RAKESH SHAHI filed a consumer case on 07 Jan 2021 against SUDARASHAN AUTO WINGS in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/154/2010 and the judgment uploaded on 12 Jan 2021.
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 154 सन् 2010
प्रस्तुति दिनांक 14.07.2010
निर्णय दिनांक 07.01.2021
श्री राकेश शाही पुत्र श्री श्याम कुंवर शाही हाल मुकाम- शिवाजी नगर, मकान नं. 88 वार्ड नं. 2 हीरा पट्टी, थाना- कोतवाली, जनपद- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने दिनांक 06.12.2008 को एक इक्साइड बैटरी इनवर्टर प्लस आई.एन.1500 प्लस मुo 9400/- रुपया में खरीदा था। जिसका मैग्नीफाइन्ग कोड नं. 318 सीरियल नं. 00012 था। याची की वह बैटरी 16 महीने में ही खराब हो गयी और उसकी शिकायत दिनांक 06.04.2010 को की गयी। बैटरी को बिक्रेता को जाँच के लिए भेजा, लेकिन उसने लापरवाही से जाँच करके परिवादी के यहाँ भेज दिया और वह बैटरी एक हफ्ता के अन्दर पुनः खराब हो गयी जिसके कारण परिवादी ने पुनः शिकायत किया। विपक्षी ने परिवादी से दिनांक 29.04.2010 को मुo 4000/- रुपया जमा कराकर दूसरी बैटरी दिया और उस बैटरी को पुनः जाँच हेतु विपक्षी संख्या 02 के यहाँ भेज दिया जो अभी तक प्राप्त नहीं हुई। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि खरीदी गयी बैटरी को बदलकर उसके एवज में याची को दूसरी नई बैटरी दें और आर्थिक व मानसिक क्षति हेतु 25000/- रुपया अदा करें।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने स्पीड पोस्ट की रसीद, डीलर क्लेम फॉर्म की छायाप्रति, डिलेवरी चालान की छायाप्रति तथा डीलर क्लेम फॉर्म प्रस्तुत किया है।
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विपक्षी संख्या 02 की ओर से कागज संख्या 18क जवाबदावा प्रस्तुत किया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी द्वारा अपने उत्पाद को सुचारू ढंग से प्रयोग न करने की दशा में उत्पाद में कमी उत्पन्न हो गयी थी। जिसकी शिकायत प्राप्त होने पर कम्पनी के कुशल अधिकृत सर्विस प्रतिनिधि के माध्यम से ठीक किया गया और परिवादी द्वारा सफल उपयोग किया जाने लगा। पुनः उसी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर कम्पनी के कुशल अधिकृत सर्विस प्रतिनिधि के माध्यम से पुनः ठीक किया गया। बैट्री में जो भी त्रुटि परिवादी द्वारा प्रदर्शित की जा रही है वह मात्र बैट्री के उचित रख-रखाव तथा सुचारू ढंग से उपयोग न किए जाने के कारण उत्पन्न हो रही है। परिवादी ने परिवाद पत्र में बैटरी के निर्माण की त्रुटि का कथन किया है जो कि पूर्णतया कपोल-कल्पित है और इसका कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। अतः परिवाद-पत्र खारिज किया जाए।
विपक्षी संख्या 02 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी संख्या 01 की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा है कि परिवादी ने दिनांक 06.12.2008 को विपक्षी संख्या 01 की दुकान से बैटरी क्रय किया था। उक्त क्रयशुदा बैटरी को कुछ शिकायत के साथ परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 को दिया कि बैटरी खराब हो गयी है। परिवादी ने उसी दिन दिनांक 12.04.2010 को डीलर क्लेम फार्म भर कर परिवादी की बैटरी ले लिया और एक्साइड बैटरी के सर्विस सेन्टर पर परिवादी की शिकायत दूर करने के उद्देश्य से भेज दिया। सर्विस सेन्टर पर तकनीशियनों ने बैट्री की जांच की तो बैटरी पूरी तरह से सही पायी गयी कि रिपोर्ट के साथ परिवादी के बैटरी विपक्षी संख्या 01 के पास वापस भेज दिया। विपक्षी संख्या 01 के द्वारा परिवादी को इसके बाबत सूचना दी गयी। जिस पर परिवादी ने दिनांक 20.04.2010 को विपक्षी संख्या 01 के यहाँ से अपनी बैट्री ले गया। उसके बाद परिवादी ने पुनः दिनांक 28.04.2010 को अपनी बैटरी विपक्षी संख्या 01 के पास लाया तो उसे पुनः विपक्षी संख्या 01 ने सर्विस सेन्टर पर भेज दिया। परिवादी ने दिनांक 29.04.2010 को मुo 4000/- रुपया जमा कर विपक्षी संख्या 01 के यहाँ से नई बैटरी यह कह कर ले गया कि बिजली की समस्या है मुझे नई बैट्री भी लेनी है। मेरी बैट्री जब सही हो जाएगी तो हम इसे ले जाएंगे तथा इस नई बैटरी का बकाया शेष रकम लेकर उसका बिल बनवाएंगे। इस प्रकार 8000/- रुपया जो परिवादी पर विपक्षी संख्या 01 का बकाया है उसे न देना पड़े उसी उद्देश्य से परिवादी ने यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
सुनवाई के वक्त कोई उपस्थित नहीं पाया गया तथा पत्रावली का
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अवलोकन किया। पत्रावली में डीलर क्लेम फॉर्म संलग्न है, जिससे यह स्पष्ट है कि परिवादी ने 4000/- रुपया अदा करके दूसरी बैट्री ले गया है। दूसरा डीलर क्लेम फॉर्म उसके बाद संलग्न किया गया है जिसमें बैटरी को ओके दिखाया गया है तीसरा डीलर क्लेम फॉर्म भी परिवादी द्वारा प्रस्तुत किया गया है, लेकिन परिवादी ने कोई भी गारण्टी कार्ड प्रस्तुत नहीं किया है। जिसके कारण वह विपक्षीगण के ऊपर कोई आरोप नहीं लगा सकता है। डीलर क्लेम फॉर्म के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि परिवादी ने 4,000/- रुपया जमा करके बैटरी ले गया है। शेष रकम अदा न किया जाए इस उद्देश्य से उसने परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद- पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 07.01.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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