(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :932/1997
(जिला उपभोक्ता आयोग, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्या-476/1995 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 16-05-1997 के विरूद्ध)
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा उपाध्यक्ष।
.....अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
सुरेश कुमार पुत्र श्री गंगा नरायन निवासी-।।-इ-190, नेहरू नगर, गाजियाबाद।
समक्ष :-
- मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री मनोज कुमार।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- कोई नहीं।
दिनांक : 24-11-2021
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुना गया। दौरान बहस अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री मनोज कुमार द्वारा कथन किया गया कि विद्धान जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्या-476/1995 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 16-05-1997 के द्वारा
2
अपीलार्थी के विरूद्ध जो 15 प्रतिशत ब्याज लगाया गया है वह अत्यधिक है।
प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुनने के उपरान्त प्रस्तुत अपील जो इस न्यायालय के सम्मुख विगत 25 वर्षों से लम्बित है को अंतिम रूप से इस आदेश के साथ निस्तारित किया जाता है और जिला फोरम, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्या-476/1995 में पारित निर्णय दिनांक 16-05-1997 का समर्थन किया जाता है तथा विद्धान जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा जो अपीलार्थी विकास प्राधिकरण पर 15 प्रतिशत ब्याज लगाया गया है वह अत्यधिक है जिसे संशोधित करते हुए 15 प्रतिशत के स्थान पर 07 प्रतिशत किया जाता है। जिला आयोग के निर्णय का शेष भाग/आदेश यथावत रहेगा। अपीलार्थी प्राधिकरण को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्त आदेश का अनुपालन 30 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें। तदनुसार अपील अंतिम रूप से निस्तारित की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट न0-1