राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-1296/2019
डेल इण्टर नेशनल सर्विसेज इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड, 12/1, 12/12 (ए), दिव्या श्री ग्रीनस, कोरामंगल, रिंग रोड़, छल्लाघट्टा ग्राम वरथुर होबली, डोमलूर, बंगलौर/बेंगलुरू, कर्नाटक-560071
........... अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
बनाम
1- सूरज कुमार साहू द्वारा श्री सुरेश चन्द्र (अवयस्क) द्वारा संरक्षिका श्रीमती सोनी साहू पत्नी श्री सुरेश चंदर, निवासी ग्राम बिहका, पुरमुफ्तीमनौरी, जिला इलाहाबाद उत्तर प्रदेश
…….. प्रत्यर्थी/परिवादी
2- फिलपकार्ट टेक कनेक्ट रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, यूनिट नं0-403,1 गोल्फ कोर्स रोड सेक्टर-56 गुरूग्राम, हरियाणा।
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री प्रमेन्द्र वर्मा
प्रत्यर्थी सं0-1 स्वयं : श्री सूरज कुमार साहू (व्यक्तिगत)
दिनांक :- 25.4.2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/ डेल इण्टर नेशनल सर्विसेज इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, इलाहाबाद द्वारा परिवाद सं0-404/2018 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.12.2018 के विरूद्ध योजित की गई है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1 फिलपकार्ट द्वारा प्रदर्शित किये जा रहे डेल इनस्पाइरान 15,5000 कोर लैपटॉप को खरीदने के लिए आर्डर मंगाया
-2-
गया, जिसकी डिलीवरी दिनांक 10.8.2018 को प्रत्यर्थी/परिवादी को की गई। प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा उपरोक्त लैपटॉप की डिलीवरी लिये जाने के पश्चात तत्काल उसका मूल्य 37,990.00 रू0 का भुगतान किया गया। परन्तु जब उपरोक्त लैपटॉप को खोलकर देखा गया तो प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा बुक कराये गये लैपटॉप ग्रे कलर के बजाय ब्लैक रंग का प्रत्यर्थी/परिवादी को प्रदान गया, जो कि ऑन करने पर ऑन नहीं हो रहा था तथा लैपटॉप के साथ दिये गये चार्जर की पिन लैपटॉप के चार्जर होल में सेट नहीं हो रही थी। इसके अलावा प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1 द्वारा अपने ई-कामर्स साइट पर प्रदर्शित लैपटॉप के मॉडल में दिखा रहा कैमरा भी प्रत्यर्थी/परिवादी को डिलीवर किये गये लैपटॉप से भिन्न था, जिसकी शिकायत तत्काल प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा डिलीवरी वाले व्यक्ति से की गई, परन्तु उसके द्वारा प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1 से शिकायत करने को कहा गया। उक्त के संबंध में प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 10.8.2018 को प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1 के कस्टमर केयर नम्बर पर शिकायत दर्ज करायी गई, तत्पश्चात कई दिनों तक प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1 से शिकायत की जाती रही, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गई, अत: विवश होकर प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत किया गया।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवादी के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्य पर विस्तार से विचार करने के उपरांत परिवाद को स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
"परिवादी का परिवाद निम्नांकित रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देश दिया जाता है कि वे एक माह के अंदर
-3-
परिवादी को खराब लैपटॉप के स्थान पर नया लैपटॉप अथवा उक्त लैपटॉप का मूल्य 37,990.00 रू0 दें। एक माह में नया लैपटॉप अथवा लैपटॉप का मूल्य 37,990.00 रू0 अदा न करने पर विपक्षीगण द्वारा उक्त धनराशि 37,990.00 रू0 मय 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दावा प्रस्तुतीकरण से संतुष्टिकरण तक अदा करना होगा। विपक्षी द्वारा परिवादी 2000.00 रू0 मानसिक क्षतिपूर्ति व 1000.00 रू0 वाद व्यय भी पाने का अधिकारी होगा।"
जिला उपभोक्ता आयोग के प्रश्नगत निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 द्वारा प्रस्तुत अपील योजित की गई है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता तथा प्रत्यर्थी/परिवादी जो कि व्यक्तिगत रूप से उपस्थित है, को भी सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कथनों को सुना गया तथा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पूर्णत: विधि अनुकूल है तथा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो अनुतोष अपने प्रश्नगत निर्णय/आदेश में प्रत्यर्थी/परिवादी को उसे प्रदान किये गये त्रुटिपूर्ण लैपटॉप के संबंध में प्रदान किया गया है, उसमें किसी प्रकार कोई अवैधानिकता अथवा विधिक त्रुटि अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपीलीय स्तर पर इंगित नहीं की जा सकी है।
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परन्तु जहॉ तक विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपने प्रश्नगत आदेश में ब्याज की देयता 10 प्रतिशत वार्षिक हेतु आदेश पारित किया गया है वह केस के तथ्यों एवं अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कथन को दृष्टिगत रखते हुए अधिक प्रतीत हो रही है, अत्एव उसे वाद के तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए 10 के स्थान पर 06 प्रतिशत संशोधित किया जाना उचित पाया जाता है। निर्णय/आदेश का शेष भाग यथावत कायम रहेगा। तद्नुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है।
अपीलार्थी को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्त निर्णय/आदेश का अनुपालन 30 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को नियमानुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1