(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-413/2009
भारतीय जीवन बीमा निगम व अन्य बनाम श्रीमती सुनीता मिश्रा
दिनांक : 18.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-77/2008, सुनिता मिश्रा बनाम शाखा प्रबंधक, भारतीय जीवन बीमा निगम व अन्य में विद्वान जिला आयोग, महोबा द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 02.02.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता सुश्री रेहाना खान के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवाद सं0 77/2008 सुनीता मिश्रा पत्नी स्व0 श्याम सुन्दर मिश्रा के नाम से प्रस्तुत किया गया था, परंतु निर्णय सुनीता मिश्रा पत्नी स्व0 योगेन्द्र मिश्रा के नाम से पारित किया गया है। यह भी ज्ञाता होता है कि बीमा क्लेम कभी भी बीमा कम्पनी के समक्ष प्रस्तुत नही किया गया, इसलिए बीमा कम्पनी को क्लेम की प्रमाणिकता के संबंध में जांच करने का कोई अवसर प्राप्त नहीं हुआ, चूंकि परिवादिनी द्वारा बीमा धारक के रूप में अपने पति के नाम को संशोधित किया गया है। मूल रूप से श्याम सुंदर मिश्रा की पत्नी बताया गया है और बाद में संशोधित कर बीमित योगेन्द्र मिश्रा नामक व्यक्ति को अपना पति बताया गया है। अत: इस स्थिति में बीमा कम्पनी के समक्ष बीमा क्लेम प्रस्तुत करना, बीमा कम्पनी द्वारा जांच करना और उसके पश्चात बीमा क्लेम का निस्तारण करने का आदेश देना उचित है, क्योंकि बीमा कम्पनी के समक्ष कभी भी बीमा क्लेम प्रस्तुत नहीं हुआ।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है तथा परिवादी को आदेशित किया जाता है कि वह बीमा कम्पनी के समक्ष निर्णय पारित किये जाने के 03 माह के अंदर बीमा क्लेम प्रस्तुत करें, इसके पश्चात बीमा कम्पनी अगले 02 माह के अंदर बीमा क्लेम का निस्तारण करना सुनिश्चित करे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2