Rajasthan

Ajmer

CC/300/2015

AMRIPAL SINGH - Complainant(s)

Versus

SURBHI STORE - Opp.Party(s)

ADV. HARDUTT SAHARAN

07 Jul 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/300/2015
 
1. AMRIPAL SINGH
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. SURBHI STORE
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 07 Jul 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर


अमृतपाल सिंह पुत्र श्री गुरूचरण सिंह, निवासी- ई/141, षास्त्रीनगर, अजमेर । 

                                                -         प्रार्थी


                            बनाम

मालिक, सुरभि स्टोर, सेमसंग प्लाजा, यूनियन बैंक के पास, श्रीनगर रोड, अजमेर । 
                                                -       अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या 300/2015  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री हरदत्त साहरण, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री जेे.पी.षर्मा, अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 08.07.2016
 
 1.          प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि  उसने अप्रार्थी से दिनांक 3.4.2015  को डपजेनइपेीप  कम्पनी के दो एसी  क्रमषः संख्या 567800829 बीई व 567800852 बीई रू. 79,000/- में क्रय किए । तत्पष्चात् अप्रार्थी के कर्मचारियों ने  दोनांे एसी उसके आवास पर लगा दिए ।  एसी लगाए जाने के 3 दिन बाद ही एसी नम्बर 567800829 बीई ने काम करना बन्द कर दिया । जिसकी अनेकों बार  अप्रार्थी के संस्थान व अप्रार्थी के मालिक को दूरभाष पर षिकायत की गई ।  इस पर  5 दिन बाद आकर अप्रार्थी के कर्मचारी ने एसी ठीक किया ।  चूंकि प्रार्थी 15 दिन के लिए बाहर चला गया था और वापस आने पर उसने एसी को चलाया तो  5-7 दिन बाद एसी संख्या 567800829 बीई पुनः खराब हो गया  जिसकी षिकायत करने पर  अप्रार्थी की ओर से कोई एसी को ठीक करने नहीं आया ।तब जाकर उसने दिनांक10.6.2015 को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस दिया ।  जिसका भी कोई प्रतिउत्तर नहीं दिया ।  प्रार्थी ने अप्रार्थी के इस कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने अपना षपथपत्र पेष किया । 
2.        प्रकरण में अप्रार्थी द्वारा उनके जवाब को रिकार्ड पर लिए जाने बाबत् दिनांक 25.4.2016 को प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्र के साथ साथ प्रकरण में मेरिट पर भी बहस सुनी गई । 
3.         अपने प्रार्थना पत्र में अप्रार्थी ने जवाब समय पर नहीं दिए जाने का प्रमुख कारण  अभिभाषक द्वारा  सहवन से तारीख पेषी दिनांक 11.3.2016 के स्थान पर 11.4.2016  नोट कर लिया जाना व इसी कारण से नियत तारीख पेषी पर जवाब प्रस्तुत नहीं किया जाना बताया व समर्थन में डायरी की प्रति भी प्रस्तुत की है। 
5.       इसके जवाब मंें प्रार्थी की ओर से  खण्डन करते हुए बताया गया कि इस मंच द्वारा नियमित रूप से  पक्षकारान के अधिवक्ताओं की उपस्थिति में आगामी तारीख नियत की गई थी।  किन्तु अप्रार्थी द्वारा जान बूझकर प्रकरण को लम्बा करने व प्रकरण का गुणावगुण पर  निर्णय नहीं होने देने  की नियत से  समय पर जवाब प्रस्तुत नहीं किया ।
6.        प्रकरण की तथ्यात्मक स्थिति के अनुसार परिवाद दायर होने के बाद सर्वप्रथम दिनांक 26.10.2015 को अप्रार्थी की ओर से अधिवक्ता श्री  निर्मल सिंह भाटी  ने अपनी  उपस्थिति देकर  अण्डरटेकिंग पेष की व आगामी तारीख दिनांक  30.11.2015 को  श्री जे.पी.ष्षर्मा, अधिवक्ता ने अपना वकालात नामा प्रस्तुत करते हुए परिवाद का जवाब देने हेतु समय चाहा । इसके  पष्चात् दिनांक
 5.1.2016, 10.2.2016, 26.2.2016, 11.3.2016,  17.3.2016  तक 5 मौके चाहे गए  है  व मंच द्वारा उन्हें जवाब हेतु अवसर भी दिया गया । स्पष्ट है कि मंच द्वारा अप्रार्थी को जवाब हेतु 6 माह का  प्रर्याप्त समय दिया जा चुका था । मंच द्वारा दिनांक 17.3.2016 को  जवाब बन्द किया गया है ।  विद्वान अधिवक्ता द्वारा सहवन से दिनंाक 11.3.2016 के स्थान पर 11.4.2016 की तिथि नोट करने बाबत् जो प्रतिवाद लिया गया है, वह कतई न्यायोचित नहीं है ।  यदि दिनंाक 11.3.2016 के स्थान पर दिनंाक 11.4.2016 नोट कर ली गई थी  तो दिनंाक 11.4.2016 से 25.4.2016  के बीच अप्रार्थी के  पास  समुचित  समय व  अवसर था  कि वह इस अवधि में अपना प्रतिउत्तर प्रस्तुत कर देता ।  उसे जवाब पेष करने हेतु उपरोक्त  अनुसार न्यायोचित अवसर प्रदान किया जा चुका है  व उनके द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण मंच की राय में न्यायोचित नहीं है । माननीय सर्वोच्च  न्यायालय तक ने इस स्थिति पर अपना अभिमत स्पष्ट कर दिया है कि अधिवक्ता द्वारा  गलत  तिथि नोट किया जाना सहवन का आधार नहीं माना जा सकता है । फलतः अप्रार्थी की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र  बाबत जवाब रिकार्ड पर लिए जाने बाबत् एतद द्वारा अस्वीकृत कर खारिज किया जाता है । 
7.    जहां तक प्रकरण में गुणावगुण  का प्रष्न है, प्रार्थी के ये तथ्य अखण्डित रहे हंै कि उसने अप्रार्थी से दिनंाक 3.4.2015 को  दो एयरकण्डीषनर  खरीदे,  जो अल्प अवधि में ही खराब हो गए । बहस के दौरान अप्रार्थी की ओर से ये स्वीकार किया गया कि उक्त एयर कण्डीषन  खरीदे अवष्य गए थे, किन्तु प्रार्थी द्वारा डपजेनइपेीप कम्पनी  को आवष्यक पक्षकार  नहीं बनाया गया है ।  उत्पाद की  खराबी या षिकायत को दूर करने का अधिकार उक्त कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर को है । यहां यह उल्लेखनीय है कि  प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत् उत्पाद अप्रार्थी संस्थान से खरीदा गया है । यदि प्रार्थी द्वारा उसके समक्ष उक्त उत्पाद की षिकायत  की गई थी  तो उसके लिए यह अपेक्षित है कि या तो वह उक्त उत्पाद की खराबी को दूर करें अथवा  इसे दूर करने हेतु  सर्विस सेन्टर में भेजे । चूंकि प्रार्थी के तथ्यों  का कोई खण्डन सामने नहीं  आया है ,अतः यह  सिद्व रूप से प्रकट हुआ है कि उसके द्वारा  दो एयरकण्डीषनर खरीदे गए थे ।  जिनमें से एक एयरकण्डीषनर में खराबी आ जाने की षिकायत किए जाने के बावजूद  उक्त खराबी को ठीक नहीं किया गया । फलतः  अप्रार्थी  सेवा में  दोष का भागी है ।  मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है अतः आदेष है कि 
                         :ः- आदेष:ः-
8.       (1)        अप्रार्थी  प्रार्थी  को  जरिए  डिलीवरी मीमो दिनांक 3.4.2015 के द्वारा क्रय किए गए एयरकण्डीषनर संख्या 567800829 बीई के स्थान पर उसी मैक व माॅडल का, उसी कीमत में  नया त्रुटिहीन एयरकण्डीषनर उपलब्ध करावें  अथवा  विकल्प में उसकी क्रय राषि रू. 37,100/- क्रय करने की दिनंाक 3.4.2015 से ताअदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित अदा करें ।  
                          (2)       प्रार्थी अप्रार्थी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू. 10,000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू.5000/- भी प्राप्त करने का  अधिकारी होगा । 
              (3)       क्रम संख्या 1  लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी  प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 08.07.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 


 

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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