Uttar Pradesh

StateCommission

A/2004/2475

Ansal Housing - Complainant(s)

Versus

Surendra Pal Singh - Opp.Party(s)

R Chaddha

08 Sep 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2004/2475
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Ansal Housing
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Surendra Pal Singh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 08 Sep 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

              अपील संख्‍या– 2475/2004           सुरक्षित

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, गाजियाबाद द्वारा परिवाद सं0 259/1999 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 09-03-2004 के विरूद्ध) 

डायरेक्‍टर/चेयरमैन अंसल हाऊसिंग एण्‍ड कान्‍ट्रक्‍शन लिमिटेड 15 यूअीएफ इन्‍दरप्रकाश 21 बारह खम्‍भा रोड़, न्‍यू दिल्‍ली।                                          ..अपीलार्थी/विपक्षी

                                बनाम

1-सुरेन्‍द्र पाल सिंह, 885-सी तिलक रोड़ मेरठ (मृतक)

1/1 घन्‍नजय सिंह पुत्र स्‍व0 एस0पी0 सिंह

2-श्रीमती उमा सिंह, 885-सी तिलक रोड़, मेरठ।                 ...प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण

समक्ष:-                  

माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

माननीय श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थिति  : श्री वी0एस0 बिसारिया, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थिति    : श्री अमित शुक्‍ला, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक-21-09-2016

माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्‍य, द्वारा उद्घोषित

       निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम, गाजियाबाद द्वारा परिवाद सं0 259/1999 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 09-03-2004 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है, जिसमें जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

      वादी श्री सुरेन्‍द्र पाल सिंह का प्रस्‍तुत वाद विरोधी पक्षकार निदेशक अंसल हाऊसिंग एण्‍ड कॉस्‍ट्रक्‍शन नई दिल्‍ली के विरूद्ध इस निर्देश के साथ स्‍वीकार एवं डिक्री किया जाता है कि विरोधी पक्षकार वादी द्वारा जमा की गई धनराशि इस निर्णय के पारित होने के दो माह के अन्‍दर 08 प्रतिशत ब्‍याज के साथ वापस करेगा। ब्‍याज की दर साधारण एवं वार्षिक होगी इसका आंकलन उस विशिष्‍ट दिनांक से किया जायेगा जिस विशिष्‍ट दिनांक को कोई राशि वादी ने विपक्षी के पक्ष में जमा की है, से अन्तिम भुगतान की दिनांक तक किया जायेगा। विपक्षी वादी को वाद व्‍यय की मद में 500-00 रूपये भी अदा करेगा। वादी का वाद अन्‍य अनुतोष के लिए खारिज किया जाता है।

      संक्षेप में केस के तथ्‍य इस प्रकार से है कि विपक्षी द्वारा ग्राम हसनपुर भाहुपुर परगना लोनी जनपद गाजियाबाद में नील पदम कुंज बहुमंजिलीय इमारत आवास योजना के अधीन एक भवन के आवंटन के लिए आवेदन दिया था। यह भवन पॉचवे तल पर निर्मित होना था और इसकी कीमत विपक्षी द्वारा 505760-00 रूपये निर्धारित की गई थी। इस आवेदन के आधार पर विपक्षी ने एक भवन 18-03-1990 को आवंटित्‍ कर दिया तथा वादी ने विपक्षी के पक्ष में

(2)

 302880-00 रूपये जमा कर चुका था। वादी को विपक्षी ने फ्लैट सं0-सी-1/501 आंवटित किया था। परिवादी जब उक्‍त भवन निरीक्षण करने गया तो पाया कि वादी को आवंटिन भवन सं0 फ्लैट सी-1-501 निर्धारित पंचम तल पर न होकर छठे तल पर है। वादी के अनुसार उसका क्षेत्रफल 872 वर्ग फुट से 1400 वर्ग फिट हो गया जो वादी के पहुंच से बाहर है। अत: वादी ने अपना धनराशि 24 प्रतिशत ब्‍याज के साथ वापस मांगा है।

      जिला उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष प्रतिवादी की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया है कि वादी का भवन पॉचवे तल पर ही स्थित है। वादी जानबूझकर कब्‍जे के लिए आवश्‍यक किश्‍त नहीं दे रहा है। अत: वादी किसी भ अनुतोष को प्राप्‍त करने का अधिकारी नहीं है। यह भी कहा गया है कि वादी का प्रस्‍तुत वाद कालबाधित है।

      अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0एस0 बिसारिया तथा प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अमित शुक्‍ला, को सुना गया तथा अपील आधार एवं जिला उपभोक्‍ता फोरम के निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।

      अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह कहा गया कि जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा अपने निर्णय में जो परिवादी को ब्‍याज दिलाया गया है, वह अत्‍याधिक है और उसे समाप्‍त किये जाने की प्रार्थना की गई।

      केस के तथ्‍यों परिस्थितियों में हम यह पाते हैं कि जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा जो निर्णय पारित किया गया है, वह विधि सम्‍मत् है, परन्‍तु परिवादी को 08 प्रतिशत ब्‍याज जो दिलाया गया है, उसे संशोधित कर उसके स्‍थान पर 06 प्रतिशत किये जाने योग्‍य है। शेष आदेश की पुष्टि किये जाने योग्‍य है। अपीलकर्ता की अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

      आदेश

      अपीलकर्ता की अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्‍ता फोरम, गाजियाबाद द्वारा परिवाद सं0 259/1999 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 09-03-2004 में जो परिवादी को 08 प्रतिशत ब्‍याज दिलाया गया है, उसके स्‍थान पर 06 प्रतिशत ब्‍याज दिलाया जाता है। शेष आदेश की पुष्टि की की जाती है।     

  उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वयं वहन करेंगे।

 

   (आर0सी0 चौधरी)                                    (गोवर्द्धन यादव)

    पीठासीन सदस्‍य                                        सदस्‍य,

आर.सी.वर्मा, आशु.

 कोर्ट नं0-3

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER

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