View 10 Cases Against Suman Motals
RIDHIMA SETHI filed a consumer case on 04 May 2024 against SUMAN MOTALS in the Bareilly-II Consumer Court. The case no is EA/46/2007 and the judgment uploaded on 04 May 2024.
1. निष्पादनकर्ता/डिक्रीदार अनुपस्थित।
2. निर्णीत ऋणी/मद्यून डिक्रीदार अनुपस्थित।
3. दिनॉक 25.07.2007 को प्रस्तुत इस निष्पादन प्रकरण में इसी आयोग द्वारा परिवाद प्रकरण क्रमॉक - 313/2005 में पारित निर्णय दिनॉक 26.08.2006 के पालन में निर्णीत ऋणीगण/मद्यून डिक्रीदारगण के विरुद्ध मूल धनराशि 30,000/-रु. तथा उस पर दिनॉक 28.10.2003 से भुगतान की तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज तथा मानसिक क्षतिपूर्ति 5,000/-रु. की वसूली कार्यवाही की जानी थी।
4. इस निष्पादन प्रकरण की कार्यवाही मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील प्रकरण क्रमॉक - ए/46/2008 में पारित स्थगन आदेश दिनॉक 17.01.2008 के पालन में स्थगित है।
5. पक्षकार निष्पादन कार्यवाही में स्थगन के पश्चात् से ही लगातार अनुपस्थित हैं।
6. अपील निराकृत होने अथवा स्थगन समाप्त होने की कोई अधिकृत सूचना मान्नीय राज्य आयोग की ओर से अब तक प्राप्त नहीं हुई है और न ही किसी पक्षकार की ओर से प्रस्तुत की गई है।
7. मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील स्वीकार किये जाने की दशा में निष्पादन कार्यवाही समाप्त हो जावेगी तथा इसके विपरीत मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील खारिज किये जाने की दशा में निष्पादन कार्यवाही में स्थगन समाप्त होकर निष्पादन की कार्यवाही आगे जारी रखी जावेगी।
8. मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील स्वीकार किये जाने की दशा में निष्पादनकर्ता/डिक्रीदार का इस निष्पादन प्रकरण में कोई हित शेष न रहने के कारण निष्पादन कार्यवाही में उपस्थित होने की कोई आवश्यकता शेष नहीं रह जाती। इसके विपरीत मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील खारिज किये जाने की दशा में स्थगन स्वतः समाप्त होने पर निष्पादनकर्ता/डिक्रीदार उपस्थित होकर निष्पादन की कार्यवाही पूर्ण किये जाने हेतु इस आयोग के समक्ष उपस्थित होगा।
9. अतः पक्षकारों की लगातार अनुपस्थिति तथा निष्पादन कार्यवाही में स्थगन समाप्त होने की सूचना न होने के कारण इस निष्पादन प्रकरण को वर्तमान् स्तर अनावश्यक रूप से बार-बार तारीखें नियत किये जाने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता।
10. मान्नीय अपील न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश समाप्त होने की सूचना दिये जाने अथवा निष्पादनकर्ता/डिक्रीदार द्वारा स्थगन आदेश समाप्त होने के समबन्ध में प्रमाण पेश किये जाने की दशा में निष्पादन प्रकरण पुनः पूर्व नम्बर पर दर्ज की जाकर यह निष्पादन कार्यवाही पुनः प्रारम्भ की जावेगी।
11. यह निष्पादन प्रकरण क्रमॉक - 46/2007 पंजी से निरस्त किया जावे तथा अभिलेख के शीर्ष में लाल स्याही से अभिलेख सुरक्षित रखे जाने की टीप लगाते हुये फिलहाल निष्पादन प्रकरण का अभिलेख अभिलेखागार भेजा जावे।
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