Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/553

Union Of India - Complainant(s)

Versus

Subhas Chandra Saxena - Opp.Party(s)

M H Khan

12 Feb 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/553
( Date of Filing : 07 Mar 2002 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District Gorakhpur)
 
1. Union Of India
Gorakhpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Subhas Chandra Saxena
Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Feb 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-553/2002

यूनियन आफ इण्डिया द्वारा जनरल मैनेजर, एन.ई. रेलवे गोरखपुर तथा अन्‍य

 

बनाम

 

सुभाष चन्‍द्र सक्‍सेना पुत्र स्‍व0 श्री के.बी. सक्‍सेना तथा चार अन्‍य

 

समक्ष:-                                                  

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित   : श्री एम.एच. खान।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक : 12.02.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        अपील पेश हुई। आदेश पंजिकाओं के अवलोकन से जाहिर होता है कि दिनांक 18.4.2023 को अपीलार्थी की ओर से स्‍थगन आवेदन प्रस्‍तुत किया गया, दिनांक 8.8.2018 को आदेश पारित किया गया कि अपीलार्थी को निर्देशित किया जाता है कि प्रत्‍यर्थी को रजिस्‍टर्ड नोटिस भेजे जाने के लिए 15 दिन के अंदर पैरवी करें और पैरवी न करने की स्थिति में अपील निरस्‍त की जा सकती है, दिनांक 10.4.2018 को आदेश पारित किया गया कि अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एम.एच. खान उपस्थित हैं, उनके द्वारा स्‍टेप्‍स लेने हेतु समय की मांग की गयी और यह आदेश पारित हुआ कि उन्‍हें कई बार अवसर प्रदान किया जा चुका है, यह अंतिम अवसर प्रदान किया जाता है कि वह 7 दिन के अंदर पैरवी करें, इस पर कार्यालय द्वारा

 

-2-

दिनांक 31.7.2018 को यह रिपोर्ट अंकित की गयी कि दिनांक 10.4.2018 का अनुपालन अपीलार्थी द्वारा नहीं किया गया है, इसके पश्‍चात दिनांक 25.10.2017 को आदेशित किया गया कि एक सप्‍ताह के अंदर पैरवी करें, इस पर कार्यालय द्वारा रिपोर्ट दिनांक 18.12.2017 लगायी गयी कि आदेश दिनांक 25.10.2017 का अनुपालन नहीं किया गया, इससे पूर्व दिनांक 28.7.2017 को एक सप्‍ताह में पैरवी करने के लिए आदेशित किया गया था, परन्‍तु अपीलार्थी द्वारा कोई पैरवी नहीं की गयी, इससे पूर्व दिनांक 7.7.2017 को भी एक सप्‍ताह का समय पैरवी करने के लिए दिया गया था, कार्यालय की रिपोर्ट दिनांकित 20.7.2017 द्वारा पैरवी नहीं की गयी। यह समस्‍त आदेश पंजिका जाहिर करती हैं कि अपीलार्थी का कोई उद्देश्‍य इस पीठ द्वारा पारित आदेश के अनुपालन करने का नहीं रहा। उनके द्वारा इस पीठ द्वारा पारित आदेशों को उपहास के रूप में लिया गया। वर्ष 2002 से लम्बित अपील में अनेक बार पैरवी करने का आदेश करने के बावजूद पैरवी न करना जाहिर करता है कि अपीलार्थी का उद्देश्‍य यथार्थ में अपील संचालित करने का नहीं है, अपितु न्‍यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग करने का है।

तदनुसार अपील अदम पैरवी में निरस्‍त की जाती है।

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 

-3-

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-3

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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