Rajasthan

Ajmer

CC/423/2013

DALCHAND - Complainant(s)

Versus

SUNIL KUMAR - Opp.Party(s)

ADV AVINASH TAK

04 Apr 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/423/2013
 
1. DALCHAND
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. SUNIL KUMAR
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

डालचन्द धनवाल पुत्र श्री कन्हैया लाल, जाति- कोली, निवासी- 1661/43, षांति भवन, पूजा मार्ग,धोलाभाटा, अजमेर । 

                                                -         प्रार्थी


                            बनाम

सुनील कुमार पुत्र श्री नौरतमल बैरवा, निवासी- ग्राम  कल्याणीपुरा,  वी.के.जनरल स्टोर के पास, अजमेर । 
                                               -          अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या 423/2013  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री अविनाष टांक, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2. अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं 

                              
मंच द्वारा            :ः- निर्णय :ः-      दिनांकः- 12.05.2016
 
1.           प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी से भवन निर्माण हेतु एक इकरारनामा  किया ।  जिसके अनुसार   अप्रार्थी को आर.सी.सी. होने तक कुल रू. 1,62,500/- प्राप्त करने थे। किन्तु अप्रार्थी ने   अपनी आवष्यकता बताते हुए व जल्दी कार्य पूर्ण करने की कहते हुए आर.सी.सी. के समय उससे रू. 3,18,000/- प्राप्त कर लिए । इस प्रकार अप्रार्थी ने उससे रू. 1,50,500/- अधिक प्राप्त कर लिए और  राषि प्राप्त कर लिए जाने के बावजूद भी अप्रार्थी  निर्माण कार्य अधूरा यथा-  आर.सी.सी की छत डालने के बाद  अन्दर व बाहर का प्लास्टर,फर्ष,  सेनेटरी व बालकोनी  डिजाईन इत्यादि छोड कर चला गया।  प्रार्थी ने उक्त  अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए  अप्रार्थी से कई बार निवेदन किया  । अन्त में दिनांक 26.10.2012 को अधिवक्ता के माध्यम से अधूरे छोड़े कार्य को पूरा करने अथवा अधिक प्राप्त की गई राषि लौटाने हेतु नोटिस भी दिलावाया । किन्तु अप्रार्थी ने अधूरे छोडे कार्य को पूरा नहीं किया  और ना ही राषि लौटाई । प्रार्थी को मजबूरन  अन्य ठेकेदार श्री राकेष कुमार बैरवा से  निर्माण कार्य पूरा करवाना  पड़ा । जिसके लिए प्रार्थी को अतिरिक्त राषि  भी व्यय करनी पडी । प्रार्थी ने  अप्रार्थी द्वारा अधूरा कार्य छोडने व इकरारनामे में अंकित राषि  से अधिक राषि प्राप्त कर लेना उसकी सेवा में कमी का परिचायक बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है। परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने अपना षपथपत्र पेष किया । 
2.          अप्रार्थी बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी के विरूद्व दिनांक 06.12.2013 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
3.          प्रार्थी  के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी से  भवन निर्माण हेतु एक इकरारनामा  निष्पादित किया । इकरारनामें के अनुसार  आर.सी.सी. होने तक रू. 1,62,500/- प्राप्त करने थे । किन्तु अप्रार्थी ने   आर.सी.सी.  होने के समय उससे रू. 3,18,000/- प्राप्त कर लिए । इस प्रकार अप्रार्थी ने उससे रू. 1,50,500/- अधिक प्राप्त कर लिए और  अप्रार्थी  निर्माण कार्य अधूरा  छोड दिया । अन्य ठेकेदार श्री राकेष कुमार बैरवा से  निर्माण  पूरा करवाया  । प्रार्थी को अतिरिक्त राषि व्यय करनी पड़ी । प्रार्थी ने  अप्रार्थी द्वारा अधूरा कार्य छोड़ना व इकरारनामे में अंकित राषि  से अधिक राषि प्राप्त कर लेने को  सेवा में कमी का दोषी बतलाते हुए अप्रार्थी से अधिक प्राप्त की गई राषि व मानसिक सांतप व वादव्यय प्राप्त करने का अधिकारी बताया । 
4.         हमने प्रार्थी  के तर्क  सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री का अनुषीलन किया ।  
5.       .        प्रार्थी  ने अपने परिवाद में वर्णित कथनों  की पुष्टि अपने  षपथपत्र के माध्यम से एवं दस्तावेज जो अभिलेख पर उपलब्ध कराए हैं यथा- अप्रार्थी से भवन निर्माण हेतु किए गए इकरारनामा व अप्रार्थी द्वारा छोडे़ गए अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए अन्य किसी  राजेष कुमार बैरवा से किए गए इकरारनामा, अप्रार्थी को भुगतान की गई राषि का विवरण इत्यादि की फोटोप्रतियांं व भवन निर्माण की फोटो  से की है । यह सभी मौखिक एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखंडित रही है। मंच की राय में अप्रार्थी  द्वारा प्रार्थी के भवन निर्माण के कार्य को अधूरा छोड़ना व कार्य को जल्दी समाप्त करने की कहते हुए प्रार्थी से इकरारनामें में अंकित राषि से अधिक  राषि प्राप्त कर  सेवादोष किया है ।

6          प्रार्थी  के कथन एवं प्रार्थी  द्वारा मंच के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजात को दृष्टिगत रखते हुए  अप्रार्थी के किसी खण्डन के अभाव में प्रार्थी  के कथनों नहीं मानने का कोई आधार इस स्तर पर मंच के समक्ष विद्यमान नहीं है । अप्रार्थी  द्वारा  भवन निर्माण पेटे राषि प्राप्त कर लिए जाने के बावजूद  कार्य को पूरा नहीं करने को  उसकी सेवा में कमी व लापरवाही परिचायक  बताया है । ऐसी स्थिति में प्रार्थी का परिवाद मंच की राय में अप्रार्थी के विरूद्व एक पक्षीय  स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि :

                          :ः- आदेष :ः-

7.        (1)                प्रार्थी  अप्रार्थी से अधिक प्राप्त की गई राषि रू0 1,55,500/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
         (2)            प्रार्थी अप्रार्थी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू.5000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू.2500/- भी प्राप्त करने का  भी अधिकारी होगा । 
         (3)         क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से उपभोक्ता के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 12.05.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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