जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
मैसर्स एस.आर.एस. बिल्डर्स जरिए पार्टनर श्री राजकुमार अग्रवाल पुत्र श्री लक्ष्मीनारायण जी, जाति-अग्रवाल, निवासी- द्वारा संतोष टैक्सटाईल्स, बोथरा पावरलूम के पास, सुभाष काॅलोनी, मदनगज-किषनगढ
- प्रार्थी
बनाम
श्री सुधीर षर्मा, व्हर्लपूल इण्डिया लिमिटेड जरिए मुख्य प्रबन्धक, व्हर्लपूल हाउस, प्लाट नं. 40, सेक्टर 44, गुडगांव।
- अप्रार्थी
अवमानना परिवाद संख्या 02/2015
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री महेष अग्रवाल, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री विजय स्वामी, अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 13.10.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत अवमानना परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसके द्वारा प्रस्तुत परिवाद संख्या 445/13 मैसर्स एसआरएस बिल्डर्स बनाम व्हर्लपूल इण्डिया लिमिटेड व अन्य में मंच द्वारा दिनांक 23.9.2014 को निम्नानुसार आदेष पारित किया गया -
’’ (1) अप्रार्थी संख्या 1 प्रार्थी के प्रष्नगत ए.सी. के कम्प्रेषर को इस निर्णय की तिथि से एक माह के भीतर बदले एवं कम्प्रेषर बदलने की दिनांक से उसकी वारण्टी अवधि एक वर्ष और बढावे । कम्प्रेषर नहीं बदलने की स्थिति में प्रार्थी इस ए.सी. की कीमत राषि रू. 24,000/- अप्रार्थी संख्या 1 से प्राप्त करने का अधिकारी होगा । ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 1 से मानसिक संताप व वाद व्यय पैटे रू. 2500/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्र.सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी संख्या 1 प्रार्थी को इस निर्णय की दिनांक से भीतर एक माह में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(4) एक माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थी 1 से इस राषि पर निर्णय की दिनांक से तादायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा ।
(5) अप्रार्थी संख्या 2 के विरूद्व परिवाद खारिज किया जाता है । ’’
किन्तु अप्रार्थी ने मंच के आदेष की पालना नहीं कर अवमानना की है । प्रार्थी ने अवमानना परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए दर्षाया है कि मंच के आदेष दिनांक 23.9.2014 की पालना में उनका सर्विस इंजीनियर प्रार्थी के एसी की जाचं करने व कम्प्रेषर बदलने के लिए गया था। किन्तु प्रार्थी ने एसी की जांच कराने से व आदेषित राषि का चैक प्राप्त करने से इन्कार कर दिया । अप्रार्थी ने अपने इस कथन की पुष्टि में अजमेर एरिया के एएसएम के पद पर श्री कुलभूषण छाबडा द्वारा कम्पनी के श्री आलोक त्रिपाठी को किये गये। ई-मेल दिनांक 17.10.2014 की प्रति जवाब के साथ प्रस्तुत की है । आगे कथन किया है कि दिनंाक 15.9.2016 को भी सर्विस इंजीनियर श्री राहुल को प्रार्थी के यहां भेजा गया था किन्तु प्रार्थी ने एसी की रिपेयर कराने से इन्कार कर दिया । प्रार्थी येनकेन प्रकारेण नए एसी या एसी की कीमत प्राप्त करने की चेष्टा में है । उत्तरदाता अप्रार्थी मंच के आदेष की पालना में ऐसी की जांच कर उसका कम्प्रेषर बदलने को तैयार व तत्पर है तथा आदेषित राषि का चैक तादादी राषि रू. 2500/- दिनांक 17.9.2016 का मंच में प्रस्तुत कर रहे हैं जो प्रार्थी को दिलवाए जाने की प्रार्थना करते हुए परिवाद निरस्त करने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में श्री सुधीर षर्मा, सीनियर सर्विस इंजीनियर, अधिकृत प्रतिनिधि का षपथपत्र पेष हुआ है ।
3. प्रार्थी का प्रमुख रूप से तर्क रहा है कि इस मंच के निर्णय दिनांक 23.9.2014 की पालना में अप्रार्थी को एक माह के अन्दर अन्दर अर्थात दिनांक 22.10.2014 तक प्रष्नगत एसी के कम्प्रेषर को बदलना था एवं कम्प्रेषर बदलने की दिनांक से उसकी वारण्टी अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ाई जानी थी अथवा कम्प्रेषर को नहीं बदलने की स्थिति में प्रार्थी उक्त एसी की कीमत रू. 24,000/- अप्रार्थी से प्राप्त करने का अधिकारी था । साथ ही अप्रार्थी से मानसिक संताप व वाद व्यय के रू. 2500/- भी प्राप्त करने का अधिकारी था। किन्तु उक्त अवधि में न तो एसी का कम्प्रेषर ठीक किया गया और ना ही वारण्टी अवधि एक वर्ष की बढाई गई । इसकी कीमत भी अदा नहीं की गई । यहां तक कि उक्त अधिरोपित राषि रू. 2500/- भी अदा नहीं कर अप्रार्थी ने मंच के आदेष की अवमानना की है । अतः अप्रार्थी को दण्डित किया जाना चाहिए ।
4. खण्डन में अप्रार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है कि उसका इस मंच के आदेष की अवमानना किए जाने की कभी भी कोई मंषा नहीं रही है । उक्त आदेष की पालना में उनके सर्विस इंजीनियर प्रार्थी के एसी की जांच व कम्प्रेंषर बदलने के लिए उपस्थित हुए थे । प्रार्थी द्वारा एसी की जाचं करवानेे से इन्कार कर दिया गया व आदेषित राषि का चैक भी प्राप्त करने से इन्कार कर दिया । इस तथ्य की पुष्टि अप्रार्थी के अजमेर स्थित एएसएम श्री कुलभूषण छाबड़ा के ई-मेल दिनांक 17.10.2012 से होती है, जिसके संबंध में उन्होने कम्पनी में कार्यरत श्री आलोक त्रिपाठी को सूचित किया था । उक्त सर्विस इंजीनियर द्वारा मंच के आदेष की पालनार्थ मौके पर जाने पर हुई कार्यवाही की विडियो रिकार्डिग भी हुई थी, जिसे वे दिखाने को तत्पर हैं । अप्रार्थी मंच के आदेष की पालना के क्रम में आज भी एसी की जांच कर उसका कम्प्रेषर बदलने को तत्पर है व आदेषित राषि का चैक तादादी राषि रू. 2500/- भी प्रस्तुत कर रहे है । उनका यह भी तर्क रहा है कि मंच के उक्त आदेष की पालना में दिनांक 15.9.2016 को उनके सर्विस इंजीनियर श्री राहुल को भिजवाया गया था किन्तु प्रार्थी द्वारा एसी की रिपेयर करवाने से इन्कार कर दिया । इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रार्थी येनकेन प्रकारेण नए एसी की कीमत प्राप्त करने की चेष्टा रखता है । अवमानना परिवाद अस्वीकार कर खारिज किया जाना चाहिए ।
5. हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
6. यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रार्थी द्वारा अवमानना परिवाद प्रस्तुत किए जाने पर अप्रार्थी को मंच के आदेष की पालना हेतु सूचित किया गया था । इस मंच के समक्ष दिनांक 13.11.2014 को अवमानना परिवाद प्रस्तुत किया गया है । यह परिवाद मंच के आदेष दिनांक 23.9.2014 के बाद पालना हेतु दी गई समय सीमा एक माह के बाद लगभग 20 दिन बाद मंच के समक्ष प्रस्तुत हुआ है । दिनांक 9.7.2015 की पेषी पर उपस्थित होने हेतु जारी तामील के, बाद तामील एवं अप्रार्थी को इस आषय की सूचना मिलने के बाद मंच में दिनंाक
27.8.15, 10.9.15, 17.9.15, 20.10.15, 5.11.15, 26.11.15, 10.12.15, 14.1.16,
18.2.16, 10.3.16 व 17.3.16 की पेषियां निर्धारित की गई । दिनांक 17.3.2016 को अप्रार्थी की ओर से अधिवक्ता ने उपस्थित होकर इस आषय की अण्डरटेकिंग दी कि वे अगली पेषी पर अप्रार्थी की ओर से वकालातनामा प्रस्तुत कर देगें । इसके बाद दिनंाक 28.4.2016, 9.6.16, 14.7.16, 1.8.16, की पेषियों पर भी अप्रार्थी की ओर से न तो वकालातनामा प्रस्तुत हुआ और ना ही इस मंच के आदेष की पालना हुई । इस पर दिनांक 11.8.2016 को अप्रार्थी को पुनः जमानती वारण्ट के जरिए मार्फत पुलिस कमिष्नर, गुड़गांव के तलब किया गया । इसकी पालना में अप्रार्थी की ओर से प्रतिनिधि ने अपनी उपस्थिति व किन्हीं श्री विनोद षर्मा का जवाब प्रस्तुत करते हुए अप्रार्थी सुधीर ष्षर्मा का ष्षपथपत्र प्रस्तुत किया ।
7. यहां यह पुनः उल्लेख करना उचित रहेगा कि जहां इस मंच के आदेष की पालना में अप्रार्थी के अनुसार उनके सर्विस इंजीनियर प्रार्थी के एसी की जांच करने व कम्प्रेषर बदलने के लिए उसके यहां उपस्थित हुए हैं व प्रार्थी द्वारा एसी की जांच करवाने से एवं चैक लेने से इन्कार कर दिया है। वहीं प्रार्थी ने स्पष्ट तौर पर खण्डन किया है व अवमानना याचिका के संबंध में इन तथ्यों के खण्डन स्वरूप अपना ष्षपथपत्र भी प्रस्तुत किया है । अप्रार्थी ने यह नहीं बताया कि उनका सर्विस इंजीनियर कौन था व प्रार्थी के यहां कब गया था ? यहां तक कि उक्त इंजीनियर का कोई ष्षपथपत्र भी प्रस्तुत नहीं हुआ है। हालांकि अप्रार्थी ने इसकी पुष्टि में किन्हीं कुलभूषण छाबड़ा के द्वारा 17.10.2014 को ई-मेल के द्वारा अप्रार्थी के श्री आलोक त्रिपाठी को इस बाबत् सूचित करना बताया है। किन्तु प्रार्थी के पास तत्समय कौन सर्विस इंजीनियर गया था, इसका इस मेल से कोई खुलासा नहीं होता है । इसके अतिरिक्त क्या उस समय उक्त चैक भी मंच के आदेष की पालनार्थ प्रार्थी को सौंपा गया था ? यदि ऐसा था तो अप्रार्थी उक्त तिथि का चैक भी प्रमाण स्वरूप इस मंच के समक्ष प्रस्तुत कर सकता था, जो कि नहीं किया गया है । अप्रार्थी ने आगे यह भी बताया कि उनके द्वारा मंच के आदेष की पालना में दिनांक 15.9.2016 को सर्विस इंजीनियर श्री राहुल को भिजवाया गया था। किन्तु प्रार्थी के द्वारा एसी के रिपेयर से इन्कार कर दिया गया । कहां जा सकता है कि अप्रार्थी द्वारा मंच के आदेष की पालनार्थ माह-अक्टूबर, 2014 के बाद दिनांक 15.9.2016 को सर्विस इंजीनियर भिजवाने की बात कही गई है, जो लगभग 2 वर्ष के बाद की अवधि है । इसके अलावा भी जब अप्रार्थी के प्रतिनिधि अपने कम्पनी के प्रतिनिधि को ई-मेल के जरिए वस्तुस्थिति से अवगत करा सकता है तो पत्र अथवा नोटिस के माध्यम से पीड़ित पक्षकार को भी सूचित कर सकते थे तथा मंच को भी वस्तुस्थिति से अवगत करा सकते थे । मोबाईल के जरिए वीडियो रिकार्डिग का जो प्रतिवाद लिया गया है, की प्रमाणिकता तकनीकी रूप से सिद्व नहीं मानी जा सकती ।
8. कुल मिलाकर जिस प्रकार का आचरण अप्रार्थी का इस मंच के आदेष की पालना में सामने आया ह,ै वह निष्चित रूप से अवमानना की श्रेणी में कहा जा सकता है व मंच के आदेष की अक्षरषः पालना नहीं की जाकर जो स्थिति सामने आई है, को ध्यान में रखते हुए अप्रार्थी ने मंच के आदेष की अवमानना की है, यह सिद्व रूप से पाया जाता है । अप्रार्थी को इस मंच के आदेष दिनांक 23.9.2014 की अवमनना का दोषी करार दिया जाकर परिवाद निम्नानुसार स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
9. (1) प्रार्थी अप्रार्थी से प्रष्नगत ए.सी की कीमत राषि रू. 24,000/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी से ंपरिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी प्राप्त करने के अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थी को इस आदेष से एक माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
(4) अप्रार्थी को रू. 25,000/- जुर्माना राषि से भी अधिरोपित किया जाता है । अप्रार्थी उक्त जुर्माना राषि भी मंच में इस आदेष से एक माह की अवधि में जमा करावें ।
आदेष दिनांक 13.07.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
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