Rajasthan

StateCommission

FA/1183/2013

Indarjeet Singh s/o Lat. Awatar Singh - Complainant(s)

Versus

Sub Postmaster Post Offie Kafala - Opp.Party(s)

By Post

04 Feb 2015

ORDER

State Consumer Disputes and Redressal Commission
Rajasthan
Jaipur
 
First Appeal No. FA/1183/2013
(Arisen out of Order Dated 21/10/2013 in Case No. 212/2012 of District Tonk)
 
1. Indarjeet Singh s/o Lat. Awatar Singh
Plot No.12"Lajwanti"Civil Lines,Pahadiya,Tonk
Tonk
Rajasthan
...........Appellant(s)
Versus
1. Sub Postmaster Post Offie Kafala
Dakghar,Kafla Hal Nayalaya Parisar,Tonk
Tonk
Rajasthan
2. Chief Dakpal
Superintendent Chief Dak Ghar,Swaimadhopur Road,Tonk
Tonk
Rajasthan
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Liyakat Ali PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, सर्किट बैंच 
          संख्या 2, जयपुर, राजस्थान ।
 ं
अपील संख्याः 1227/2013
डी.पी. शर्मा पुत्र श्री सोहन लाल शर्मा, उम्र 63 वर्ष जाति ब्राहमण निवासी- 130, शक्तिनगर, निवारू रोड़, झोटवाडा, जयपुर राजस्थान। 

बनाम

1.    मैसर्स भारत संचार निगम लि., जिला कार्यालय, एम.आई. रोड़, जयपुर जरिये- प्रधान महाप्रबन्धक , जिला जयपुर ।
2.    प्रभारी, दूरसंचार केन्द्र, हाई कोर्ट परिसर, जयपुर।
समक्षः-
माननीय श्री लियाकत अली, पीठासीन सदस्य।
उपस्थितः
श्री डी.पी. शर्मा, अधिवक्ता अपीलार्थी । 
श्री गौरव जैन, अधिवक्ता प्रत्यर्थीगण ।

दिनंाक: 04.02.2015
राज्य आयोग, सर्किट बैंच नं0 02,जयपुर, राज. 
परिवादी ने यह अपील जिला फोरम के परिवाद संख्या 92/2013 निर्णय दिनांक 11.11.2013 से सुब्द्व होकर प्रस्तुत की है।  
परिवादी का संक्षिप्त कथन इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी ओर से जारी टेलिफोन बिल जो कि 1099/- रू. का था, चेक संख्या 210278 दिनांक 29.04.09 को हाईकोर्ट परिसर में स्थिति पोस्ट आॅफिस में जमा करवाये गया, परन्तु विपक्षी ने ॅस्स् के बिल यहाँ जमा नहीं होते है, और नगद पैसे पोस्ट आॅफिस में जमा करवाने की हिदायत थी। इस प्रकार विपक्षी ने परिवादी का बिल जमा नहीं करके सेवादोष कार्य किया है। अतः परिवादी ने परिवाद के मद संख्या 8 में अंकित सभी अनुतोष दिलाने की मांग की है। 
विपक्षी का कथन है कि परिवादी को दिनांक 13.01.09 को विवादित बिल जारी किया था, जिसे परिवादी ने दिनांक 30.04.09 को 11.26 ।ड पर पोस्ट आॅफिस में जमा करवाया है, जबकि संभवतः चेक द्वारा बिल क्नम क्ंजम एक दिन पूर्व जमा करवाया जाना चाहिए। बिल की निर्धारित तिथि के पष्चात् भी विलम्ब शुल्क जमा नहीं करवाया, परिवादी ने बिल बिल दिनांक 30.04.09 को हाईकोर्ट परिसर में स्थिति पोस्ट आॅफिस में जमा करवाया। अतः विपक्षी ने कोई सेवादोष नहीं किया है। परिवादी का परिवाद अस्वीकार करने योग्य है। 
हमने दोनों पक्षों की बहस सूनी।
जिला फोरम ने परिवाद को मियाद अवधि में नहीं मानते हुए परिवादी के परिवाद को अस्वीकार किया है। यह कथन सही है कि परिवादी का परिवाद दिनांक 29.04.09 को उत्पन्न हो गया था, परन्तु परिवादी ने मंच के समक्ष दो वर्ष पष्चात् दिनांक 26.05.2011 को यह परिवाद प्रस्तुत किया है। परिवादी ने परिवाद देरी से प्रस्तुत करने का कारण बताते हुए जिला मंच में आवेदन भी दिया था, परन्तु जिला मंच ने आवेदन का पूर्णत्या निस्तारण नहीं कर विपक्षीगण को नोटिस जारी करते हुए गुणवगुण पर निर्णय किया है, तथा परिवाद के अंतिम निस्तारण के समय मियाद सम्बन्धी विवाद को भी तय करते हुए परिवाद का निस्तारण किया है। परिवादी ने पोस्ट आॅफिस के समक्ष उक्त बिल प्रस्तुत किया होगा यह भी माना जा सकता है, परन्तु विपक्षीगण ने भी इस सम्बन्ध में दो आपत्तियां प्रस्तुत की है कि प्रथमतः परिवादी ने यह चेक पोस्ट आॅफिस के सम्मुख प्रस्तुत किया है ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है। यदि परिवादी का कथन मान भी लिया जाए तो भी विपक्षीगण के द्वारा दिए गए सषपथ बयान जिसमें यह बताया गया है कि चेक द्वारा बिल का भुगतान करने की स्थिति में क्नम क्ंजम से एक दिन पूर्व तक प्राप्त हो जाने चाहिए, परन्तु इस प्रकरण में परिवादी ने बिल की क्नम क्ंजम 29.04.209 थी। परिवादी ने चेक भी उसी दिवस का बनाकर विपक्षी के एजेंट डाकघर के काउन्टर पर प्रस्तुत किया है, जबकि विभागीय नियमानुसार चेक क्नम क्ंजम  के एक दिन पूर्व दिनांक 28.04.2009 को प्रस्तुत किया जाना था। अतः ऐसी स्थिति में पोस्ट आॅफिस द्वारा बिल/चेक को अस्वीकार किया जाना सेवा त्रुटि नहीं माना जा सकता। इसके अतिरिक्त जिला मंच ने भी इस बात को भी माना है कि परिवादी ने परिवाद मियाद निकलने के पष्चात् प्रस्तुत किया है जो कि उपभोक्ता संरक्षण कानून की धारा 24। का उलंघ्घन माना जा सकता है। अतः अपीलार्थी की अपील अस्वीकार की जाती है तथा जिला मंच द्वारा निर्णय को उचित मानते हुए अपील का निस्तारण किया जाता है।
परिणामतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर अपीलार्थी की अपील खारिज की जाती है विद्वान जिला मंच का आलौच्य निर्णय दिनांकित 11.11.2013 यथावत रखा जाता है ।  
 
(लियाकत अली)  

                                                             पीठासीन सदस्य

 
 
[HON'BLE MR. Liyakat Ali]
PRESIDING MEMBER

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