(मौखिक)
अपील संख्या- 2289/2011
इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लि0 बनाम सुनील कुमार त्यागी एवं अन्य
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
दिनांक 22-03-2023
पुकार की गयी।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा को सुना गया। प्रत्यर्थी श्री सुनील कुमार त्यागी को नोटिस की तामील आदेश दिनांकित 03.10.2016 के माध्यम से पर्याप्त मानी जा चुकी है, किन्तु प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा उभय पक्ष के मध्य हुए समझौता पत्र दिनांक 05.08.2017 को मूल रूप में प्रस्तुत किया गया एवं इसकी प्रतिलिपि भी अभिलेख पर रखी गयी, जिसमें अंकित है कि उभय पक्ष के मध्य उपरोक्त अपील सं0 1464/2011 के मामले में राजीनामा हो गया है। यह अपील अपील सं0 2289/2011 में जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश दिनांक 28.06.2011 के विरूद्ध इंडियन ऑयल कारपोरेशन की ओर से प्रस्तुत की गयी है अत: इस मामले का भी निस्तारण भी उपभोक्ता श्री सुनील कुमार त्यागी द्वारा किये गये राजीनामे दिनांकि 05.08.2017 के आधार पर निस्तारित किया जाना उचित है।
उक्त राजीनामा के आधार पर प्रस्तुत अपील अंतिम रूप से निस्तारित की जाती है। परिवाद में पारित अंतिम निर्णय/आदेश भी उक्त राजीनामे के आधार पर निस्तारित किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेशको आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (विकास सक्सेना)
सदस्य सदस्य
संदीप, आशु0 कोर्ट नं0-3
(मौखिक)
अपील संख्या- 1464/2011
पुरकाजी इंडिया गैस सर्विस बनाम सुनील कुमार त्यागी एवं अन्य
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
दिनांक 22-03-2023
पुकार की गयी।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा को सुना गया। प्रत्यर्थी श्री सुनील कुमार त्यागी को नोटिस की तामील आदेश दिनांकित 31.10.2017 के माध्यम से पर्याप्त मानी जा चुकी है, किन्तु प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा उभय पक्ष के मध्य हुए समझौता पत्र दिनांक 05.08.2017 को मूल रूप में प्रस्तुत किया गया एवं इसकी प्रतिलिपि भी अभिलेख पर रखी गयी, जिसमें अंकित है कि उभय पक्ष के मध्य उपरोक्त अपील सं0 1464/2011 के मामले में राजीनामा हो गया है। अत: इस राजीनामे के आधार पर अपील को निस्तारित किये जाने का कथन उक्त समझौता पत्र में किया गया है, जो शपथ पत्र के रूप में नोटरी द्वारा प्रमाणित है। उभय पक्ष के मध्य समझौते का दस्तावेज अपीलार्थी की ओर से प्रस्तुत किया गया है। अत: अपील को चलाये जाने का कोई औचित्य नहीं है।
उक्त राजीनामा के आधार पर प्रस्तुत अपील अंतिम रूप से निस्तारित की जाती है। परिवाद में पारित अंतिम निर्णय/आदेश भी उक्त राजीनामे के आधार पर निस्तारित किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेशको आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (विकास सक्सेना)
सदस्य सदस्य
संदीप, आशु0 कोर्ट नं0-3