Uttar Pradesh

StateCommission

A/2001/388

Unit Trust Of India - Complainant(s)

Versus

Surendra Prakash Jain - Opp.Party(s)

A. Moin

12 Apr 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2001/388
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Unit Trust Of India
Mumbai
...........Appellant(s)
Versus
1. Surendra Prakash Jain
New Delhi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 12 Apr 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या :388/2001

(जिला मंच, दितीय मुरादाबाद द्धारा परिवाद सं0-824/1995 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.5.2000 के विरूद्ध)

1        Unit Trust of India 13, Sir Vithaldas Thackersey Marg, Marine Lines, Mumbai.

2       The Dy. General Manager Unit Trust of India, Regency Plaza Building, 5 Park Road, Lucknow.226001

                                                       ........... Appellants/Opp. Parties

Versus    

Dr. Surendra Prakash Jain Chief Engineer (Retired) A-173 Jigar Colony Moradabad-244001 New Delhi-110002

 ……..…. Respondent/Complainant.

समक्ष :-

मा0 श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य

मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता :   श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव

प्रत्‍यर्थी  के अधिवक्‍ता :   कोई नहीं।

दिनांक :22.12.2016

मा0 श्री जे0एन0 सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय    

परिवाद सं0-824/1994 डॉ0 सुरेन्‍द्र प्रकाश जैन बनाम एस0ए0 दवे, चेयरमैन, यूनिट ट्रस्‍ट आफ इण्डिया में जिला मंच, दितीय मुरादाबाद द्वारा दिनांक 17.5.2000 को निर्णय पारित करते हुए निम्‍नलिखित आदेश पारित किया गया है:-

"शिकायतकर्ता की शिकायत स्‍वीकार की जाती है। विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह एक माह के अन्‍दर शिकायतकर्ता को रूपये-19176.00 (उन्‍नीस हजार एक सौ छियत्‍तर) एवं रूपये 1000.00 मुकदमें का खर्च कुल रूपये- 20,176.00 (बीस हजार एक सौ छियत्‍तर) अदा करें।"

उक्‍त वर्णित आदेश से क्षुब्‍ध होकर विपक्षी/अपीलार्थी की ओर से वर्तमान अपील योजित की गई है।

-2-

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अब्‍दुल मोइन के सहयोगी श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव उपस्थित आये। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। यह अपील वर्ष-2001 से पीठ के समक्ष विचाराधीन है, अत: अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को विस्‍तार पूर्वक सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय व उपलब्‍ध अभिलेखों का गम्‍भीरता से परिशीलन किया गया।

परिवाद पत्र का अभिवचन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी से य.एस. 1994 यूनिटस के लिए अगस्‍त, 1993 में प्रमाण पत्र भरा था, परन्‍तु इस संबंध में उसने कई बार विपक्षी को सूचना दी लेकिन उसके प्रमाण पत्र नहीं भेजे गये और इस संदर्भ में परिवादी ने सैन्‍ट्रल बैंक आफ इण्डिया कैन्‍ट रोड लखनऊ को दिनांक 01.8.1993 के द्वारा यूनाइटेड बैंक आफ इण्डिया, यूटीआई एक्‍सटेंशन काउण्‍टर हजरतगंज, लखनऊ में दिनांक 30.8.1993 को जमा किये, जो कि विपक्षी द्वारा दिनांक 07.9.1993 को भुनाया गया। इस संबंध में परिवादी द्वारा वरिष्‍ठ अधिकारियों से भी शिकायत की कि दो हजार यूनिटस के प्रमाण पत्र 25,600.00 रू0 का डिवीडेंट 1993-94 के साथ भेजा जावे, परन्‍तु विपक्षी ने उसे नहीं भेजा, अत: परिवादी द्वारा विपक्षी से क्षतिपूर्ति व अन्‍य अनुतोष दिलाये जाने हेतु जिला मंच के समक्ष परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

जिला मंच के समक्ष विपक्षी की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत करने हेतु समय चाहा गया, परन्‍तु कोई लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया गया, अत: जिला मंच द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍य व अभिलेखों पर विस्‍तार से विचार करते हुए एवं विपक्षी की सेवा में कमी को पाते हुए उपरोक्‍त वर्णित आदेश पारित किया गया, जिससे क्षुब्‍ध होकर वर्तमान अपील योजित की गई है।

वर्तमान प्रकरण में जिला मंच द्वारा विपक्षी के संदर्भ में इस आशय का आदेश पारित किया गया है कि विपक्षी को आदेश दिया

-3-

जाता है कि वह एक माह के अन्‍दर शिकायतकर्ता को रूपये-19176.00 एवं रूपये 1000.00 मुकदमें का खर्च कुल रूपये- 20,176.00 (बीस हजार एक सौ छियत्‍तर) अदा करें। पीठ के अभिमत में जिला मंच द्वारा अलग से रू0 1000.00 मुकदमें के खर्च के रूप में दिलाये जाने हेतु पारित आदेश का अनुतोष प्रदान किया जाना उचित नहीं पाया जाता है, अत: प्रस्‍तुत अपील अंशत: स्‍वीकार करते हुए प्रश्‍नत आदेश में रू0 1000.00 मुकदमें के खर्च के रूप में दिलाये जाने हेतु पारित आदेश अपास्‍त किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील अंशत: स्‍वीकार करते हुए जिला मंच, दितीय मुरादाबाद द्वारा परिवाद सं0-824/1994 डॉ0 सुरेन्‍द्र प्रकाश जैन बनाम एस0ए0 दवे, चेयरमैन, यूनिट ट्रस्‍ट आफ इण्डिया में पारित आदेश दिनांक 17.5.2000 में रू0 1000.00 मुकदमें के खर्च के रूप में दिलाये जाने हेतु पारित आदेश अपास्‍त किया जाता है तथा निर्णय/आदेश के शेष भाग की पुष्टि की जाती है।

 

 

         (जे0एन0 सिन्‍हा)                  (संजय कुमार)

         पीठासीन सदस्‍य                     सदस्‍य

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-2

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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