Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/377

Anil Prakash Soni - Complainant(s)

Versus

Suman Resorts India Ltd - Opp.Party(s)

S K Srivastava

01 Sep 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/377
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Anil Prakash Soni
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Suman Resorts India Ltd
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Chandra Bhal Srivastava PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

मौखिक

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

 

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्‍या 379 सन 2008 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 18.02.2010  के विरूद्ध)

 

अपील संख्‍या  377 सन 2011

 Anil Prakash Soni Throuth its Karta Anil Prakash Soni R/o Govind Nagar Kanpur                                                           ............अपीलार्थी

बनाम

       

M/s Suman Resorts India Ltd Through its Managing Director 208 parshva Chambers, 19/12 Essaj Street Vadgadi Mumbai400003              प्रत्‍यर्थी्गण

 

समक्ष:-

1    मा0   श्री चन्‍द्र भाल श्रीवास्‍तव,  पीठासीन  सदस्‍य।

2    मा0   श्री राजकमल गुप्‍ता , सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  श्री एस0के0 श्रीवास्‍तव ।

प्रत्‍यर्थी   की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  कोई नहीं ।

 

दिनांक:  01.09.2015

      श्री चन्‍द्रभाल श्रीवास्‍तव, सदस्‍य (न्‍यायिक) द्वारा उदघोषित ।

निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्‍या 379 सन 2008 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 18.02.2010  के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है जिसके द्वारा जिला फोरम ने परिवादी के परिवाद को उभय पक्ष की अनुपस्थिति में निरस्‍त कर दिया है।  अपीलार्थी ने प्रकारान्‍तर से जिला फोरम में प्रर्कीण वाद संख्‍या 20 सन 2010 में पारित  आदेश दिनांक 07.9.2010 को भी चैलेंज किया गया है जिसके द्वारा जिला फोरम ने पुनर्वलोकन आवेदन को निरस्‍त किया है।

      हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिरवक्‍ता की बहस सुन ली है एवं अभिलेख का अनुशीलन कर लिया है।

      जहां तक आदेश दिनांक 07.9.2010 का प्रश्‍न है, यह स्‍थापित विधि सिद्धांत है कि जिला फोरम को अपने स्‍तर से पारित आदेश को पुनर्विलोकित करने का क्षेत्राधिकार नहीं है, अत: 07.9.2010 का आदेश विधिपूर्ण है।

      जहां तक प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 18.2.2010 का प्रश्‍न है, परिवाद उभय पक्ष की अनुपस्थिति में खारिज किया गया है जबकि अपीलार्थी का यह कहना है कि विपक्षी द्वारा लिखित कथन दाखिल किया जा चुका था, ऐसी स्थिति में जिला फोरम से यह अपेक्षित था कि पक्षकारों के अभिवचनों के आधार पर प्रकरण को गुण-दोष के आधार पर निस्‍तारित करते।

परिणामत:, यह अपील तद्नुसार स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

 

            प्रस्‍तुत अपील तद्नुसार स्‍वीकार करते हुए जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्‍या 379 सन 2008 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 18.02.2010  खण्डित किया जाता है। जिला फोरम को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवाद को पूर्व नम्‍बर पर अंकित करते हुए उभय पक्षों को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का सम्‍यक अवसर प्रदान करते हुए अधि‍कतम तीन माह के अन्‍दर संबंधित परिवाद का निस्‍तारण करना सुनश्चित करें।

उभय पक्ष इस अपील  का अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

      इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार नि:शुल्‍क उपलब्‍ध करा दी जाए।

 

 

(चन्‍द्र भाल श्रीवास्‍तव)                           (राज कमल गुप्‍ता)

पीठा0 सदस्‍य (न्‍यायिक)                                                         सदस्‍य

      कोर्ट-2

(S.K.Srivastav,PA)

 
 
[HON'BLE MR. Chandra Bhal Srivastava]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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