(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-2263/2014
(जिला उपभोक्ता आयोग सोनभद्र द्वारा परिवाद संख्या 49/2012 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 13.03.2014 के विरूद्ध)
टाटा मोटर्स लिमिटेड, 24 होमी मोदी स्ट्रीट फोर्ट, मुम्बई 400 005, इन्टेरालिया ब्रांच आफिस, देवा रोड चिनहट, लखनऊ द्वारा मैनेजर
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
बनाम
- सुनील कुमार दुबे पुत्र श्री विरेन्द्र दुबे डी-55, निकट पी0आई0सी0 पिपरी, कोतवाली पिपरी, सोनभद्र प्रत्यर्थी/परिवादी
- मैनेजर, एच0के0वी0के0 मोटर्स प्रा0लि0, बीजपुर मोड़ मूर्धवा, रेनूकूट जनपद सोनभद्र
प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री राजेश चडढ़ा, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक : 23.08.2023
मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी द्वारा यह अपील, अन्तर्गत धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 विद्वान जिला आयोग सोनभद्र द्वारा परिवाद संख्या 49/2012
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सुनील कुमार दुबे बनाम प्रबन्धक, एच0के0वी0के0 व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.03.2014 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि प्रत्यर्थी/परिवादी एक ठेकेदार है, जिसने 09.02.2012 को एक टाटा वेहिकल प्रत्यर्थी सं0-2 एच0के0वी0के0 प्रा0लि0 जिला सोनभद्र से खरीदी, उसको सेल सर्टिफिकेट दिनांक 18.03.2012 को दिया गया तब उसको मालूम हुआ कि यह वाहन फरवरी 2011 का बना है, जबकि उसे 2012 का माडल दिया जाना चाहिए था। अपीलार्थी को कभी कोई नोटिस नहीं दी गयी जो पता दिया गया वह गलत पता था, जो केवल पी0सी0पी0यू0 मुम्बई पुणे लिखा था, इस कारण अपीलार्थी उपस्थित नहीं हो सका और प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत नहीं कर सका। वाहन में किसी प्रकार की कोई निमार्ण संबंधी दोष नहीं था। सेवा में कमी की कोई बात नहीं कही गयी है और बिना किसी वाद के मुकदमा दायर किया गया। विद्वान जिला फोरम द्वारा अनावश्यक रूप से वाहन को बदलने का आदेश दिया गया है। प्रश्नगत निर्णय व आदेश विधि विरूद्ध और मनमाना है। जब वाहन खरीदा गया तब उसमें कोई दोष नहीं था और यह वाहन कई हजार मिलोमीटर चल चुका है। वाहन की खरीद का मामला प्रत्यर्थी/ परिवादी और अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 के बीच का है। अपीलार्थी से माडल के बदलने से सम्बन्धित कोई भी सम्बन्ध नहीं है। अत: माननीय आयोग से अनुरोध है कि प्रश्नगत निर्णय व आदेश अपास्त किया जाये।
हमने अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश चडढ़ा को सुना एवं पत्रावाली का सम्यक रूप से परिशीलन किया। प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
हमने प्रश्नगत निर्णय का अवलोकन किया, साथ ही साथ परिवाद पत्र को देखा मुख्य विवाद का बिन्दु यह है कि फरवरी 2012 में खरीदा गया वाहन के
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बदले 2011 माडल का वाहन दिया गया जो गलत है और अनुचित व्यापार संव्यवहार है। जो वाहन 2012 में खरीदे जायेंगे वे वाहन 2012 माडल के ही दिये जायेंगे न कि 2011 का। यदि मान भी लिया जाये कि नोटिस प्राप्त नहीं हुई थी तो भी ऐसा कोई अकाट्य तर्क नहीं दिया गया कि 2012 माडल का ही वाहन प्रदान किया गया था। विद्वान जिला फोरम ने इन्हीं तथ्यों पर प्रश्नगत आदेश पारित किया है, जिसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। तद्नुसार वर्तमान अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उदघोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
नवी हुसैन आशु0 कोट नं0-2 दिनांक 23.08.2023