राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
मौखिक
पुनरीक्षण सं0-२१/२०२०
(जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, कानपुर देहात द्धारा परिवाद सं0-८१/२०१९ में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक १८-११-२०१९ के विरूद्ध)
१. एक्जक्यूटिव इंजीनियर, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0, रनियॉं, जिला कानपुर देहात।
२. प्रबन्ध निदेशक, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0, आगरा।
........... पुनरीक्षणकर्तागण/विपक्षीगण।
बनाम
सुरेश कुमार सिंह पुत्र स्व0 भीषम सिंह, निवासी ई-१८/२२, यशोदा नगर, कानपुर नगर। वर्तमान पता- ९५-९६, सी0डी0वायर, ग्राम व पोस्ट-रनियॉं, तहसील-अकबरपुर, जिला कानपुर देहात। …….. प्रत्यर्थी/परिवादी।
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से उपस्थित :- श्री दीपक मेहरोत्रा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक :- १७-११-२०२२.
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका, इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, कानपुर देहात द्धारा परिवाद सं0-८१/२०१९ में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक १८-११-२०१९ के विरूद्ध योजित की गई है।
मेरे द्वारा पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों/अभिलेखों एवं प्रश्नगत आदेश दिनांक १८-११-२०१९ का सम्यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया। प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
विद्वान जिला फोरम के सम्मुख परिवादी द्वारा प्रार्थना पत्र शपथपत्र के साथ इस आशय का दिया गया कि वादी से संयोजन हेतु २,५०,०००/- रू० जमा कराने के पश्चात्
-२-
विद्युत संयोजन जोड़े जाने का आदेश पारित किया जावे, जिससे वादी का जीविकोपार्जन जारी रह सके।
तदोपरान्त उपरोक्त आदेश के अनुसार विद्वान जिला फोरम द्वारा पुनरीक्षणकर्ता अर्थात् दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 को आदेशित किया गया कि यदि परिवादी सुरेश कुमार सिंह द्वारा पुनरीक्षणकर्ता के पक्ष में २,५०,०००/- रू० की धनराशि जमा की जावे तब परिवादी का विद्युत संयोजन पुनर्स्थापित किया जावे। साथ ही यह भी आदेशित किया गया कि वादी द्वारा किश्त को नियमित रूप से दौरान् वाद जमा करते रहना होगा।
प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका विगत लगभग ढाई वर्षों से लम्बित है, जिसमें इस न्यायालय द्वारा कोई अन्तरिम आदेश पारित नहीं किया गया है और न ही जिला फोरम के उपरोक्त आदेश दिनांक १८-११-२०१९ को स्थगित किया गया है। तदनुसार परिवादी द्वारा अपेक्षित धनराशि जमा की गई होगी तथा उसका विद्युत संयोजन पुनर्स्थापित किया गया होगा। साथ ही उसके द्वारा किश्तों को नियमित रूप से जमा किया जाना भी अपेक्षित है।
उक्त समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका को लम्बित रखने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है। तदनुसार प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रमोद कुमार,
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-१,
कोर्ट नं0-१.