राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-56/2023
दि न्यू इण्डिया एश्योरेंस कम्पनी लि0 डिविजनल आफिस बरियाघाट, जिला मिरजापुर द्वारा डिविजनल मैनेंजर
...........अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
सुनील कुमार यादव पुत्र श्री मुन्नी लाल यादव, निवासी ग्राम मकान नं0-63 धौरहरा, पोस्ट खुलुआ, तहसील-सदर, थाना चील्ह, जिला मीरजापुर
.............प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री आई0पी0एस0 चडढा
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : श्री अश्वनी कुमार पाण्डेय
दिनांक :-02.4.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/विपक्षी दि न्यू इण्डिया एश्योरेंस कम्पनी लि0 द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, मीरजापुर द्वारा परिवाद सं0-79/2021 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.11.2022 के विरूद्ध योजित की गई है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ट्रक संख्या-यू०पी० 63 टी० 8208 का स्वामी है, जो पालिसी संख्या-42110031190100007198 वैधता दिनाँक 02.3.2020 से 01.3.2021 तक अपीलार्थी/वीमा कम्पनी द्वारा बीमित है। वाहन का आई०डी०वी० मूल्य मु० 15,00,000.00 रूपये निर्धारित है इसका प्रीमियम भी प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा अदा किया गया है। दिनाँक 27.12.2020 को समय करीब रात 08:00 बजे उक्त वाहन का चालक लल्लन गाडी को बेला मैहर से चलाते हुए जौनपुर जा रहा था। उक्त वाहन व स्थान सोहागी पहाड एन.एच.-30 के ढलान पर अनियन्त्रित होकर पहाड़ के नीचे खाई में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी और चालक की मृत्यु भी हो गयी।
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घटना की सूचना प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्पनी को तुरन्त दी गई, जिस पर अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा क्लेम संख्या-421100/31/20/01/90000563 दर्ज किया गया और सर्वेयर शशिधर गौतम द्वारा क्षति का मूल्यांकन किया गया। लिट आटो सर्विस भरूहना, मीरजापुर द्वारा वाहन की क्षति का खर्चा मु0 27,78,851.00 रूपया बताया गया। दुर्घटना की रिपोर्ट थाना सोहागी में अपराध संख्या-362 सन् 2020 धारा 304ए, 427 के अन्तर्गत दर्ज करायी गई एवं बार-बार आश्वासन दिये जाने के बावजूद भी अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा दावा का भुगतान नहीं किया गया और क्लेम खारिज कर दिया गया। इस प्रकार अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कमपनी द्वारा सेवा में कमी की गई है अत्एव क्षुब्ध होकर परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख योजित किया गया।
अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्पनी की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत कर यह कथन किया गया कि कि श्री बी०एस० गौतम द्वारा फाइनल सर्वे करके रिपोर्ट दिनाँक 12.04.2021 को कम्पनी को दी गयी। अपीलार्थी/विपक्षी ने प्रत्यर्थी/परिवादी से लोड चालान को कापी गांगी गयी, जिसके अनुसार वाहन में 7.33 प्रतिशत ओवर लोडिंग पायी गयी, जो बीमा शर्तों के विरुद्ध होने के कारण क्लेम खारिज कर दिया गया। अपीलार्थी/विपक्षी के अनुसार 2200 किलोग्राग ओवर लोडिंग पायी गयी, इसलिए परिवाद खारिज होने योग्य है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्य पर विस्तार से विचार करने के उपरांत परिवाद को स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
''परिवाद स्वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी की क्षतिपूर्ति वाहन आई0डी0वी0 मूल्य मु0 15,00,000.00 रूपये तथा दुर्घटना की तिथि से वास्तविक अदायगी तक 08 प्रतिशत
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वार्षिक की दर से ब्याज एवं हर्जा-खर्चा मु0 20,000.00 रूपये एक माह के अन्दर भुगतान करें।"
जिला उपभोक्ता आयोग के प्रश्नगत निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्पनी की ओर से प्रस्तुत अपील योजित की गई है।
प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्पनी के विरूद्ध आई0डी0बी0 मूल्य रू0 15,00,000.00 मय ब्याज तथा क्षतिपूर्ति एवं हर्जा-खर्चा दिलाये जाने हेतु संस्थित किया गया है।
प्रस्तुत अपील पूर्व में अनेकों तिथियों पर अधिवक्तागण की अनुपस्थिति के कारण स्थगित की जाती रही है। आज मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री आई0पी0एस0 चडढा तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अश्वनी कुमार पाण्डेय को सुना तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
मेरे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के कथनों को सुना गया तथा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधि सम्मत है, परन्तु जहॉ तक विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपने प्रश्नगत आदेश में अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्पनी के विरूद्ध जो हर्जा-खर्चा के मद में रू0 20,000.00 (बीस हजार रू0) की देयता एवं आई0डी0वी0 मूल्य 15,00,000.00 रू0 पर जो दुर्घटना की तिथि से वास्तविक अदायगी तक 08 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की देयता निर्धारित की गई है, वह वाद के सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों तथा अपीलार्थी के अधिवक्ता के कथन को दृष्टिगत रखते हुए अधिक प्रतीत हो रही है।
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तद्नुसार हर्जा-खर्चा के मद में रू0 20,000.00 (बीस हजार रू0) की देयता को रू0 10,000.00 (दस हजार रू0) की देयता में तथा ब्याज की देयता को 08 प्रतिशत वार्षिक के स्थान पर 07 प्रतिशत वार्षिक ब्याज में परिवर्तित किया जाना उचित पाया जाता है, तद्नुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। निर्णय/आदेश का शेष भाग यथावत कायम रहेगा।
अपीलार्थी बीमा कम्पनी को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्त आदेश का अनुपालन 45 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें। अंतरिम आदेश यदि कोई पारित हो, तो उसे समाप्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील को योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्वारा जमा की गयी हो, तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1