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Santosh Kumar filed a consumer case on 05 Feb 2024 against Sub Divisional Officer, Electricity Distribution Sub Division, Pukhrayan in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/33/2023 and the judgment uploaded on 05 Feb 2024.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
(H.J.S.)
सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 33/2023
परिवाद दाखिला तिथि :- 09.05.2023
निर्णय दिनांक:- 05.02.2024
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
सन्तोष कुमार पुत्र स्व0 रामदास द्विवेदी उम्र लगभग वर्ष निवासी मोहल्ला मालवीय नगर (पटेल नगर) पुरानी बस्ती पुखरायां थाना भोगनीपुर ।
.........................परिवादी
बनाम
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी सन्तोष कुमार की ओर से सशपथ पत्र इस आशय का संस्थित किया गया है कि प्रतिवादीगण द्वारा फर्जी विधुत मीटर नं0 885278 के अन्तर्गत जारी किये गये बिल नं0 24762301033137 पर 96,190/- रुपये को समाप्त किये जाने, वादी के विधुत मीटर नं0 7716015 के अन्तर्गत रीडिंग के आधार पर बिल जारी किये जाने, प्रतिवादीगण को वादी की काटी गयी विधुत केबिल को पुनः जोड़े जाने हेतु आदेशित किये जाने तथा विपक्षीगण से वाद व्यय दिलाये जाने हेतु दिनांक 09.05.2023 को योजित किया गया ।
संक्षेप में, परिवादी का कथन है कि परिवादी कम लिखा पढ़ा व्यक्ति है । परिवादी ने घरेलू विधुत कनेक्शन 1 किलोवाट का दिनांक 13.08.2016 को लिया था जिसका एकाउंट नम्बर-781722111307 है और मीटर नं0-7716015 है । उपरोक्त कनेक्शन के बाद से वादी बराबर विधुत विभाग जाकर विधुत बिल जमा करने का प्रयास करता रहा लेकिन वादी का आज तक कोई विधुत बिल जारी न होने के कारण, विधुत बिल जमा नहीं कर सका । वादी ने उपरोक्त समस्या के सम्बन्ध में विधुत विभाग में शिकायत भी दर्ज करायी लेकिन प्रतिवादी संख्या-1 ने किसी भी प्रकार से समस्या का समाधान नहीं किया और वादी द्वारा जब उच्च अधिकारियों से शिकायत की गयी, जिस पर विधुत विभाग से वादी का फर्जी विधुत मीटर नं0 885278 के अन्तर्गत बिना किसी रीडिंग के मनमाना विधुत बिल 96,190/- रु0 की पर्ची दे दी, जिस पर वादी ने प्रतिवादी संख्या-1 से गुहार लगायी कि मनमानी तरीके से भेजे गये विधुत बिल को संशोधित करके पुनः जारी कर दिया जाये जिससे वादी द्वारा बिल का भुगतान किया जा सके । वादी का विधुत बिल संशोधित न करके दिनांक 05.01.2023 को वादी की विधुत केबिल को विधुत पोल से काटकर अलग कर दिया और प्रतिवादीगण के कर्मचारियों ने वादी को धमकियाँ दी कि अगर विधुत बिल जमा नहीं किया तो जल्द से जल्द क्रिमिनल मुकदमा लगाकर जेल भेजवा देंगे । प्रतिवादीगण के व्यवहार व किये गये कृत्य तथा विधि विरुद्ध तरीके से प्रेषित विधुत बिल जारी किये जाने से परिवादी शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान है । वादी द्वारा दिनांक 18.03.2023 को जरिये अधिवक्ता प्रतिवादी संख्या-1 को जरिये रजिस्ट्री नोटिस भेजी गयी लेकिन वादी को नोटिस का जवाब नहीं दिया गया । प्रतिवादीगण ने सेवा में कमी की है, इस कारण वाद का कारण उत्पन्न हुआ है । वाद का कारण दिनांक 03.01.2023 को जब उत्पन्न हुआ जब प्रतिवादीगण के कर्मचारी द्वारा फर्जी मीटर नं0 885278 के अन्तर्गत गलत तरीके से बिना रीडिंग के 96,190/- रु0 का फर्जी बिल जारी किया । वाद का द्वितीय कारण दिनांक 05.01.2023 को उत्पन्न हुआ जब वादी के विधुत केबिल प्रतिवादीगण के कर्मचारी द्वारा काटकर विच्छेदित कर दिया गया और प्रतिवादीगण द्वारा नोटिस दिनांकित 18.03.2023 व 10.04.2023 का अभी तक कोई जवाब वादी को नहीं दिया गया जिस कारण वाद का कारण आज भी उत्पन्न है । परिवादी माननीय न्यायालय के समक्ष अपना वाद प्रस्तुत कर रहा है, परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त विपक्षीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक दिनांक 14.06.2023 को नोटिस जारी किया गया । Track Consignment Report के आधार पर विपक्षीगण पर नोटिस का पर्याप्त तामीला होने के उपरान्त उनकी ओर से विधुत विभाग के पैरोकार उपस्थित आये लेकिन कई अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण की ओर से कोई जवाबदेही दाखिल नहीं की गयी, तत्पश्चात दिनांक 22.11.2023 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूंची से मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र दिनांकित 13.08.2016 की छायाप्रति, खाता संख्या-781722111307 पर जारी विधुत बिल दिनांकित 03.01.2023 मु0 धनराशि रुपया 96,190/- रुपया की छायाप्रति, आधार कार्ड परिवादी सन्तोष कुमार की छायाप्रति, परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री सुल्तान अली द्वारा विपक्षीगण को प्रेषित नोटिस दिनांकित 18.03.2023 व 10.04.2023 की छायाप्रतियाँ व परिवादी द्वारा विपक्षी विधुत विभाग पुखरायां को प्रेषित पत्र दिनांकित 18.11.2022 की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी सन्तोष कुमार द्वारा साक्ष्य में शपथपत्र दिनांक 13.12.2023, पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।
परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में एक अन्य दस्तावेजों की सूंची से खाता संख्या 781722111307 पर जारी मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र दिनांकित 13.08.2016 की मूलप्रति व खाता संख्या-781722111307 पर जारी विधुत बिल दिनांकित 03.01.2023 मु0 धनराशि रुपया 96,190/- रुपया की मूल प्रति दाखिल की गयी है ।
परिवादी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता द्वारा एक पक्षीय लिखित बहस पत्रावली पर दाखिल की गयी ।
मैंने परिवादी के अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी तथा परिवादी की ओर से प्रस्तुत एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र व लिखित बहस का परिशीलन किया।
पत्रावली का परिशीलन किये जाने से विदित है कि विपक्षीगण पर नोटिस का पर्याप्त तामीला होने के उपरान्त उनकी ओर से विधुत विभाग के पैरोकार उपस्थित आये लेकिन कई अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण की ओर से कोई जवाबदेही दाखिल नहीं की गयी, तत्पश्चात दिनांक 22.11.2023 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादी का केस यह है कि उसने 1 किलोवाट का घरेलू विधुत कनेक्शन हेतु दिनांक 13.08.2016 को विधुत कनेक्शन लिया था जिसका एकाउंट नम्बर-781722111307 है और मीटर नं0-7716015 है । परिवादी विधुत बिल जमा करने के लिये बराबर विधुत विभाग से सम्पर्क करता रहा परन्तु विधुत विभाग द्वारा कोई विधुत बिल जारी न होने के कारण, विधुत बिल जमा नहीं कर सका । जब परिवादी ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की तो विधुत विभाग ने मीटर नं0 885278 के अन्तर्गत बिना किसी रीडिंग के मनमाने तौर से विधुत बिल 96,190/- रु0 का परिवादी को दिया, जिस पर परिवादी ने उपखण्ड अधिकारी, विधुत वितरण उपखण्ड पुखरायां से विधुत बिल को संशोधित करके पुनः जारी किये जाने की याचना की, जिससे परिवादी द्वारा बिल का भुगतान किया जा सके परन्तु ऐसा न करके दिनांक 05.01.2023 को परिवादी की विधुत केबिल को विधुत पोल से काटकर अलग कर दिया गया । परिवादी ने दिनांक 18.03.2023 को जरिये अधिवक्ता नोटिस प्रेषित की और दिनांक 10.04.2023 को प्रबन्ध निदेशक उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड को जरिये अधिवक्ता नोटिस भेजी । परिवादी ने सूची पत्र के साथ मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र दिनांकित 13.08.2016 जिसमें New Meter परिसर के बाहर लगाया जाना अंकित किया गया है तथा 96,190/- रुपये के विधुत बिल की प्रति दाखिल की है ।
परिवादी ने अपने कथनों के समर्थन में दिनांक 13.12.2023 को साक्ष्य शपथपत्र दाखिल किया है । विपक्षीगण पर Track Consignment Report के आधार पर नोटिस का पर्याप्त तामीला होने के बावजूद उनकी ओर से कोई जवाबदेही एवं साक्ष्य शपथपत्र दाखिल नहीं किया गया है । परिवादी की ओर से प्रेषित लीगल नोटिस दिनांकित 18.03.2023 एवं 10.04.2023 के जवाब में भी विपक्षीगण की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है ।
अतः इन परिस्थितियों में परिवादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र एवं दाखिल अभिलेखों पर अविश्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है । अतएव परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण द्वारा परिवादी को प्रेषित विधुत बिल मु0 96,190/- रुपये को अपास्त करते हुये विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे आदेश के दिनांक से एक माह के अंदर परिवादी के पूर्व मीटर नम्बर-885278 व वर्तमान मीटर नम्बर-7716015 पर उपभोग के आधार संशोधित बिल जारी करे एवं परिवादी तदनुसार संशोधित बिल जमा करे । परिवादी को हुयी मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय के एवज में 5,000/- रुपया भी विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अदा किया जायेगा ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात । कानपुर देहात ।
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात । कानपुर देहात ।
दिनांक:- 05.02.2024
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