Uttar Pradesh

StateCommission

A/1996/827

Guljaar Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Subedar - Opp.Party(s)

M H Khan

04 Feb 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1996/827
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Guljaar Cold Storage
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Subedar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Alok Kumar Bose PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-827/96

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, मैनपुरी द्वारा परिवाद संख्‍या-362/1994 में पारित निर्णय दिनांक 24.06.1996 के विरूद्ध)

गुलजार कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आईस फैक्‍ट्री द्वारा मैनेजर जी0टी0रोड भोगांव

जिला मैनपुरी।                                .........अपीलार्थी@विपक्षी

 

बनाम्

1.सूबेदार पुत्र बुद्धू सिंह, निवासी ग्राम अन्‍तपुरी, पो0 कुशमरा, परगना

तहसील भोगांव, जिला मैनपुरी।

2. जिला उपभोक्‍ता संरक्षण फोरम, जिला मैनपुरी द्वारा मैम्‍बर/अध्‍यक्ष

मैनपुरी।                                       ........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री आलोक कुमार बोस, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित    : श्री एम0एच0 खान, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित     :कोई नहीं।

दिनांक 10.02.2015

मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

      अपीलार्थी द्वारा यह अपील जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम मैनपुरी के परिवाद संख्‍या 362/1994 में पारित निर्णय एवं आदेश दि. 24.06.1996 के विरूद्ध योजित की गई है।

      संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा एक परिवाद जिला मंच मैनपुरी के समक्ष इस आशय का प्रस्‍तुत किया कि उसके द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में 48 बोरा आलू जिसका वजन 46 कुन्‍तल 8 किलोग्राम था, दि. 24.03.94 को बीज हेतु रखा था। जब परिवादी दि. 22.10.94 को विपक्षी के यहां आलू लेने गया तो यह कहकर मना कर दिया गया कि आलू सड़ गया है, समय से आलू न मिल पाने के कारण आवेदक का काफी नुकसान हुआ और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा।

      अपीलार्थी/विपक्षी ने कोल्‍ड स्‍टोरेज में आलू रखना स्‍वीकार किया तथा परिवादी को सही आलू या उसकी कीमत रोपाई के लिए देने के लिए तैयार रहा। अपीलार्थी द्वारा यह भी कहा गया कि परिवादी द्वारा गलत बारदाने का प्रयोग किया, जिससे आलू सड़ गया। जिला मंच द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया:-

-2-

      '' आवेदक का आवेदन पत्र आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी आवेदक को 46 कुन्‍तल 08 किलोग्राम आलू की कीमत रू. 110/- प्रति कुन्‍तल की दर से अदा करे तथा 48 बोरा की कीमत रू. 20/- प्रति बोरा की दर से अदा करे।''

      अपीलार्थी द्वारा जिला मंच के उपरोक्‍त आदेश दि. 24.06.96 के विरूद्ध यह अपील योजित की है।

      प्रत्‍यर्थी/परिवादी को नोटिस भेजे जाने के बावजूद भी उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं आया है। चूंकि यह अपील 18 वर्ष से अधिक समय से निस्‍तारण हेतु लंबित है। अत: पीठ द्वारा यह समीचीन पाया गया कि इस अपील का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर कर दिया जाए।

      अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को एकल रूप से सुना गया और पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों का भलीभांति परिशीलन किया गया।

      अपीलार्थी का कथन है कि जिला मंच का आदेश तथ्‍यों पर आधारित नहीं है। जिला मंच द्वारा विपक्षी के आलू का मूल्‍य वर्ष 1994 के बाजार मूल्‍य से अधिक निर्धारित किया है। जिला मंच द्वारा प्रति कुन्‍तल बाजारू मूल्‍य वर्ष 1996 निर्धारित करने के बाद भी उसे प्रति कुन्‍तल 20 रूपये अधिक देने का आदेश दिया है, जो आलू के मूल्‍य से लगभग डेढ़ गुना के बराबर है। उसके कोल्‍ड स्‍टोरेज में क्षति हुए आलू युनाइटेड इंडिया इंश्‍योरेंस कंपनी से बीमित था, इसलिए आलू के मूल्‍य की कीमत के दिए जाने की जिम्‍मेदारी बीमा कंपनी की थी।

      यह तथ्‍य निर्विवाद है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा 48 बोरा आलू जिसका वजन 46 कुन्‍तल 8 किलोग्राम का था, अपीलार्थी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखा गया सामान्‍यत: कृषक आलू की कुछ पैदावार को बीज हेतु भी रखते हैं। अपीलार्थी ने यह भी स्‍वीकार किया है कि आलू सड़ गया था तथा जिला मंच के समक्ष यह भी कहा कि परिवादी को हमेशा ही आलू या उसकी कीमत रोपाई के लिए देने के लिए तैयार रहा तथा परिवादी के अन्‍य साथ के लोगों को विपक्षी ने भुगतान किया, जैसाकि जिला मंच द्वारा अपने निर्णय में अंकित किया है।  अपीलार्थी का मुख्‍य विरोध इस बात का है कि जिला मंच द्वारा विपक्षी के आलू का मूल्‍य वर्ष 1994 के बाजार मूल्‍य से अधिक 1996 के अधिक बाजार मूल्‍य पर किया था और उसके पश्‍चात भी 20 रूपये प्रति कुन्‍तल अधिक आदेश दिया। जिला मंच द्वारा आलू की कीमत रू. 110/- प्रति कुन्‍तल आंकी। इसके अतिरिक्‍त 48 बोरों की कीमत 20 रूपये प्रति

 

-3-

बोरा भी निर्धारित कर अपीलार्थी को अदा करने के लिए कहा था। पत्रावली पर कोई ऐसा साक्ष्‍य नहीं है जिससे यह सिद्ध हो कि जो आलू बीज के लिए परिवादी द्वारा अपीलार्थी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखा था उसका बाजार भाव 60 रूपये या 70 रूपये रहा हो, जबकि जिला मंच द्वारा निर्धारित आलू मूल्‍य वर्ष 1994 में मण्‍डी समिति द्वारा जारी आलू के भाव पर आधारित है।

      जिला मंच द्वारा साक्ष्‍यों के आधार पर पूर्ण विवेचना करते हुए आलू की कीमत रू. 110/- प्रति कुन्‍तल व रू. 20/- प्रति बोरा मूल्‍य की क्षतिपूर्ति आंकलित करते हुए अपना निर्णय दिया है, जिसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। इस प्रकरण में कोई विधिक बिन्‍दु भी नहीं है, अत: अपील खण्डित किए जाने योग्‍य है।।

आदेश

     अपील खण्डित की जाती है।

      उभय पक्ष अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

      इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाए।

 

 

       (आलोक कुमार बोस)                               (राज कमल गुप्‍ता)

         पीठासीन सदस्‍य                                      सदस्‍य

राकेश, आशुलिपिक

      कोर्ट-4  

 
 
[HON'ABLE MR. Alok Kumar Bose]
PRESIDING MEMBER

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