राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-478/2022
मेरठ विकास प्राधिकरण
......................अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
सुरेश कुमार वाधवा
..............प्रत्यर्थी/परिवादी
एवं
अपील संख्या-256/2022
सुरेश कुमार वाधवा
......................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
मेरठ विकास प्राधिकरण
..............प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
परिवादी की ओर से उपस्थित: श्री कुमार सम्भव के सहयोगी
श्री श्याम सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी प्राधिकरण की ओर से उपस्थित: श्री पियूष मणि त्रिपाठी,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 14.07.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
उपरोक्त दोनों अपीलों में परिवादी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री कुमार सम्भव के सहयोगी श्री श्याम सिंह एवं विपक्षी प्राधिकरण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी को सुना।
उपरोक्त दोनों अपीलें इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, मेरठ द्वारा परिवाद संख्या-55/2011 सुरेश कुमार वाधवा बनाम मेरठ विकास प्राधिकरण में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 08.03.2022 के विरूद्ध योजित की गयी है।
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विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया:-
''परिवादी का परिवाद विरूद्ध विपक्षी स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि विपक्षी इस आदेश से दो माह के अंदर परिवादी को आवंटित रजिस्ट्रीशुदा भूखण्ड सं.-यू/264 स्थित गंगानगर आवासीय योजना, मेरठ का कब्जा दे और परिवादी द्वारा उक्त भूखण्ड की बावत जमा संपूर्ण धनराशि पर परिवाद दायरा तिथि ता अंतिम अदायगी 7 (सात) प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज तथा अंकन-2000(दो हजार) रूपये वाद व्यय भी विपक्षी, परिवादी को अदा करे।''
उपरोक्त दोनों अपीलों में पारित आदेशों के अनुपालन में विपक्षी मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूखण्ड का वास्तविक कब्जा परिवादी सुरेश कुमार वाधवा को दिनांक 17.06.2023 को प्राप्त कराया जा चुका है, जिसके सम्बन्ध में विपक्षी प्राधिकरण के विद्वान अधिवक्ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी द्वारा प्रार्थना पत्र दिनांक 19.06.2023, जिसकी प्रति परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री कुमार सम्भव को प्राप्त करायी गयी, प्रस्तुत किया गया। उपरोक्त प्रार्थना पत्र के साथ पजेशन सर्टिफिकेट दिनांकित 17.06.2023 हस्ताक्षरित परिवादी व जूनियर इंजीनियर मेरठ विकास प्राधिकरण भी संलग्नित पाया गया।
चूँकि उभय पक्ष के मध्य विवाद मुख्य रूप से यही है कि परिवादी को आवंटित भूखण्ड का कब्जा प्राप्त नहीं कराया गया, जबकि परिवादी से सम्पूर्ण धनराशि 3,66,000/-रू0 प्राप्त की गयी है तब उस स्थिति में चूँकि परिवादी को कब्जा प्राप्त कराया जा चुका है, अतएव कब्जा प्राप्त कराये जाने का आदेश द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग का अनुपालन सुनिश्चित हो गया है, बाकी जिला उपभोक्ता आयोग के आदेश का शतप्रतिशत अनुपालन विपक्षी मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा चार सप्ताह की अवधि में सुनिश्चित किया जावे।
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तदनुसार उपरोक्त दोनों अपीलें अन्तिम रूप से निस्तारित की जाती हैं।
अपील संख्या-478/2022 में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
इस निर्णय की मूल प्रति अपील संख्या-478/2022 में रखी जाये तथा छायाप्रति अपील संख्या-256/2022 में रखी जाये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1