Uttar Pradesh

StateCommission

A/1493/2017

Videocon Industries - Complainant(s)

Versus

Sudhir Mahan - Opp.Party(s)

Arun Tandan

25 Aug 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1493/2017
(Arisen out of Order Dated 21/06/2017 in Case No. C/22/2016 of District Bareilly-I)
 
1. Videocon Industries
Bareilly
...........Appellant(s)
Versus
1. Sudhir Mahan
Bareilly
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. JUSTICE PRESIDENT PRESIDENT
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 25 Aug 2017
Final Order / Judgement

        राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या- 1493/2017

(सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, प्रथम बरेली  द्वारा परिवाद संख्‍या- 22/2016 में पारित आदेश दिनांक 21.06.2017 के विरूद्ध)

  1. Videocon Industries Ltd.

Regional Office, C.B. Ganj

Bareilly

  1. Videocon Industries Ltd.

14 Km. stone, Aurangabad

Paithan Road, Village

Chittegaon, Taluka

Paithan Aurangabad

431105

                                    ..............अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम

Sudhir Mahan

129, Darzi Chowk,

Bara Bazar, Bareilly                                             ..........प्रत्‍यर्थी/परिवादी         

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  :  श्री अरूण टण्‍डन।

                              विद्वान अधिवक्‍ता ।                                   

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :     श्री अभिषेक सिंह।

                              विद्वान अधिवक्‍ता ।                                  

दिनांक:

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद सं0- 22/2016 सुधीर महान बनाम सुर्दशन इलैक्‍ट्रानिक्‍स व 02 अन्‍य में जिला फोरम प्रथम बरेली द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 21.06.2017 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

"परिवादी की ओर से योजित परिवाद विपक्षी सं0 2 व 3 के विरूद्ध आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0 2 व 3 को आदेशित किया जाता है कि वह एक माह के अंदर प्रश्‍नगत रेफ्रीजरेटर को बदलकर उसी मॉडल का नया रेफ्रीजरेटर परिवादी को उपलब्‍ध कराये तथा क्षतिपूर्ति और वादव्‍यय के रूप में अंकनक रू 20,000/- का भुगतान करे अन्‍यथा परिवादी को यह अधिकार होगा कि वह प्रश्‍नगत रेफ्रीजरेटर के वास्‍तविक क्रय मूल्‍य एवं क्षतिपूर्ति और वादव्‍यय के रूप में अंकन रू0 20,000/- अर्थात् कुल अंकन रू0 36,000/-(छत्‍तीस हजार रूपये मात्र) की वसूलयाबी मय 09 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज के परिवाद योजित किये जाने की तिथि से भुगतान किये जाने की तिथि तक फोरम के माध्‍यम से करेगा।"

जिला फोरम के निर्णय से  क्षुब्‍ध होकर उपरोक्‍त परिवाद के विपक्षीगण संख्‍या-02 और 03 की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अरूण टण्‍डन तथा प्रत्‍यर्थी की ओर से  विद्वान अधिवक्‍ता श्री  अभिषेक सिंह उपस्थित हुए है।

मैंने उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने एक विडियोकान रेफ्रीजरेटर विपक्षी संख्‍या-01 के प्रतिष्‍ठान से दिनांक 24.10.2011 को 16,000/-रू0 में क्रय किया था जिसके सन्‍दर्भ में 1+4 वर्षों तक फ्री सर्विस की सुविधा देते हुये वारंटी कार्ड जारी किया गया था। परिवाद-पत्र के अनुसार रेफ्रीजरेटर क्रय किये जाने के बाद से ही ठीक प्रकार से काम नहीं कर रहा था और उसके द्वारा कूलिंग करना भी बन्‍द कर दिया गया। इसके सन्‍दर्भ में माह नवम्‍बर 2011में प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा विपक्षी संख्‍या-01 से शिकायत की गयी तो उसने मैकेनिक भेजा। जिसके द्वारा जांच करने के बाद यह बताया गया कि रेफ्रीजरेटर में कुछ आंतरिक त्रुटि है जिसके कारण वह ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर रहा है। उसके बाद रेफ्ररीजरेटर ने पुन: मार्च 2012 में काम करना बन्‍द कर दिया और कूलिंग भी बन्‍द कर दी तथा पीछे से पानी टपकने लगा। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी  ने पुन: विपक्षी संख्‍या-01 से सम्‍पर्क किया और रेफ्रीजरेटर को जांच हेतु ले गया तो उसे बताया गया कि एक दिन के पश्‍चात् जब जमा हुई बर्फ पिघल जायेगी तो यह ठीक प्रकार से काम करने लगेगा परन्‍तु 1 सप्‍ताह बाद रेफ्रीजरेटर द्वारा कूलिंग बन्‍द कर दी गयी परन्‍तु विपक्षी संख्‍या-01 द्वारा रेफ्रीजरेटर की शिकायत को दूर करने में कोई रूचि नहीं ली गयी। तब प्रत्‍यर्थी/परिवादी  ने टोल फ्री नम्‍बर पर शिकायत की जिसपर विपक्षी द्वारा मैकेनिक भेजा गया परन्‍तु समस्‍या का समाधान नहीं हो सका। अत: विवश होकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी  ने जिला फोरम के समक्ष परिवाद संख्‍या-171/2012 सुधीर महान बनाम सुर्दशन इलैक्‍ट्रानिक्‍स योजित किया जिसमें पक्षकारों के मध्‍य दिनांक 21.02.2004 को समझौता हो गया और समझौता पत्र फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। अत: फोरम द्वारा समझौता पत्र की शर्तों के अनुसार परिवाद का निस्‍तारण किया गया परन्‍तु विपक्षी संख्‍या-01 ने समझौते की शर्तों का अनुपालन नहीं किया और परिवादी के साथ धोखा करते हुये उसे मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति पहुचायी। तब प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने विपक्षीगण को द्वारा अधिवक्‍ता नोटिस भेजा जिसका गलत जवाब उन्‍होंने भेजा।

परिवादपत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी  का कथन है कि विपक्षीगण ने सेवा में त्रुटि की है। अत: उसने परिवाद जिला फोरम के समक्ष पुन: प्रस्‍तुत किया है।

 जिला फोरम के समक्ष विपक्षी संख्‍या-01 की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया है जिसमें कहा गया है कि उसके प्रतिष्‍ठान से विपक्षी संख्‍या-03 कम्‍पनी द्वारा निर्मित एक डबल डोर विडियोकान रेफ्रीजरेटर दिनांक 24.10.2011 को 16,000/-रू0 में प्रत्‍यर्थी/परिवादी  द्वारा क्रय किया गया था। रेफ्रीजरेटर क्रय किये जाने के समय प्रत्‍यर्थी/परिवादी  को बताया गया था कि रेफ्रीजरेटर की वारंटी अवधि एक वर्ष है और कम्‍प्रशेर की वारंटी अवधि 04 वर्ष है। इसके साथ ही यह भी बताया गया था कि इस वारंटी अवधि में यदि किसी प्रकार की खराबी आती है तो वह कम्‍पनी के स्‍थानीय स्‍तर के सर्विस सेन्‍टर पर शिकायत दर्ज करा सकता है। कम्‍पनी के स्‍थानीय स्‍तर के सर्विस सेन्‍टर के इंजीनियर द्वारा रेफ्रीजरेटर को  नि:शुल्‍क ठीक किया जाएगा। लिखित कथन में विपक्षी संख्‍या01 की ओर से यह भी कहा गया है कि विपक्षी संख्‍या01 द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी  को किसी प्रकार की वारंटी का वायदा नहीं किया गया था। वारंटी कम्‍पनी द्वारा दी जाती है। अत: वारंटी अवधि में रेफ्रीजरेटर में किसी प्रकार की कोई खराबी उत्‍पन्‍न होने पर निर्माता विपक्षी संख्‍या-03 उत्‍तरदायी है। लिखित कथन में विपक्षी संख्‍या-01 की ओर से  कहा गया है कि उसे परिवाद में गलत पक्षकार बनाया गया है।

परिवाद के विपक्षीगण संख्‍या-02 और 03 जो रेफ्रीजरेटर के निर्माता है ने भी जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्‍तुत किया है और कहा है कि उन्‍होंने सेवा में कोई त्रुटि नहीं की है। उन्‍होंने यह भी कहा है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी  द्वारा वर्ष 2012 में इसी रेफ्रीजरेटर के सम्‍बन्‍ध में फोरम के समक्ष परिवाद योजित किया गया था जिसमें फोरम द्वारा दिनांक 21.02.2014 को यह आदेशित किया गया था कि रेफ्रीजरेटर की नि:शुल्‍क मरम्‍मत विपक्षीगण करें और वारन्‍टी अवधि भी एक वर्ष के लिये बढ़ा दी गयी थी। लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-02 और 03 ने कहा है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी  द्वारा परिवाद बढ़ी हुयी वारंटी अवधि के बाद वर्ष 2016 में योजित किया गया है। लिखित कथन में उन्‍होंने यह भी कहा है कि बढ़ी हुयी वारंटी अवधि में प्रश्‍नगत रेफ्रीजरेटर के सन्‍दर्भ में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुयी है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी  द्वारा असत्‍य कथनों के आधार पर परिवाद योजित किया गया है।

लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-02 और 03 ने कहा है कि वारंटी कार्ड में दिये गये निर्देशों के अनुसार वारंटी अवधि में कोई भी शिकायत उत्‍पन्‍न होने पर प्रत्‍यर्थी/परिवादी  को अधिकृत सर्विस सेन्‍टर से सम्‍पर्क करना चाहिये था फिर भी विपक्षी संख्‍या-01 द्वारा कम्‍पनी के माध्‍यम से प्रश्‍नगत रेफ्रीजरेटर की सर्विस करायी गयी।

लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-02 और 03 ने कहा है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी से धीमी कूलिंग की शिकायत प्राप्‍त होने पर रेफ्ररीजरेटर की मरम्‍मत करायी गयी है। जिला फोरम के समक्ष दिनांक 21.02.2014 को समझौता होने के पश्‍चात् यह परिवाद योजित किये जाने का कोई भी अधिकार प्रत्‍यर्थी/परिवादी  को नहीं रह जाता है। लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-02 और 03 ने यह भी कहा है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद काल्‍पनिक आधार पर प्रस्‍तुत किया है। उन्‍होंने सेवा में कोई त्रुटि नहीं की है।

जिला फोरम ने उभयपक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत यह उल्‍लेख किया है कि परिवाद संख्‍या-171/2012 में समझौता हो जाने के पश्‍चात् वारंटी अवधि दिनांक 20.02.2015 तक के लिये सम्‍पूर्ण उपकरण पर बढ़ा दी गयी और इस प्रकार यह स्‍पष्‍ट है कि वारंटी अवधि में ही प्रश्‍नगत रेफ्रीजरेटर में बार-बार कूलिंग न करने की शिकायत उत्‍पन्‍न हो गयी तथा विपक्षीगण द्वारा मरम्‍मत कराये जाने के उपरांत भी प्रश्‍नगत रेफ्रीजरेटर की शिकयत समाप्‍त नहीं हुयी और कूलिंग न करने की शिकायत पूर्व की भांति ही प्रारम्‍भ हो गयी तथा रेफ्रीजरेटर ने कूलिंग करना पूर्ण रूप से बन्‍द कर दिया। ऐसी स्थिति में यह स्‍पष्‍ट है कि रेफ्रीजरेटर में निर्माण सम्‍बन्‍धी दोष रहा है जो मरम्‍मत कराये जाने के उपरांत भी ठीक नहीं हो सका है। उपरोक्‍त उल्‍लेख के आधार पर जिला फोरम ने यह माना है कि विपक्षीगण संख्‍या-02 और 03 निर्माता कम्‍पनी द्वारा सेवा में त्रुटि की गयी है। अत: जिला फोरम ने यह माना है कि विपक्षीगण संख्‍या-02 और 03 रेफ्रीजरेटर बदलकर उसी मूल्‍य का नया रेफ्रीजरेटर प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दे अथवा उसकी कीमत उसे वापिस करे। जिला फोरम ने अपने निर्णय में यह भी माना है कि विपक्षीगण संख्‍या-02 और 03 से प्रत्‍यर्थी/परिवादी को 20,000/-रू0 मानसिक व शारीरिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति दिलाया जाना भी उचित है। इसके साथ ही जिला फोरम ने सम्‍पूर्ण डिक्रीशुदा धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से परिवाद योजित किये जाने की तिथि से अदायगी की तिथि तक ब्‍याज देना भी उचित माना है। उपरोक्‍त निष्‍कर्षों के आधार पर ही जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय और आदेश उपरोक्‍त प्रकार से पारित किया है।

अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के विरूद्ध है। अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि परिवाद संख्‍या-171/2012 में समझौता के आधार पर पारित आदेश दिनांक 21.02.2014 के बाद परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत वर्तमान परिवाद ग्राहय नहीं है।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के अनुकूल है और उसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

मैंने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है। यह तथ्‍य निर्विवाद है कि वर्तमान रेफ्रीजरेटर के सम्‍बन्‍ध में प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा परिवाद संख्‍या-171/2012 सुधीर महान बनाम सुर्दशन इलैक्‍ट्रानिक्‍स योजित किया गया था जो पक्षों के बीच सुलहनामें के आधार पर दिनांक 21.02.2014 को जिला फोरम द्वारा निस्‍तारित किया गया है और वारन्‍टी अवधि 1वर्ष के लिये बढ़ायी गयी है। जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत परिवाद संख्‍या-171/2012 और उसमें पक्षों के बीच हुये समझौता एवं वर्तमान परिवाद के कथन और प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत शपथ पत्र के आधार पर यह मानने हेतु उचित आधार है कि प्रश्‍नगत रेफ्रीजरेटर में कुछ तकनीकी त्रुटि अवश्‍य है जिससे रेफ्रीजरेटर ठीक से काम नहीं किया है और बार-बार प्रत्‍यर्थी/परिवादी को विपक्षीगण के पास उसे ठीक कराने हेतु जाना पड़ रहा है। चूंकि परिवाद संख्‍या-171/2012 में हुये समझौते के आधार पर पारित आदेश दिनांक 21.02.2014 के द्वारा वारंटी अवधि 01 वर्ष के लिये बढ़ायी गयी है अत: इस वारंटी अवधि में निर्माता विपक्षीगण द्वारा रेफ्रीजरेटर की त्रुटि का निवारण न किया जाना व दोषपूर्ण रेफ्रीजरेटर के स्‍थान पर नया रेफ्रीजरेटर प्रत्‍यर्थी/परिवादी को न दिया जाना सेवा में त्रुटि है। अत: इस त्रुटि हेतु प्रत्‍यर्थी/परिवादी को पुन: परिवाद प्रस्‍तुत करने का अधिकार है। जिला फोरम के निर्णय से स्‍पष्‍ट है कि जिला फोरम ने उभयपक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत यह निष्‍कर्ष अंकित किया है कि निर्माता विपक्षीगण संख्‍या-02 और 03 ने उपरोक्‍त परिवाद संख्‍या-171/2012 में हुये समझौते के अनुसार वारंटी की बढ़ी हुयी अवधि में रेफ्रीजरेटर में पुन: दोष आने पर उसे ठीक नहीं कराया है। अत: जिला फोरम ने  रेफ्रीजरेटर के बार-बार खराब होने के आधार पर प्रत्‍यर्थी/परिवादी को बदलकर नया रेफ्रीजरेटर दिया जाना उचित माना है। जिला का निष्‍कर्ष उभयपक्ष के अभिकथन एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों की उचित और विधिक विवेचना पर आधारित है। जिला फोरम के निर्णय में हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। अत: मैं इस मत का हूं कि जिला फोरम ने जो प्रत्‍यर्थी/परिवादी का रेफ्रीजरेटर बदलकर निर्माता विपक्षीगण संख्‍या-02 और 03 को नया रेफ्रीजरेटर देने और नया रेफ्रीजरेटर देने में असफल रहने पर रेफ्रीजरेटर की धनराशि वापिस करने हेतु आदेशित किया है वह उचित है उसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है परन्‍तु जिला फोरम ने जो 20,000/-रू0 मानसिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति व वादव्‍यय के लिये प्रत्‍यर्थी/परिवादी को  दिया है वह अधिक प्रतीत होती है उसे कम कर 7,500/-रू0 किया जाना उचित प्रतीत होता है। जिला फोरम ने जो 9 प्रतिशत की दर से परिवाद योजित करने की तिथि से ब्‍याज दिया है उसे कम कर ब्‍याज दर 7 प्रतिशत वार्षिक किया जाना उचित है।

उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश संशोधित करते हुये अपीलार्थी/विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे प्रत्‍यर्थी/परिवादी के प्रश्‍नगत रेफ्रीजरेटर को बदलकर उसी माडल व मूल्‍य का नया रेफ्रीजरेटर उसे उपलब्‍ध करावे तथा क्षतिपूर्ति व वादव्‍यय  के रूप में  7,500/-रू0 प्रदान करें। यदि इस निर्णय की तिथि से 2 माह के अन्‍दर अपीलार्थी/विपक्षीगण प्रत्‍यर्थी/परिवादी को नया रेफ्रीजरेटर उपलब्‍ध कराने में असफल रहते हैं तो ऐसी स्थिति में वह प्रत्‍यर्थी/परिवादी को रेफ्रीजरेटर का मूल्‍य 16,000/-रू0 उपरोक्‍त क्षतिपूर्ति व वादव्‍यय  की धनराशि 7,500/-रू0 के साथ परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक 7 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित अदा करेंगे।

अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वादव्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाएगी।

 

                     (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)           

                                  अध्‍यक्ष                                 

  सुधांशु श्रीवास्‍तव, आशु0

         कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'ABLE MR. JUSTICE PRESIDENT]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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