Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/449/2014

Ramesh Tiwari - Complainant(s)

Versus

Surendra Singh Walia - Opp.Party(s)

22 Jun 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/449/2014
 
1. Ramesh Tiwari
Rajendra Nagar
Lucknow
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. Surendra Singh Walia
Alambag
Lucknow
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Vijai Varma PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajarshi Shukla MEMBER
 HON'BLE MRS. Anju Awasthy MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-प्रथम, लखनऊ।
वाद संख्या 449/2014

श्री रमेश तिवारी,
पुत्र स्व0 श्री के0एन0 तिवारी,
निवासी- म.नं.-165, राजेन्द्र नगर,
जनपद लखनऊ।                                                                 ......... परिवादी
बनाम

श्री सुरेन्द्र सिंह वालिया,
प्रो0 वालिया रेफ्ररीजरेशन एण्ड इलेक्ट्रिकल्स,
152/3, चन्दर नगर, स्टेट बैंक आफ इंडिया के सामने,
आलमबाग, लखनऊ।                                                           ..........विपक्षीगण
उपस्थितिः-
श्री विजय वर्मा, अध्यक्ष।
श्रीमती अंजु अवस्थी, सदस्या।
श्री राजर्षि शुक्ला, सदस्य।
निर्णय
        परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी से वांिशंग मशीन की कीमत रू.13,500.00, मरम्मत हेतु दी गई धनराशि रू.1,300.00 मय ब्याज, क्षतिपूर्ति के रूप में रू.2,00,000.00 व वाद व्यय के रूप में रू.5,000.00 दिलाने जाने हेतु प्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत किया है।
        संक्षेप में परिवादी का कथन है कि दिनांक 23.02.2014 को विपक्षी के मैकेनिक ने परिवादी के घर पर जाकर वाशिंग मशीन को ठीक किया था जिसके लिए रू.1,300.00 का भुगतान परिवादी ने विपक्षी के मैकेनिक को किया था। विपक्षी ने लिखित में 6 माह में वाशिंग मशीन खराब होने पर पुनः ठीक करने का आश्वासन दिया था। लगभग 2 माह पश्चात्् वांिशंग 

-2-
मशीन पुनः खराब हो गयी। परिवादी की पत्नी ने मैकेनिक द्वारा दिये गये नंबर पर वाशिंग मशीन खराब होने की सूचना दी जिसपर उत्तरदाता ने उचित उत्तर नहीं दिया। परिवादी की पत्नी ने पुनः उसी मोबाईल नं. पर काल किया तो विपक्षी ने अशिष्ट भाषा का प्रयोग करते हुए उत्तर दिया। परिवादी ने विपक्षी के पते पर संपर्क किया तो विपक्षी ने 2-3 दिन में घर जाकर मशीन ठीक करने का आश्वासन दिया। परिवादी ने लगभग 15-20 दिन तक किसी भी मैकेनिक के न पहुंचने पर विपक्षी से पुनः संपर्क कर मशीन ठीक करने का आग्रह किया तो विपक्षी ने कहा कि वह अवकाश वाले दिन शाम को मैकेनिक को साथ लेकर चले जाए। दिनांक 15.06.2014 को विपक्षी के पते पर परिवादी मैकेनिक को लेने पहुंचा जिस पर विपक्षी ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया और विपक्षी ने अपने मैकेनिक के साथ मिलकर उस पर हमला बोल दिया जिसकी शिकायत तत्काल स्थानीय पुलिस उपनिरीक्षक आलमबाग को दी जिस पर घटना की विवेचना के उपरांत प्रथम सूचना रिपोर्ट सं.171 दिनांकित 20.06.2014 को आई0पी0सी0 की धाराओं 352/504/506 में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया। परिवादी द्वारा बार-बार मामले के निस्तारण के लिए निजी वार्ता एवं दूरभाष द्वारा प्रयास किया गया, परंतु विपक्षी द्वारा मामले का निस्तारण न करके अनुचित व्यवहार किया गया और जान माल की धमकी दी गयी। परिवादी ने दिनांक 19.06.2014 को विधिक नोटिस विपक्षी को प्रेषित की, परंतु विपक्षी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। अतः परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी से वांिशंग मशीन की कीमत रू.13,500.00, मरम्मत हेतु दी गई रकम रू.1,300.00, क्षतिपूर्ति के रूप में रू.2,00,000.00 व वाद व्यय के रूप में रू.5,000.00 दिलाने हेतु प्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत किया है। 
        
-3-
        विपक्षी को नोटिस भेजे जाने के बाद भी उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ, अतः उनके विरूद्ध आदेश दिनांक  09.03.2015 के अनुसार एकपक्षीय कार्यवाही की गयी।
        परिवादी द्वारा अपना शपथ पत्र मय 3 संलग्नक दाखिल किया गया।
        परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
        इस प्रकरण में दिनांक 23.02.2014 को विपक्षी के मैकेनिक ने परिवादी के घर जाकर वाशिंग मशीन को ठीक किया था। दिनांक 23.02.2014 को वाशिंग मशीन ठीक करने के प्रतिफल के रूप में रू.1,300.00 परिवादी ने विपक्षी के मैकेनिक को दिया था। विपक्षी ने लिखित में 6 माह में वाशिंग मशीन खराब होने पर पुनः ठीक करने का आश्वासन दिया था। लगभग 2 माह पश्चात्् वांिशंग मशीन पुनः खराब हो गयी। परिवादी की पत्नी ने मैकेनिक द्वारा दिये गये नंबर पर वाशिंग मशीन खराब होने की सूचना कई बार दी, परंतु विपक्षी ने कोई कार्यवाही नहीं की। परिवादी ने विपक्षी  के पते पर संपर्क किया तो विपक्षी ने 2-3 दिन में घर जाकर मशीन ठीक करने का आश्वासन दिया। परिवादी ने लगभग 15-20 दिन तक किसी भी मैकेनिक के न पहुंचने पर विपक्षी से पुनः संपर्क कर मशीन ठीक करने का आग्रह किया तो विपक्षी ने कहा कि वह अवकाश वाले दिन शाम को मैकेनिक को साथ लेकर चले जाए। दिनांक 15.06.2014 को विपक्षी के पते पर परिवादी मैकेनिक को लेने पहुंचा जिस पर विपक्षी ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया और विपक्षी ने अपने मैकेनिक के साथ मिलकर उस पर हमला बोल दिया जिसकी शिकायत तत्काल स्थानीय पुलिस उपनिरीक्षक आलमबाग को दी जिस पर घटना की विवेचना के उपरांत प्रथम सूचना रिपोर्ट सं.171 दिनांकित 20.06.2014 को आई0पी0सी0 की धाराओं 352/504/506 में 
-4-
मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया। परिवादी द्वारा बार-बार मामले के निस्तारण के लिए प्रयास निजी वार्ता दूरभाष एवं विधिक नोटिस से किया गया, परंतु विपक्षी द्वारा मशीन ठीक न करके अनुचित व्यवहार किया गया और जान माल की धमकी दी गयी। परिवादी ने अपने शपथ पत्र के साथ संलग्नक सं.1 के रूप में वाशिंग मशीन विपक्षी से ठीक कराने की रसीद दाखिल की है जिससे स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा विपक्षी को वाशिंग मशीन ठीक कराने हेतु दिनांक 23.02.2014 को रू.1,300.00 का भुगतान किया गया था। परिवादी की ओर से संलग्नक सं.2 के रूप में विधिक नोटिस की प्रति दाखिल की गयी है जिससे स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा दिनांक 19.06.2014 को विपक्षी को विधिक नोटिस भेजी गयी थी। परिवादी की ओर से संलग्नक सं.3 के रूप में प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति दाखिल की गयी है जिससे दृष्टिगत होता है कि विपक्षी द्वारा परिवादी से मार-पीट के संबंध में प्रथमम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के कथन के समर्थन में अपना शपथ पत्र दाखिल किया है जिसमें उसने परिवाद के सभी तथ्यों का समर्थन किया है। विपक्षी को नोटिस भेजी गयी था, किंतु उनकी ओर से कोई भी जवाब देने के लिए उपस्थित नहीं हुआ, अतः दिनांक 09.03.2015 के आदेश द्वारा उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गयी। विपक्षी की तरफ से न तो कोई उत्तर दाखिल किया गया और न ही कोई शपथ पत्र दाखिल किया गया। ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा शपथ पत्र पर किये गये कथनों और उसके द्वारा दाखिल की गयी फोटोप्रतियों पर विश्वास न करने का कोई कारण दृृष्टिगत नहीं होता है। परिवादी द्वारा जो साक्ष्य दिये गये हैं उनसे स्पष्ट होता है कि विपक्षी द्वारा परिवादी से रू.1,300.00 वाशिंग मशीन ठीक करने हेतु प्राप्त करने पर भी मशीन सही प्रकार से ठीक 

-5-
नहीं की जा सकी थी। इस प्रकार विपक्षी द्वारा परिवादी की वाशिंग मशीन मरम्मत हेतु भुगतान प्राप्त करने के बावजूद भी ठीक नहीं की जा सकी, जो कि उसके द्वारा सेवा में कमी का द्योतक है। परिणामस्वरूप परिवादी विपक्षी से मरम्मत हेतु     रू.1,300.00 मय ब्याज वापस प्राप्त करने का अधिकारी है। साक्ष्य से यह भी स्पष्ट है कि परिवादी के साथ अनुचित व्यवहार कर उसे प्रताड़ित किया गया जिसके लिए वह क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय भी प्राप्त करने का अधिकारी है। 
आदेश
        परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को           रू.1,300.00.00 (रूपये एक हजार तीन सौ मात्र) का भुगतान 9 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज सहित परिवाद दाखिल करने की तिथि से अंतिम भुगतान की तिथि तक परिवादी को अदा करें।  
        साथ ही विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को मानसिक कष्ट के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में रू.3,000.00 (रूपये तीन हजार मात्र) एवं वाद व्यय के रूप में रू.3,000.00 (रूपये तीन हजार मात्र) अदा करें।
        विपक्षी उपरोक्त आदेश का अनुपालन एक माह में करें।

(राजर्षि शुक्ला)      (अंजु अवस्थी)         (विजय वर्मा)
  सदस्य             सदस्या               अध्यक्ष

दिनांकः  22  जून, 2015

 

 
 
[HON'BLE MR. Vijai Varma]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Rajarshi Shukla]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Anju Awasthy]
MEMBER

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