Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/208

Union of India Post office - Complainant(s)

Versus

Sunita Devi - Opp.Party(s)

Sunil Sharma

24 Oct 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/208
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Union of India Post office
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Sunita Devi
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 24 Oct 2016
Final Order / Judgement

                             राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-208/2003

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्‍या-147/2001 में पारित बहुमत निर्णय/आदेश दिनांक 24.10.2002 के विरूद्ध)

 

1. यूनियन आफ इण्डिया द्वारा पोस्‍ट मास्‍टर जनरल, इलाहाबद।

2. सब पोस्‍ट मास्‍टर (पीएसी) रामनगर, वाराणसी।

3. सीनियर सुप्रीटेंडेंट आफ पोस्‍ट आफिसेज, ईस्‍ट डिवीजन, वाराणसी।

      अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम्~

1. सुनीता देवी पत्‍नी गिरीजा शंकर यादव, ग्राम माहदेवा, पोस्‍ट अभिलाई, जिला चंदौली।

2.  गिरीजा शंकर यादव पुत्र राम बदन, ग्राम माहदेवा, पोस्‍ट अभिलाई, जिला चंदौली।

प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण

 

 

समक्ष:-

1. माननीय श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित  : डा0 उदय वीर सिंह, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित  : सुश्री प्रतिमा देवी, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 24.10.2016

माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

 

प्रकरण पुकारा गया। वर्तमान अपील, परिवाद संख्‍या-147/2001, सुनीता देवी व एक अन्‍य बनाम भारत संघ द्वारा पोस्‍ट एण्‍ड टेलीग्राफ विभाग व दो अन्‍य में जिला फोरम,  वाराणसी द्वारा पारित बहुमत निर्णय/आदेश दिनांक 24.10.2002 से क्षुब्‍ध होकर विपक्षीगण/अपीलार्थीगण की ओर से प्रस्‍तुत की गयी है, जिसके अन्‍तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्‍नवत् आदेश पारित किया गया है :-

‘’ परिवादीगण का परिवाद स्‍वीकार किया जाता है एवं विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि आदेश की तिथि से दो माह के भीतर सम्‍पूर्ण किसान विकास पत्र की परिपक्‍व धनराशि मु0 64000/- रूपये (चौंसठ हजार रूपये) एवं परिपक्‍वता तिथि

-2-

के बाद उक्‍त धनराशि पर 15 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज एवं क्षतिपूर्ति स्‍वरूप 1500/- रूपये (पन्‍द्रह सौ) अदा करें। अवधि बीत जाने पर सम्‍पूर्ण धनराशि पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज देय होगा। ‘’

उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश से क्षुब्‍ध होकर वर्तमान अपील विपक्षीगण/अपीलार्थीगण की ओर से योजित की गयी है।

अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता डा0 उदय वीर सिंह तथा प्रत्‍यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता सुश्री प्रतिमा देवी उपस्थित हैं। अत: विद्वान अधिवक्‍तागण को विस्‍तार से सुना गया एवं उपलब्‍ध अभिलेखों एवं प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का परिशीलन किया गया।

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध्‍ा अभिलेखों का परिशीलन करने के पश्‍चात हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचते हैं कि वर्तमान प्रकरण गबन का अभिवचित होना पाया जाता है और इस सन्‍दर्भ में आपराधिक मुकदमा व विभागीय कार्यवाही भी विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में प्रश्‍नगत प्रकरण में विस्‍तार से विचार किये जाने की आवश्‍यकता है। उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण भी इस बात से सहम‍त है कि प्रश्‍गगत प्रकरण में और साक्ष्‍य प्रस्‍तुत किया जाना आवश्‍यक है और विस्‍तार से विचार किया जाना भी आवश्‍यक है। अत: मामलें को जिला फोरम को प्रतिप्रेषित किया जाना उचित होगा। ऐसी स्थिति में जिला फोरम द्वारा पारित प्रश्‍नगत बहुमत निर्णय/आदेश दिनांक 24.10.2002 अपास्‍त किये जाने एवं वर्तमान अपील अंशत: स्‍वीकार करते हुए मामलें को जिला फोरम को प्रतिप्रेषित किया जाना न्‍यायसंगत है।

आदेश

वर्तमान अपील अंशत: स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्‍या-147/2001, सुनीता देवी व एक अन्‍य बनाम भारत संघ द्वारा         पोस्‍ट एण्‍ड टेलीग्राफ विभाग व दो अन्‍य में पारित बहुमत निर्णय/आदेश दिनांक 24.10.2002 अपास्‍त किया जाता है।  जिला  फोरम को प्रकरण इस निर्देश के साथ       

-3-

साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए मामलें का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर अधिकतम 06 माह में करना सुनिश्‍चित करें।

     उभय पक्ष को यह भी निर्देशित किया जाता है कि वह जिला फोरम के समक्ष दिनांक 18.11.2016 को अग्रिम कार्यवाही हेतु उपस्थित हों।

     निर्णय/आदेश की प्रति उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाये।

 

 

            (जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा)                      (संजय कुमार)

              पीठासीन सदस्‍य                               सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,  कोर्ट-2

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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