(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1205/2009
Daksya Kanya Cold Storage P.Ltd.
Versus
Surendra Singh Tyagi & others
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अरूण टण्डन, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :07.11.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-91/2008, श्री सुरेन्द्र सिंह त्यागी व अन्य बनाम दक्ष कन्या कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 में विद्वान जिला आयोग, (द्वितीय) आगरा द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 09.04.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नही है। निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोन किया गया।
2. निर्णय के अवलोकन से जाहिर होता है कि यद्यपि विपक्षी पर सूचना का उल्लेख किया गया है, परंतु निर्णय एकतरफा ही पारित है। इस एकतरफा निर्णय में परिवादी द्वारा जमा आलू की बोरियों की संख्या सुनिश्चित नहीं की गयी है। इसी प्रकार आलू की कीमत भी सुनिश्चित नहीं की गयी है। अत: यह भ्रामक निर्णय है। तदनुसार प्रतिप्रेषित किया जाना आवश्यक है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09.04.2009 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद सं0 91/2008 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण किया जाये, जिसमें निम्न बिन्दु स्पष्ट रूप में सुनिश्चित किये जाये:-
- परिवादी द्वारा आलू की कितनी बोरी शीतगृह में रखी गयी।
- कितनी बोरी वापस प्राप्त की गयी।
- अवशेष बोरी यदि जमा मानी जाये तब उनकी तत्समय कीमत क्या थी।
दोनों पक्षकार दिनांक 22.12.2023 को जिला उपभोक्ता आयोग (द्वितीय) आगरा के समक्ष उपस्थित हों। जिला उपभोक्ता मंच किसी भी पक्षकार को कोई स्थगन आवेदन स्वीकार किये बिना (अप्रिय कारणों के अलावा) 03 माह के अंदर इस परिवाद का गुणदोष पर निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3