Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/2324

Videocon International - Complainant(s)

Versus

Subodh Chandra Omar - Opp.Party(s)

Arun Tandan

19 May 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/2324
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Videocon International
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Subodh Chandra Omar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Alok Kumar Bose PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-2324/2003

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या-590/2001 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 01.06.2003 के विरूद्ध)

 

 

वीडियोकॉन इन्‍टरनेरशनल लि0, 171-सी, नरिमन प्‍वाइंट, मित्‍तल कोर्ट, मुम्‍बई।

                            अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2

बनाम्      

1. सुबोध चन्‍द्र ओमर, निवासी 64/51, गड़रिया मोहाल, कानपुर नगर।

2. मेसर्स टाइगर इलेक्‍ट्रानिक्‍स कारपोरेशन, 24/35, बिरहाना रोड, कानपुर।

                                     प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-1

समक्ष:-

1. माननीय श्री आलोक कुमार बोस, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री अरूण टण्‍डन, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक 08.07.2016

मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

यह अपील, परिवाद सं0-590/2001, सुबोध चन्‍द्र ओमर बनाम वीडियो कॉन टाइगर इलेक्‍ट्रानिक्‍स कारपोरेशन व अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 01.06.2003 से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत की गयी है, जिसके अन्‍तर्गत जिला फोरम द्वारा परिवाद स्‍वीकार करते हुए विपक्षी सं0-1 को आदेशित किया गया है कि वह परिवादी को रू0 15,000/- का वीडियोकॉन कम्‍पनी का बण्‍ड निर्णय/आदेश के दो माह के अन्‍दर प्रदान करें, जिससे परिवादी 06 वर्ष पश्‍चात रू0 15,000/- प्राप्‍त कर सके।

प्रकरण के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी सं0-1 ने दिनांक 06.06.1998 को विपक्षी सं0-1/प्रत्‍यर्थी सं0-2 से एक वीडियोकॉन टी0वी0 रू0 19,200/- में क्रय किया था। उक्‍त टी0वी0 क्रय करते समय विपक्षी सं0-1/प्रत्‍यर्थी सं0-2 ने परिवादी/प्रत्‍यर्थी सं0-1 को यह आश्‍वासन दिया था कि टी0वी0 क्रय करने की तिथि से 06 वर्ष पश्‍चात उसे कम्‍पनी से रू0 15,000/- वापस प्राप्‍त हो जायेंगे और यह भी आश्‍वस्‍त किया कि रू0 15,000/- का बॉण्‍ड टी0वी0 क्रय करने के दो माह पश्‍चात उन्‍हें दे दिया जायेगा, परन्‍तु विपक्षी सं0-1/प्रत्‍यर्थी सं0-2 द्वारा आज तक उक्‍त बाण्‍ड उपलब्‍ध नहीं कराया गया और न ही रू0 15,000/- का भुगतान किया गया, जिससे विक्षुब्‍ध होकर प्रश्‍नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।

जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही कोई प्रतिवाद पत्र ही प्रस्‍तुत किया गया, अत: उनके विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय रूप से करते हुए जिला फोरम द्वारा गुणदोष के आधार पर उपरोक्‍त निर्णय/आदेश पारित किया गया, जिसके विरूद्ध प्रस्‍तुत अपील योजित की गयी है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अरूण टण्‍डन उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी को नोटिस निर्गत किये जाने के बावजूद उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। प्रस्‍तुत अपील वर्ष 2002 से निस्‍तारण हेतु लम्बित है, अत: पीठ द्वारा यह समीचीन पाया गया कि प्रस्‍तुत अपील का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर कर दिया जाये, अत: विद्वान अधिवक्‍ता अपीलार्थी को विस्‍तारपूर्वक सुना गया एवं पत्रावली का परिशीलन किया गया।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क किया कि प्रस्‍तुत प्रकरण बाण्‍ड से सम्‍बन्धित है, इसलिए यह प्रकरण उपभोक्‍ता विवाद की श्रेणी में नहीं आता है। अपीलार्थी द्वारा यह भी तर्क किया गया कि अपीलार्थी एक अन्‍तर्राष्‍ट्रीय कम्‍पनी है और वह टीवी, वीसीआर, टेप रिकाडर्स, फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि के निर्माण का कार्य करती है। इस प्रकार वह निर्माता कम्‍पनी है और वह उपरोक्‍त प्रोडक्‍ट सीधे उपभोक्‍ता को विक्रय नहीं करती है, बल्कि अपने अथराइज्‍ड डीलर को विक्रय करती है, जो कि विपक्षी सं0-1/प्रत्‍यर्थी सं0-2 है, अत: इस तथ्‍य की अनदेखी करते हुए जिला फोरम ने उपरोक्‍त निर्णय/आदेश पारित किया है, जो अपास्‍त होने योग्‍य है।

आधार अपील एवं सम्‍पूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया गया, जिससे यह विदित होता है कि प्रत्‍यर्थी सं0-1/परिवादी ने मनी बैक योजना के तहत प्रत्‍यर्थी सं0-2/विपक्षी सं0-1 से एक वीडियोकॉन टी0वी0 क्रय किया था, जिसका मूल्‍य रू0 19,200/- था। उक्‍त टी0वी0 क्रय करने के 06 वर्ष पश्‍चात रू0 15,000/- वापस प्राप्‍त होने थे और इस संबंध में रू0 15,000/- का बाण्‍ड टी0वी0 क्रय करने के दो माह बाद दिया जाना था, जो नहीं दिया गया। प्रश्‍गनत टी0वी0 मनी बैक योजना के तहत क्रय की गयी थी और मनी बैक योजना के तहत रू0 15,000/- वापस करने का बाण्‍ड प्रत्‍यर्थी सं0-2/विपक्षी सं0-1 द्वारा प्रदान नहीं किया जाना सेवा में कमी का द्योतक है। इस प्रकार अपीलार्थी का यह तर्क कि प्रस्‍तुत प्रकरण बाण्‍ड से संबंधित होने के कारण उपभोक्‍ता विवाद की श्रेणी में नहीं आता है, स्‍वीकार योग्‍य नहीं है, क्‍योंकि प्रस्‍तुत प्रकरण टी0वी0 क्रय के उपरान्‍त स्‍कीम के तहत रू0 15,000/- का बाण्‍ड न देने के कारण सेवा में कमी से संबंधित है, अत: जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय/आदेश सभी तथ्‍यों एवं पर‍िस्थितियों पर विचार करने के उपरान्‍त पारित किया गया है, जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है, अत: प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

     अपील निरस्‍त की जाती है। जिला उपभोक्‍ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-590/2001, सुबोध चन्‍द्र ओमर बनाम वीडियोकॉन टाइगर इलेक्‍ट्रानिक्‍स कारपोरेशन व अन्‍य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 01.06.2003 की पुष्टि की जाती है।

                     

 

 

(आलोक कुमार बोस)                      (संजय कुमार)

          पीठासीन सदस्‍य                              सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0 

   कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Alok Kumar Bose]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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