जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-160/2015
सहायक निदेषक बचत, जिला बचत कार्यालय कचेहरी परिसर, फैजाबाद.............. परिवादी
बनाम
1-तेजू प्रबन्धक, एवं प्रोपराइटर, मै0 सुन्दर आटो सेल्स 118, सिविल लाइन्स फैजाबाद।
2-प्रबन्धक कृशि विकास एमरान बैट्री सहादतगंज फैजाबाद। .......... विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 30.03.2016
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद बैट्री के ब्लास्ट एवं बैट्री बदलने के सम्बन्ध में यह परिवाद योजित किया है।
परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी षासकीय कार्य का संचालन करता है। षासन के कार्य सम्पादन हेतु षासन द्वारा परिवादी को एक वाहन संख्या-यू0पी0 32 ए0ई0 7343 उपलब्ध कराया गया है। उक्त वाहन की बैट्री खराब हो गयी थी, जिसकोेेेेेेेे परिवादी ने अपने सहायक निदेषक, बचत रमेष चन्द्र षुक्ला द्वारा दिनंाक 22-08-2015 को विपक्षी संख्या-2 की कम्पनी को बैट्री विपक्षी संख्या-1 के माध्यम से लगवाया थां। जिस कारण सहायक निदेषक बचत को परिवाद प्रस्तुत करने की अनुमति दी गयी है। परिवादी ने दिनंाक 22-08-2014 को अपने वाहन संख्या-यू0पी0 32 ए0ई0 7343 की बैट्री विपक्षी संख्या-1 से मु0 रूपये 6,950/- में लगवाया था तथा वाहन की पुरानी बैट्री विपक्षी संख्या-1 मु0 रूपये 400/- में क्रय किया था। उक्त धनराषि समायोजन के बाद विपक्षी संख्या-1 ने परिवादी को रूपये 6,550/- की रसीद व बैट्री दो साल की गारन्टी का कार्ड दिया था तथा यह कहा कि यह बैट्री विपक्षी संख्या-2 की कम्पनी बनाती है जो विष्वसनीय है तथा यदि दो वर्श के भीतर कोई भी खराबी आती है तो मैं इसे बदल कर दूसरी बैट्री आपके वाहन में लगा दंूगा। परिवादी विपक्षी संख्या-2 की ख्याति एवं विपक्षी
संख्या-1 के आष्वासन पर विष्वास करके चला आया। दिनंाक 25-06-2015 को उक्त बैट्री ब्लास्ट हो गयी जिसकी षिकायत परिवादी ने तुरन्त विपक्षी संख्या-1 को दिया तथा उसी के माध्यम से विपक्षी संख्या-2 को भी दिया तथा बैट्री बदलने का आग्रह किया इस पर विपक्षी संख्या-1 ने परिवादी से गारन्टी कार्ड मांगा और देखने के बाद कहा कि यह बैट्री अभी मेरे पास नयी बैट्री नहीं है। एक दो दिन में नयी बैट्री मंगाकर बदल दंूगा। परिवादी ने जब कार्ड मांगा तो विपक्षी संख्या-1 ने कहा कि इसे मेरे पास रहने दो कम्पनी को जब यह कार्ड भेेजूंगा तभी दूसरी बैट्री भेेजेगी। परिवादी उक्त बातों पर विष्वास करके चला आया। विपक्षी संख्या-1 ने परिवादी की बैट्री बदलने से इन्कार कर दिया। तब परिवादी को काफी क्षति उठाना पड़ा। इसलिये परिवादी ने यह परिवाद दायर किया है। परिवादी को बैट्री की कीमत रूपये 6,950/- तथा क्षतिपूर्ति 45,000/- दिलाया जाय।
विपक्षीगण को प्रकाषन के द्वारा नोटिस तामील करायी गयी। विपक्षीगण न्यायालय में हाजिर होकर अपना जवाबदावा दाखिल नहीं किया। परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्व एक पक्षीय रूप से सुने जाने का आदेष दिनंाक 28-01-16 को किया गया। विपक्षीगण ने निर्णय के पूर्व तक अपना कोई रिकाल प्रार्थना पत्र फोरम के समक्ष नहीं प्रेशित किया।
परिवादी की बहस सुनी गयी। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। परिवादी ने विपक्षी मे0 सुन्दर आटो सेल्स 118 सिविल लाइन्स फैजाबाद से ए0ए0एफ0 752503 दिनंाक 22-08-2014 को रूपये 6,950/- में एमरान कम्पनी की बैट्री क्रय किया। परिवादी ने विपक्षी को नोटिस दिया जिस पर विपक्षी संख्या 1 ने जवाब में कहा कि बगैर षासन के अनुमति के ऐसी विधिक नोटिस देने का आप द्वारा एक लोक सेवक का अधिकार नहीं है। परिवादी ने उ0प्र0 द्वारा सरकार द्वारा नियुक्त सहायक निदेषक के लिये बैट्री विपक्षी संख्या-1 के यहां क्रय किया। विपक्षी संख्या-1 ने एमरान बैट्री परिवादी को बेचना अपने नोटिस के जवाब में स्वीकार किया। एमरान बैट्री को विपक्षी सं 2 के यहाॅं बनता है। बैट्री ब्लास्ट हो गयी थी। यदि बैट्री के निर्माण में कमी न होती तो बैट्री के सर्विस कराने के जिम्मेदारी विपक्षी संख्या-1 व 2 की होती है। बैट्री निर्माण में कमी है। इसलिये बैट्री ब्लास्ट हो गयी है इसकी जिम्मेदारी विपक्षी संख्या 1 की नही बनती बल्कि विपक्षी संख्या-2 की बनती है। इस प्रकार परिवादी बैट्री वारन्टी पीरियड में ब्लास्ट हुई है। इसलिये क्षतिपूर्ति विपक्षी संख्या 2 से प्राप्त करने का अधिकारी है। इस प्रकार परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या-2 के विरूद्व स्वीकार किये जाने योग्य है। विपक्षी संख्या 1 के विरूद्व खारिज किये जाने योग्य है।
आदेष
परिवादी का परिवाद विपक्षी सं 2 के विरूद्व स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी सं 1 के विरूद्व खारिज किया जाता है। विपक्षी संख्या 2 को आदेषित किया जाता है कि परिवादी को बैट्री की कीमत रूपये 6,950/- निर्णय एवं आदेष की तिथि से एक माह के अन्दर अदा करें। यदि उक्त दिये गये समय के अन्दर उक्त धनराषि की अदायगी विपक्षी संख्या 2 नहीं अदा करता है तो परिवादी विपक्षी संख्या 2 से परिवाद योजित करने की तिथि से तारोज वसूली 12 प्रतिषत सालाना साधारण ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इसके
अतिरिक्त परिवादी विपक्षी संख्या 2 से मु0 1,000/-वाद व्यय एवं मु0 2,000/- मानसिक क्षतिपूर्ति भी प्राप्त करने का अधिकारी है।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 30.03.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष