(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :-350/2015
(जिला उपभोक्ता आयोग, औरैया द्वारा परिवाद सं0- 210/2013 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 29/01/2015 के विरूद्ध)
Branch Manager, Allahabad Bank, Branch Main Branch, Bada Chauraha, District-Kanpur
- Appellant
Versus
- Sudheer Kumar S/O Shri Keshav Prasad r/o Mohallah Baihantola, Pargana-Auraiya, District-Auraiya
- Branch Manager, Allahabad Bank, Branch Auraiya, District-Auraiya
समक्ष
- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री शरद कुमार शुक्ला
प्रत्यर्थी सं0 1 की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री नवीन कुमार तिवारी
प्रत्यर्थी सं0 2 की ओर से विद्धान अधिवक्ता:- कोई नहीं।
दिनांक:-19.09.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- जिला उपभोक्ता आयोग, औरैया द्वारा परिवाद सं0- 210/2013 सुधीर कुमार बनाम प्रबंधक, इलाहाबाद बैंक व अन्य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 29/01/2015 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गयी है। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए अंकन 70,000/- रूपये की क्षतिपूर्ति तथा इस राशि पर 12.12.2013 से भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अदा करने का आदेश पारित किया गया है। जबकि जो खाता परिवर्तित कराया गया था उसमें कुल जमा राशि 2,000 से भी कम थी, जैसा कि विवरण संलग्न सं0-3 के अवलोकन से ज्ञात होता है इसलिए अंकन 70,000/- रूपये की क्षतिपूर्ति का आदेश जारी करना विधि विरूद्ध है। आदेश के अवलोकन से ज्ञात होता है कि औरैया से संयुक्त खाता परिवादी तथा उनकी माता के नाम कानपुर के लिए ट्रांसपर कराया गया परंतु कानपुर स्थित शाखा में केवल सुधीर कुमार के नाम खाता खोला गया। उनकी माताके नाम खाता नहीं खोला गया। प्रथम दृष्टया यह प्रबंधक इलाहाबाद बैंक, कानपुर के स्तर से चूक कारित की गयी है परंतु यह चूक इस स्तर की नहीं है कि उन पर 70,000/- रूपये जुर्माना अधिरोपित किया जाये। इस त्रुटि को किसी भी अवसर पर एक आवेदन प्रस्तुत करते हुए तथा के0वाई0सी0 से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए दुरूस्त कराया जा सकता है। अत: अपील इस सीमा तक स्वीकार होने योग्य है कि अंकन 70,000/- रूपये हर्जे के रूप में राशि केवल 5,000/- की सीमा तक लौटायी जाये।
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि प्रत्यर्थी सं0 1/परिवादी तथा उनकी माता के पक्ष में संयुक्त खाता 07 दिन के अंदर खोलने पर (वांछित दस्तावेज स्वयं परिवादी उनकी माता द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा) अपीलार्थी/विपक्षी बैंक सं0 2 द्वारा केवल अंकन 5,000/- रूपये की बतौर क्षतिपूर्ति प्रत्यर्थी सं0 1/परिवादी को प्रदान किया जायेगा। इस राशि पर कोई ब्याज देय नहीं होगा।
अपील में उभय पक्ष अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप, आशु0 कोर्ट नं0-2