Uttar Pradesh

StateCommission

A/1393/2016

Birla Sun Life Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Sudama Gupta - Opp.Party(s)

Divya Kumar Srivastava

01 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1393/2016
( Date of Filing : 13 Jul 2016 )
(Arisen out of Order Dated 30/03/2016 in Case No. C/38/2015 of District Ghazipur)
 
1. Birla Sun Life Insurance Co. Ltd
Ragistered Office at 16th Floor One Indiabulls Centre Tower 1 Jupiter Mill Compound 841 Senapati Bapat Marg Elphinstone Road Mumbai
...........Appellant(s)
Versus
1. Sudama Gupta
S/O Changur Gupta Vill. and Post Devkali Tehsil Saidpur Distt. Ghazipur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 01 Dec 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील सं0 :-1393/2016

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, गाजीपुर द्वारा परिवाद सं0- 38/2015 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30/03/2016 के विरूद्ध)

Birla Sun Life Insurance Company Limited, having its registered office at 16th floor, one Indiabulls Centre, Tower 1, Jupuiter Mill compound, 841, Senapati Bapat Marg, Elphinstone Road Mumbai 400013, through its Authorized Representative namely Ms. Kshama Priyadarshini working as Sr. Chief Managaer Legal

  1.                                                                                            Appellant

Versus

Sudama Gupta, S/O Changur Gupta, R/O Village and PO Devkali, Tehsil Saidpur, Distt-Ghazipur.

  •                                                                                      Respondent

समक्ष

  1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य
  2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

उपस्थिति:

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- श्री अविनाश शर्मा   

प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-मोहन अग्रवाल

दिनांक:-01.12.2022

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.               जिला उपभोक्‍ता आयोग, गाजीपुर द्वारा परिवाद सं0 38 सन 2015 सुदामा गुप्‍ता बनाम बिडला सन लाइफ इंश्‍योरेंस में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.03.2016 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने बीमा धारक की मृत्‍यु पर बीमा क्‍लेम अदा करने का आदेश पारित किया है।
  2.           अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि 14 अप्रैल 2012 में बीमा पॉलिसी जारी हुई। जबकि बीमा धारक की मृत्‍यु 10 दिन पहले यानि 04 अप्रैल 2012 को हो चुकी थी। अत: प्रस्‍तुत अपील के विनिश्‍चय के लिए एक मात्र विनिश्‍चायक बिन्‍दु यह उत्‍पन्‍न होता है कि क्‍या बीमा धारक की मृत्‍यु बीमा पॉलिसी प्राप्‍त करने से पहले ही हो चुकी थी?
  3.           अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता द्वारा इस पीठ का ध्‍यान संलग्‍नक सं0 5 की ओर आकृष्‍ट किया है जो परिवादी का मृत्‍यु प्रामण पत्र है और उत्‍तरप्रदेश सरकार के अधिकृत प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है। इस दस्‍तावेज के अनुसार बीमा धारक छांगुर की मृत्‍यु की तिथि 04.04.2012 अंकित है। संलग्‍नक सं0 7 के अवलोकन से जाहिर होता है कि इसी तिथि को मृत्‍यु पर अंतिम क्रिया-करम किया गया है, अंतिम क्रिया-करम स्‍थल के प्रभारी द्वारा इस आशय का प्रमाण पत्र जारी        किया गया है कि दिनांक 04.04.2012 को छांगुर प्रसाद गुप्‍ता की मृत शरीर का आखिरी क्रिया-करम किया गया है। अत: इन दोनों दस्‍तावेजों के आधार पर यह तथ्‍य साबित होता है कि बीमा पॉलिसी प्राप्‍त करने से पूर्व बीमा धारक की मृत्‍यु हो चुकी थी और बीमा कम्‍पनी को धोखा देकर बीमा पॉलिसी प्राप्‍त की गयी है।
  4.           प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि प्रधान कमला द्वारा एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें मृत्‍यु तिथि 24.04.2012 दर्शायी गयी है, परंतु ग्राम प्रधान कमला द्वारा जारी पत्र के मृत्‍यु प्रमाण पत्र में वर्णित तिथि 04.04.2012 जिसकी सूचना स्‍वयं मृत्‍यु प्रमाण पत्र लेने वाले व्‍यक्ति द्वारा संबंधित प्राधिकारी को दी गयी है, अधिक प्रामाणिक है। इसी प्रकार एक स्‍वतंत्र व्‍यक्ति जो शवदाह गृह परिसर के प्रभारी है, के द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र भी अधिक विश्‍वसनीय  है।
  5.           उपरोक्‍त विवेचन का निष्‍कर्ष यह है कि जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा ग्राम प्रधान के प्रमाण पत्र के आधार पर दिया गया निर्णय विधि विरूद्ध है, जो अपास्‍त होने योग्‍य है।    
  6.  

अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्‍त किया जाता है।

धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को नियमानुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाये।                                      

अपील में उभय पक्ष अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

              आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

           (विकास सक्‍सेना)                      (सुशील कुमार)

               सदस्‍य                             सदस्‍य

 

 

         संदीप, आशु0 कोर्ट नं0-2

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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