जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या-441/2018
उपस्थित:-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
श्रीमती स्नेह त्रिपाठी, सदस्य।
श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-05/11/2018
परिवाद के निर्णय की तारीख:-05/01/2021
श्रीमती शीला यादव पत्नी श्री एल0पी0 यादव, निवासी ओयल हाउस, 1, राणा प्रताप मार्ग,लखनऊ। .........परिवादिनी।
बनाम
1-StutiEnterprises Xiaomi Customer Service Center Shop no. 14 LDA Market, Cinder Demp Sardari Kheda Nera Alambagh Bus Stand Metro Station Alambagh Lucknow through its Proprietor.
2-Xiaomi Technology India Pvt Ltd 8th Floor, Tower-1, Umiya Business bay, Outer Ring Road, Bangalore-560103 Through its Managing Director. .........विपक्षीगण।
आदेश द्वारा-श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
निर्णय
परिवादिनी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण से मोबाइल फोन की कीमत 12999.00 रूपये 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित मोबाइल क्रय किये जाने की दिनॉंक से वास्तविक भुगतान की तिथि तक, मानसिक एवं शारीरिक कष्ट के लिये 50000.00 रूपये एवं वाद व्यय 11000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि जिओमी मोबाइल फोन की डिलीवरी उ0प्र0 में न होने के कारण परिवादिनी ने दिनॉंक 21.06.2017 को एक जिओमी कम्पनी का मोबाइल फोन मॉडल Note 44 GB+64 GB IMEI No. 865758032993989 मुबलिग 12999.00 का नकद भुगतान करके क्रय किया, जिस पर एक वर्ष की वारन्टी दी गयी थी। उक्त मोबाइल की कीमत का भुगतान परिवादिनी द्वारा किया गया है, तथा मोबाइल क्रय करने की ओरिजनल इनवाइस परिवादिनी के पास है, एवं मोबाइल का उपभोग परिवादिनी क्रय करने की तिथि से कर रही है। मोबाइल क्रय करने के कुछ दिनों बाद ही खराब हो गया, हैंग करने लगा, टच में प्राप्ब्लम आ गयी, डिस्प्ले ब्लैन्क होने लगा मोबाइल ओवरहीट होने लगा एवं स्वत: अपने आप बन्द हो जा रहा था, तो परिवादिनी ने दिनॉंक 12.12.2017 को विपक्षी संख्या 01 अधिकृत सर्विस सेन्टर में रिपेयरिंग के लिये गया तो वहॉं विपक्षी संख्या 01 द्वारा परिवादिनी का मोबाइल जमा कर लिया गया। जब वापस किया गया तो बताया गया कि खराबी ठीक कर दी गयी है। इसके बावजूद परिवादिनी का मोबाइल सही नहीं हुआ तो परिवादिनी दिनॉंक 15.01.2018 को विपक्षी संख्या 01 के यहॉं मोबाइल लेकर गयी तो वहॉं विपक्षी द्वारा परिवादिनी से जानबूझकर सेट वारन्टी में होने के बावजूद अवैधानिक रूप से धन ऐंठने के उद्देश्य से फोन रिपेयरिंग हेतु पैसों की मॉंग की गयी। परिवादिनी द्वारा विरोध करने पर फोन रिपेयरिंग करने से साफ इनकार कर दिया गया। विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी के खराब मोबाइल को वारन्टी के अन्तर्गत रिपेयर न करके अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी है एवं दी जाने वाली सेवा में घोर कमी की गयी है।
विपक्षी संख्या 01 विपक्षी संख्या 02 का अधिकृत सर्विस सेन्टर है। विपक्षी संख्या 02 के द्वारा अपने एवं विपक्षी संख्या 01 के स्तर से उत्तर पत्र प्रस्तुत करते हुए परिवादिनी के कथनों को अस्वीकार करते हुए कहा है कि परिवादिनी का परिवाद झूठा एवं मनगढ़न्त है और केवल जबरन धनराशि वसूली के उद्देश्य से किया गया है। विपक्षी संख्या 02 का कथन है कि परिवादिनी ने विपक्षी संख्या 01 से संपर्क कर अपने मोबाइल सेट में कमी का उल्लेख करते हुए उसे ठीक करने का अनुरोध किया। विपक्षी संख्या 01 द्वारा वारन्टी की शर्तों के आधार पर मोबाइल की मरम्मत की गयी। परिवादिनी द्वारा मोबाइल में निर्माण संबंधी दोष के संबंध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। अत: उनका यह तर्क कि उक्त मोबाइल में कोई निर्माण संबंधी दोष था गलत है। विपक्षी संख्या 02 द्वारा अपने कथनों में इस आशय का भी उल्लेख किया गया है कि परिवादिनी को किसी प्रकार की राहत नहीं देते हुए उन्हें मोबाइल की मरम्मत आदि के लिये मोबाइल को उपलब्ध कराया जा सकता है।
पत्रावली पर उपलब्ध तथ्यों एवं साक्ष्यों के अवलोकन से प्रतीत होता है कि परिवादिनी के मोबाइल में कमी आने के फलस्वरूप जब विपक्षी संख्या 01 से संपर्क किया गया तो विपक्षी संख्या 01 द्वारा मोबाइल की त्रुटि को दूर करके मोबाइल परिवादिनी को उपलब्ध कराया गया। पुन: मोबाइल में कमी आने के उपरान्त विपक्षी संख्या 01 द्वारा धनराशि मॉंगे जाने के संबंध में परिवादिनी द्वारा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया और विपक्षी संख्या 02 द्वारा इस आशय का अनुरोध किया गया है कि यदि परिवादिनी उचित समझे तो अपना मोबाइल मरम्मत हेतु उपलब्ध करा सकती है। परन्तु पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि परिवादिनी को मोबाइल दूसरी बार भी वारंटी पीरियड में ही खराब हुआ है और वारंटी पीरियड में यदि कोई वस्तु खराब होती है तो उसे ठीक कराया जाना विक्रेता/कम्पनी की जिम्मेदारी होती है। वारंटी की शर्तों के अन्तर्गत एक क्रेता के रूप में विक्रेता/कम्पनी से अपनी वस्तु को निशुल्क ठीक कराये जाने का हकदार होता है। इसी प्रकार परिवादिनी को भी यह अधिकार वारंटी पीरियड में अपना मोबाइल ठीक/बदलने का है। अत: परिवादिनी को अपना मोबाइल ठीक कराये जाने की मॉंग स्वीकार करते हुए परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा परिवादिनी को निर्देशित किया जाता है कि वह अपना मोबाइल विपक्षी के सर्विस सेन्टर पर उपलब्ध कराये और विपक्षी परिवादिनी का मोबाइल जमा करने की तिथि से 45 दिनों के अन्दर निशुल्क मरम्मत/ठीक किया जाना सुनिश्चित करें। यदि आदेश का पालन उक्त अवधि में नहीं किया जाता है तो विपक्षीगण द्वारा मोबाइल की कीमत मुबलिग 12999/- (बारह हजार नौ सौ निन्यानबे रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ परिवादिनी को अदा करेंगे। वाद व्यय के लिये मुबलिग 2000/-(दो हजार रूपया मात्र) भी परिवादिनी को अदा करेंगे।
(अशोक कुमार सिंह) (स्नेह त्रिपाठी) (अरविन्द कुमार)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।