय पक्ष इस अपील का व्यय भार स्वंय अपना-अपना वहन करेंगे।
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प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दि. 22.8.2023
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2