Uttar Pradesh

StateCommission

CC/149/2014

Gaurav Singh - Complainant(s)

Versus

Supertech Ltd - Opp.Party(s)

Adil Ahmad

01 Apr 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/149/2014
( Date of Filing : 27 Oct 2014 )
 
1. Gaurav Singh
Allahabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Supertech Ltd
New Delhi
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 01 Apr 2019
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

परिवाद सं0-१४९/२०१४

 

गौरव सिंह पुत्र श्री राजेन्‍द्र सिंह निवासी ८३०/३८३ एफ/१, मीरपुर, इलाहाबाद।  

                                        ...................        परिवादी।

बनाम

१. सुपरटेक लिमिटेड, रजिस्‍टर्ड कार्यालय १११४, ग्‍यारहवॉं तल, हेमकुण्‍ट चेम्‍बर, ८९, नेहरू प्‍लेस, नई दिल्‍ली-११००१९ द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर।

२. सुपरटेक लिमिटेड, हैड आफिस सुपरटेक शॉप्रिक्‍स मॉल, तृतीय तल, सी-१३४ बी, सेक्‍टर ६१, नोएडा, उत्‍तर प्रदेश द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर।

....................     विपक्षीगण।

समक्ष:-

१. मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य ।

२. मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

परिवादी की ओर से उपस्थित :- श्री अदील अहमद विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षीगण की ओर से उपस्थित:- श्री सर्वेश कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक : ०३-०५-२०१९.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध फ्लैट सं0-१३०१ टावर बी-१२ ईको विलेज-१, ग्रेटर नोएडा उत्‍तर प्रदेश का कब्‍जा दिलाए जाने हेतु, फ्लैट सं0-१३०१ टावर बी-१२ ईको विलेज-१ ग्रेटर नोएडा का आबंटन निरस्‍त न करने के लिए विपक्षीगण को निर्देशित किए जाने हेतु तथा क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु योजित किया गया है।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी के कथनानुसार परिवादी ने नोएडा में फ्लैट क्रय करने हेतु विपक्षी की ईको विलेज आवासीय योजना में फ्लैट बुक कराया तथा १,५७,२११/- रू० दिनांक ०५-०६-२०१० को बुकिंग धनराशि के रूप में भुगतान किया। विपक्षी ने अपने पत्र दिनांकित २९-०८-२०१० द्वारा फ्लैट सं0-६०५ ब्‍लॉक बी-२८ क्षेत्रफल ७९५ वर्गफीट ईको विलेज-२ में आबंटित किया। इस फ्लैट की कीमत बुकिंग के समय १५,५२,२३७.५० रू० निर्धारित की गई तथा आबंटन पत्र दिनांकित २९-०८-२०१० द्वारा पेमेण्‍ट शिड्यूल प्राप्‍त कराया गया। इकरारनामे के अनुसार उपरोक्‍त फ्लैट का कब्‍जा

 

 

 

-२-

दिनांक ०१-११-२०१३ तक दिया जाना था। तदोपरान्‍त परिवादी ने विपक्षीगण की मांग के अनुसार दिनांक २९-०९-२०१० को १,५३,२३६.५० रू० तथा दिनांक २७-१२-२०१० को ४,५९१/- रू० अदा किया। परिवादी नियमित रूप से किश्‍तों की अदायगी करता रहा है तथा सदैव इकरारनामे के अन्‍तर्गत अपनी भूमिका का निर्वहन करने हेतु तैयार एवं इच्‍छुक रहा है। परिवादी को यह ज्ञात हुआ कि कुछ कृषकों ने मा0 उच्‍च न्‍यायालय में रिट याचिका राज्‍य सरकार द्वारा उनकी भूमि अधिग्रहण के विरूद्ध योजित की थी जिसका निर्णय दिनांक १२-०५-२०११ को हुआ। भवन निर्माणकर्ता द्वारा इस आदेश के विरूद्ध एस0एल0पी0 नं0-१६३६६/२०११ मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय में योजित की गई। मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय ने अपने निर्णय दिनांकित ०६-०७-२०११ द्वारा भूमि अर्जन को अपास्‍त कर दिया। विपक्षीगण ने परिवादी को दिनांक ०१-०६-२०१२ को इस आशय का ई-मेल प्रेषित किया कि मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय के उपरोक्‍त आदेश के कारण ईको विलेज-२ का निर्माण कार्य रोक दिया गया है किन्‍तु विपक्षीगण परिवादी को विश्‍वास तथा परिवादी के हित की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। विपक्षी द्वारा एक वैकल्पिक प्रस्‍ताव फ्लैट नं0-१३०१ बी-१२ ईको विलेज-१ ग्रेटर नोएडा में आबंटन हेतु प्रेषित किया गया। परिवादी ने विपक्षी को फ्लैट नं0-१३०१ के आबंटन पर सहमति के सन्‍दर्भ में अपना ई-मेल प्रेषित किया तथा विपक्षी से फ्लैट नं0-१३०१ के सन्‍दर्भ में आबंटन पत्र जारी किए जाने का आग्रह किया। परिवादी को एक ई-मेल दिनांकित २२-१२-२०१२ विपक्षी से प्राप्‍त हुआ जिसके द्वारा परिवादी से नया आबंटन स्‍वीकार करने हेतु कहा गया। परिवादी ने ई-मेल दिनांकित २८-१२-२०१२ द्वारा सूचित किया कि परिवादी द्वारा औपचारिक रूप से लिखित सहमति पूर्व में प्रेषित की जा चुकी है। परिवादी को पुन: २८-१२-२०१२ को ई-मेल प्राप्‍त हुआ जिसके द्वारा उसे सूचित किया गया कि उसकी फाइल प्रक्रिया के अधीन है तथा उसको शीघ्र सूचित किया जायेगा। तदोपरान्‍त परिवादी ने अनेक ई-मेल तथा एस0एम0एस0 एवं फोन विपक्षी को आबंटन की अद्यतन स्थिति की जानकारी हेतु प्रेषित किए किन्‍तु कोई सन्‍तोषजनक उत्‍तर परिवादी को प्राप्‍त नहीं कराया गया। दिनांक १२-०३-२०१३ को परिवादी को इस आशय का ई-मेल प्राप्‍त हुआ कि परिवादी को पुराना

 

 

 

-३-

आबंटन पत्र ईको विलेज-१ के नये आबंटन के मुद्रण हेतु प्रेषित करना होगा। तदोपरान्‍त परिवादी ने अपना पुराना आबंटन पत्र प्राप्‍त कराया किन्‍तु परिवादी को नया आबंटन पत्र जारी नहीं किया गया। परिवादी को ई-मेल दिनांकित १३-०३-२०१३ द्वारा सूचित किया गया कि पूर्व आबंटन निरस्‍त कर दिया गया है। परिवादी जमा की गई धनराशि प्राप्‍त कर सकता है। इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा अनुचित व्‍यापार प्रथा कारित करते हुए सेवा में त्रुटि की गई।

विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया गया। प्रतिवाद पत्र के अनुसार विपक्षीगण द्वारा यह अभिकथित किया गया कि परिवादी के पक्ष में फ्लैट नं0-१३०१ टावर बी-१२ ईको विलेज-१ ग्रेटर नोएडा के सन्‍दर्भ में कोई आबंटन पत्र जारी नहीं किया गया। अत: इस फ्लैट के सनदर्भ में परिवादी एवं विपक्षीगण के मध्‍य कोई संविदा नहीं हुई। परिवादी इस फ्लैट के सनदर्भ में विपक्षीगण का उपभोक्‍ता नहीं है। जहॉं तक फ्लैट सं0-६०५ ब्‍लॉक बी-२८ क्षेत्रफल ७९५ वर्गफीट ईको विलेज-२ का प्रश्‍न है इस परियोजना से सम्‍बन्धित भूमि का अर्जन मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेशानुसार निरस्‍त किया जा चुका है तथा मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेशानुसार परिवादी द्वारा जमा की गई धनराशि का भुगतान परिवादी को किया जा चुका है। विपक्षी के कथनानुसार परिवादी द्वारा विभिन्‍न तिथियों में कुल ३,१५,०३८.५० रू० का भुगतान किया गया जबकि आबंटन पत्र की शर्तों के अनुसार दिनांक ०१-०५-२०११ तक परिवादी को कुल ४,६५,६७१.२५ रू० का भुगतान करना था। इस प्रकार स्‍वयं परिवादी द्वारा भुगतान के विषय में त्रुटि की गई। विपक्षीगण द्वारा सेवा में कोई त्रुटि नहीं की गई है।

परिवादी की ओर से परिवाद के साथ संलग्‍नक-१ के रूप में फ्लैट सं0-६०५ ब्‍लॉक बी-२८ क्षेत्रफल ७९५ वर्गफीट ईको विलेज-२ से सम्‍बन्धित बुकिंग फार्म की फोटोप्रति, उक्‍त फ्लैट के सन्‍दर्भ में विपक्षी द्वारा निर्गत आबंटन पत्र की फोटोप्रति संलग्‍नक-२ के रूप में, परिवादी को पूर्व आबंटित फ्लैट सं0-६०५ के स्‍थान पर फ्लैट सं0-१३०१ टावर नम्‍बर बी-१२ योजना ईको विलेज-१ के आबंटन हेतु परिवादी एवं विपक्षीगण के मध्‍य  हुए पत्राचार की फोटोप्रतियॉं संलग्‍नक-३ लगायत १० के रूप में दाखिल की गई हैं तथा

 

 

 

 

-४-

परिवादी गौरव सिंह का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया है, जिसमें परिवाद के अभिकथनों की पुष्टि की गई है। पुन: परिवादी द्वारा श्‍ापथ पत्र दिनांकित २३-०८-२०१६ दाखिल किया गया है तथा इस शपथ पत्र के साथ वही अभिलेख संलग्‍न किए गये हैं जो अभिलेख परिवाद के साथ संलग्‍न किए गये हैं।

विपक्षीगण की ओर से श्री अतुल कुमार का शपथ पत्र दाखिल किया गया है। विपक्षीगण की ओर से लिखित तर्क भी दाखिल किया गया है।

हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अदील अहमद एवं विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री सर्वेश कुमार शर्मा के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया।

परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि परिवादी को प्रारम्‍भ में फ्लैट सं0-६०५ ब्‍लॉक बी-२८ क्षेत्रफल ७९५ वर्गफीट विपक्षीगण की योजना ईको विलेज-२ में आबंटित किया गया। परिवादी द्वारा उक्‍त आबंटन हेतु १,५७,२११/- रू० बुकिंग धनराशि का भुगतान किया गया। इस फ्लैट का मूल्‍य १५,५२,२३७.५० रू० निर्धारित किया गया। तदोपरान्‍त परिवादी द्वारा विपक्षीगण के निर्देशानुसार दिनांक २९-०९-२०१० को १,५३,२३६.५० रू० का भुगतान किया गया। दिनांक २७-१२-२०१० को ४,५९१/- रू० का भुगतान किया गया। विपक्षीगण की इस परियोजना से सम्‍बन्धित भूमि के अधिग्रहण को कुछ कृषकों द्वारा मा0 उच्‍च न्‍यायालय इलाहाबाद में रिट याचिका योजित करके चुनौती दी गई। मा0 उच्‍च न्‍यायालय इलाहाबाद ने अपने निर्णय दिनांकित १२-०५-२०११ द्वारा इस अधिग्रहण को अवैध बताया गया। इस निर्णय के विरूद्ध मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय में योजित एस0एल0पी0 नम्‍बर १६३६६/२०११ में मा0 उच्‍च न्‍यायालय इलाहाबाद द्वारा दिए गये निर्णय की पुष्टि की गई। तदोपरान्‍त मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा दिए गये निर्णय के उपरान्‍त विपक्षीगण ने परिवादी को पूर्व आबंटित फ्लैट के स्‍थान पर विकल्‍प में अपनी ईको विलेज-१ ग्रेटर नोएडा योजना में फ्लैट सं0-१३०१ टावर बी-१२ आबंटित करने हेतु ई-मेल के माध्‍यम से प्रस्‍ताव प्रेषित किया। परिवादी ने उक्‍त प्रस्‍ताव पर अपनी सहमति ई-मेल द्वारा प्रेषित की किन्‍तु इस सन्‍दर्भ में परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने

 

 

-५-

पक्षकारों के मध्‍य हुए पत्राचार, परिवाद के साथ संलग्‍न संलग्‍नक-३ लगायत १०, की ओर हमारा ध्‍यान आकृष्‍ट किया। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि परिवादी की विपक्षीगण के प्रस्‍ताव पर सहमति होने के बाबजूद विपक्षीगण द्वारा आबंटन पत्र जारी नहीं किया गया बल्कि ईको विलेज-२ में परिवादी को प्रारम्‍भ में किए गये फ्लैट के आबंटन को ई-मेल दिनांकित १३-०३-२०१३ द्वारा अवैध रूप से निरस्‍त कर दिया गया।

विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि प्रस्‍तु परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने फ्लैट सं0-१३०१ टावर बी-१२ ईको विलेज-१ का आबंटन एवं इकरानामा निष्‍पादित किए जाने का अनुतोष चाहा है जबकि इस फ्लैट के सम्‍बन्‍ध में कोई आबंटन पत्र परिवादी को विपक्षीगण द्वारा कभी जारी नहीं किया गया और न ही इस फ्लैट के सन्‍दर्भ में कोई इकरारनामा पक्षकारों के मध्‍य निष्‍पादित किया गया। पक्षकारों के मध्‍य ई-मेल के माध्‍यम से हुए पत्राचार के आधार पर फ्लैट सं0-१३०१ के सम्‍बन्‍ध में स्‍वत: कोई संविदा निष्‍पादित होनी नहीं मानी जा सकती। ऐसी परिस्थिति में परिवादी को फ्लैट सं0-१३०१ के सन्‍दर्भ में विपक्षीगण का उपभोक्‍ता नहीं माना जा सकता।

जहॉं परिवादी को पूर्व में आबंटित फ्लैट सं0-६०५ का प्रश्‍न है, यह तथ्‍य निर्विवाद है कि उक्‍त परियोजना से सम्‍बन्धित भूमि का अर्जन मा0 उच्‍च न्‍यायालय तथा मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा अवैध घोषित कर दिया गया, अत उक्‍त आबंटन विपक्षीगण द्वारा निरस्‍त किया गया तथा परिवादी द्वारा इस आबंटन के सन्‍दर्भ में जमा की गई धनराशि ३,१५,०३८.५० रू० को चेक सं0-४२५७२७ दिनांकित २०-०६-२०१३ द्वारा परिवादी को वापस किया गया किन्‍तु परिवादी ने इस धनराशि का भुगतान प्राप्‍त नहीं किया। ऐसी परिस्थिति में विपक्षीगण द्वारा सेवा में कोई त्रुटि कारित किया जाना नहीं माना जा सकता।

पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों के अवलोकन से यह विदित होता है कि निर्विवाद रूप से विपक्षीगण द्वारा परिवादी को फ्लैट सं0-१३०१ आबंटित नहीं किया गया और न

 

 

-६-

ही इस फ्लैट के सन्‍दर्भ में पक्षकारों के मध्‍य कोई इकरारनामा निष्‍पादित किया गया। परिवादी द्वारा परिवाद के साथ संलग्‍न संलग्‍नक-३ लगायत १० पत्राचार के आधार पर पक्षकारों के मध्‍य फ्लैट सं0-१३०१ के सन्‍दर्भ में कोई संविदा निष्‍पादित होनी नहीं मानी जा सकती। ऐसी परिस्थिति में हमारे विचार से फ्लैट सं0-१३०१ के सन्‍दर्भ में परिवादी को विपक्षीगण का उपभोक्‍ता होना नहीं माना जा सकता तथा फ्लैट सं0-१३०१ के सन्‍दर्भ में परिवादी को कोई अनुतोष प्रदान करने का कोई औचित्‍य नहीं है किन्‍तु जहॉं तक परिवादी को पूर्व आबंटित फ्लैट सं0-६०५ के सन्‍दर्भ में परिवादी द्वारा जमा की गई धनराशि ३,१५,०३८.५० रू० की वा‍पसी का प्रश्‍न है, यह तथ्‍य निर्विवाद है कि मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा दिए गये निर्णय दिनांकित ०६-०७-२०११ के अनुसार इस परियोजना से सम्‍बन्धित भूमि अर्जन को अवैध माना गया, इसके बाबजूद इस धनराशि की वापसी निर्विवाद रूप से विपक्षीगण द्वारा परिवादी को चेक दिनांकित २०-०६-२०१३ द्वारा वापस किए जाने का प्रयास किया गया। यह तथ्‍य भी निर्विवाद है कि इस मध्‍य विपक्षीगण ने परिवादी को पूर्व आबंटित फ्लैट के स्‍थान पर ईको विलेज-२ परियोजना में स्थित फ्लैट सं0-१३०१ आबंटित करने का प्रस्‍ताव प्रेषित किया तथा पक्षकारों के मध्‍य ई-मेल के माध्‍यम से पत्राचार होता रहा। अन्‍तत: विपक्षीगण द्वारा अपने पत्र दिनांकित १३-०३-२०१३ द्वारा परिवादी को आबंटित पूर्व फ्लैट का आबंटन निरस्‍त किया गया। ऐसी परिस्थिति में विपक्षीगण का यह दायित्‍व था कि परिवादी द्वारा किए गये भुगतान की राशि पर ब्‍याज का भी भुगतान करते किन्‍तु विपक्षीगण ने परिवादी द्वारा किए गये भुगतान की राशि पर कोई ब्‍याज का भुगतान नहीं किया। इस प्रकार ब्‍याज का भुगतान न करके हमारे विचार से विपक्षीगण द्वारा सेवा में त्रुटि कारित की गई है।

यद्यपि परिवाद के अभिकथनों में परिवादी ने जमा की गई धनराशि की वापसी का कोई अनुतोष विशिष्‍ट रूप से नहीं मांगा है किन्‍तु परिवादी की ओर से तर्क के मध्‍य यह अनुतोष दिलाया जाना भी परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा विकल्‍प में चाहा गया है। परिवाद के अभिकथनों में परिवादी ने ऐसा कोई अनुतोष जो आयोग      उचित समझे, का अनुतोष भी चाहा है। ऐसी परिस्थिति में प्रस्‍तुत मामले के तथ्‍यों एवं

 

 

-७-

परिस्थितियों के आलोक में हमारे विचार से परिवादी द्वारा जमा की गई धनराशि पर जमा किए जाने की तिथि से सम्‍पूर्ण धनराशि की अदायगी तक ०६ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा। परिवाद तद्नुसार आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

            परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादी को परिवादी द्वारा विभिन्‍न तिथियों पर जमा की गई धनराशि निर्णय की प्रति प्राप्त किए जाने की तिथि से एक माह के अन्‍दर भुगतान करें। यह भी आदेशित किया जाता है कि उक्‍त धनराशियों पर धनराशि जमा किए जाने की तिथि से सम्‍पूर्ण धनराशि की अदायगी तक परिवादी विपक्षीगण से ०६ प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्‍याज प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा। इसके अतिरिक्‍त विपक्षीगण को यह भी निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को ५,०००/- रू० परिवाद व्‍यय के रूप में उपरोक्‍त निर्धारित अवधि में भुगतान करें।

पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

 

      (उदय शंकर अवस्‍थी)                       (गोवर्द्धन यादव)

        पीठासीन सदस्‍य                             सदस्‍य

                                                                                                              

                                                                                                   

 

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-१, 

कोर्ट-२.

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.