Uttar Pradesh

StateCommission

A/549/2022

Kotak Mahindra Bank Ltd. - Complainant(s)

Versus

Suresh Pal - Opp.Party(s)

Vishnu Kumar Mishra and Santosh Singh

27 Mar 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/549/2022
( Date of Filing : 21 Jun 2022 )
(Arisen out of Order Dated 01/04/2022 in Case No. C/2017/227 of District Lucknow-I)
 
1. Kotak Mahindra Bank Ltd.
TFE Deparment 5/27 1st floor Vishal Khand Gomti Nagar Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Suresh Pal
S/o Late Jugga R/i vill. Kursi and post Beniganj Hardoi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 27 Mar 2023
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या : 549/2022

 

 

द्वारा मैनेजर, कोटक महिन्‍द्रा बैंक लिमिटेड

बनाम्

       सुरेश पाल

दिनांक : 27-03-2023

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-227/2017 सुरेश पाल बनाम प्रबन्‍धक, कोटेक महिन्‍द्रा बैंक लि0 में जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रथम लखनऊ  द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 01-04-2022  के विरूद्ध  यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

     आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍नलिखित आदेश पारित किया है :-

     ‘’परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को मु0 2,00,000/-रू0 हर्जाने के रूप में निर्णय की तिथि से 45 दिन के अंदर अदा करें। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्‍त धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय होगा।‘’

      जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी कोटेक महिन्‍द्रा बैंक लि0  की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की है।

      अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री विष्‍णु कुमार मिश्रा उपस्थित। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

 

-2-

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है अत: अपील स्‍वीकार करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को निरस्‍त किया जावे।

     पीठ द्वारा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को विस्‍तारपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक अवलोकन किया गया।

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को विस्‍तारपूर्वक सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त यह पीठ इस मत की है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गहनतापूर्वक विचार करने के उपरान्‍त  विधि अनुसार निर्णय पारित किया है जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है किन्‍तु विद्धान जिला आयोग द्वारा हर्जाने  की धनराशि 2,00,000/-रू0 का भुगतान निर्धारित समायावधि में न किये जाने पर जो 12 प्रतिशत की दर से ब्‍याज की देयता निर्धारित की है वह वाद के तथ्‍यों और परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अधिक प्रतीत होती है जिसे संशोधित करते हुए 12 प्रतिशत के स्‍थान पर 06 प्रतिशत किया जाता है। निर्णय का शेष भाग यथावत कायम रहेगा। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है।

     अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                              ( सुशील कुमार )

             अध्‍यक्ष                                           सदस्‍य

प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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