Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/2181

S B I - Complainant(s)

Versus

Sunil Kumar Verma - Opp.Party(s)

D P Dwivedi

28 Oct 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2006/2181
( Date of Filing : 12 Sep 2006 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. S B I
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Sunil Kumar Verma
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 28 Oct 2024
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील सं0 :- 2181/2006

           (जिला उपभोक्‍ता आयोग, बलिया द्वारा परिवाद सं0-230/2005 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28/07/2006 के विरूद्ध)

Branch Manager, State Bank of India City Branch Station Mall road City Balia Pargana and distt. Balia

  1.                                                                          Appellant 

Versus

  1. Sunil Kumar Verma aged about 28 years S/O Late Rampati Verma resident of Mohalla Okdenganj (behind Indu Market) City Balia Pargana and distt. Balia
  2. Maha Prabandhak Zila Udyog Kendra Near/infront of T.d. College, Pargana and Distt. Balia Tahsildar, Pargana and Distt. Balia.  
    •                                                                   Respondents

समक्ष

  1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य
  2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य

 

उपस्थिति:

             अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- श्री कार्तिक पाण्‍डेय  

             प्रत्‍यर्थी की ओर विद्वान अधिवक्‍ता:- कोई नहीं

            दिनांक:- 28.10.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.           यह अपील जिला उपभोक्‍ता आयोग, बलिया द्वारा परिवाद सं0-230/2005 सुनील कुमार वर्मा बनाम शाखा प्रबंधक, भारतीय स्‍टेट बैंक में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28/07/2006 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। प्रत्‍यर्थी पर समुचित सूचना के बावजूद भी प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  2.           जिला उपभोक्‍ता आयोग परिवाद स्‍वीकार करते हुए वसूली प्रमाण पत्र को वापस लेने का आदेश पारित किया है।
  3.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत परिवादी द्वारा अंकन 1,00,000/-रू0 का ऋण प्राप्‍त किया गया है और नियमित रूप से ऋण की अदायगी की गयी है, परंतु ऋण राशि का समायोजन न करते हुए परिवादी के विरूद्ध वसूली निर्गत कर दी गयी है, जो सेवा में त्रुटि और लापरवाही है।
  4.            विपक्षी द्वारा कथन किया गया है कि उपभोक्‍ता विवाद मौजूद नहीं है। परिवादी ने ऋण का भुगतान नियमित रूप से नहीं किया है इसलिए वसूली प्रमाण पत्र जारी किया गया है। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने यह निष्‍कर्ष देते हुए कि वसूली प्रमाण पत्र के विरूद्ध भी सुनवाई का अधिकार प्राप्‍त है। वसूली प्रमाण पत्र को निरस्‍त करने का आदेश पारित किया है।
  5.          स्‍वीकार्य रूप से परिवादी द्वारा ऋण प्राप्‍त किया गया। बैंक का कथन है कि ऋण की अदायगी नियमित रूप से नहीं की गयी। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने ऋण की अदायगी के संबंध में कोई निष्‍कर्ष नहीं दिया। जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष ऐसा कोई विवरण पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया, जिससे साबित हो कि सम्‍पूर्ण ऋण की अदायगी हो चुकी है तथा यह भी कि बैंक द्वारा वसूली प्रमाण पत्र जारी होने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता  आयोग को यह अधिकार प्राप्‍त नहीं है कि वसूली प्रमाण पत्र को निरस्‍त कर सके। अत: जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अवैध रूप से निर्णय/आदेश पारित किया है, जो अपास्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

          अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्‍त किया जाता है।

               उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे। 

         प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।         

 

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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