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BALIKRAM THAKUR filed a consumer case on 18 Feb 2015 against STATE BANK OF INDIA in the Seoni Consumer Court. The case no is CC/70/2014 and the judgment uploaded on 01 Apr 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, सिवनी(म0प्र0)
प्रकरण क्रमांक 702014 प्रस्तुति दिनांक-23.09.2014
समक्ष :-
अध्यक्ष - व्ही0पी0 षुक्ला
सदस्य - वीरेन्द्र सिंह राजपूत,
श्री बालिकराम ठाकुर, पिता स्वर्गीय
ललाराम ठाकुर, उम्र लगभग 63 वर्श,
जाति पंवार (पेंषनर वरिश्ठ नागरिक)
सकिन विवेकानंद वार्ड कटंगी नाका
सिवनी, जिला सिवनी (म0प्र0) .................परिवादी
विरूद्ध
षाखा प्रबंधक,
भारतीय स्टेट बैंक मुख्य षाखा
बारापत्थर सिवनी
(म0प्र0) .................अनावेदक
:-आदेश-:
(आज दिनांक-18.02.2015 को पारित)
पीठासीन अध्यक्ष :- विमल प्रकाश शुक्ला,
1. परिवादी ने अनावेदकगण के विरूद्ध धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत सेवा में कमी के आधार पर 1753-रूपये मय ब्याज दिलाये जाने, मानसिक प्रताड़ना एवं वाद-व्यय 3,000-रूपये दिलाये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
2. परिवादी का पक्ष संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी का अनावेदकभारतीय स्टेट बैंक, मुख्य षाखा बारापत्थर, सिवनी (जिसे आगे अनावेदकबैंक कहा जावेगा) में बचत खाता क्रमांक-10764527987 है, जिसमें परिवादी के वेतन भत्ते, पेंषन आदि जमा होते है। परिवादी ने दिनांक 07.07.2012 एवं दिनांक 14.12.2012 को एक वर्श के लिए क्रमष: 50,000-रूपये एवं 3,00,000-रूपये सावधि जमा किया था। परिपक्वता अवधि के उपरांत परिवादी को मूलधन ब्याज सहित क्रमष: 54,654-रूपये एवं 3,27,925-रूपये का भुगतान किया जाना था, किन्तु अनावेदकबैंक द्वारा परिवादी को क्रमष: 54,181-रूपये एवं 3,26,645-रूपये का भुगतान किया गया। परिवादी षासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हुआ था। उसका आयकर विभाग में स्थार्इ लेखा क्रमांक-।ठज्च्ज् 3371 ज्ञ. है। परिवादी द्वारा दिनांक-08.07.2013 को फार्म नंबर-15एच भरकर बैंक में जमा किया गया था। इसके बावजूद अनावेदकबैंक द्वारा उसके सावधि योजना में जमा राषि में सें क्रमष: 473-रूपये 1280-रूपये कुल-1753-रूपये आयकर की
प्रकरण क्रमांक 702014
कटौत्रा कर दी गर्इ है। उसने बैकिंग लोकपाल के समक्ष इसकी षिकायत भी की थी, किन्तु बैंकिंग लोकपाल द्वारा कोर्इ कार्यवाही नहीं की गर्इ। अतएव परिवादी ने अनावेदक से 1,753-रूपये मय ब्याज दिलाये जाने, मानसिक प्रताड़ना एवं वाद-व्यय 3,000-रूपये दिलाये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
3. अनावेदक का पक्ष संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने अनावेदकबैंक में नियमानुसार टी0डी0एस0 फार्म नंबर-16ए दिनांक-07.07.2012 एवं दिनांक-14.12.2012 को भरकर नहीं दिया था, जिसके कारण परिवादी के खाते से आयकर की राषि कटौत्रा की गर्इ है, जिसमें अनावेदक की कोर्इ भूमिका नहीं है। अनावेदकबैंक ग्राहकों को समुचित सेवा प्रदाय करने के लिए प्रयासरत है। परिवादी ने अनावेदकबैंक के विरूद्ध अनावष्यक रूप से परिवाद प्रस्तुत किया है। अतएव अनावेदकबैंक ने परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने का निवेदन किया है।
4. परिवादी ने कांउटर जवाब प्रस्तुत कर निवेदन किया कि अनावेदकबैंक द्वारा दिनांक-07.07.2012 एवं दिनांक 14.12.2012 को उसे आयकर फार्म नंबर-15एच भरकर बैंक में प्रस्तुत करने की जानकारी नहीं दी गर्इ थी। अनावेदकबैंक द्वारा उसे दिनांक-08.07.2013 को आयकर फार्म नंबर-15एच भरकर जमा करने का निर्देष दिया गया था, तब उसने तत्काल फार्म नंबर-15एच भरकर बैंक में जमा कर दिया था। अनावेदकबैंक द्वारा उसके सावधी खाते से अनावष्यक कटौत्रा की गर्इ है।
5. विचारणीय बिन्दु यह हैं कि क्या अनावेदकबैंक द्वारा, परिवादी की सावधी खाता योजना में जमा राषि पर देय ब्याज पर क्रमष: 473-रूपये एवं 1280-रूपये की आयकर की कटौत्रा की जाकर सेवा में कमी की गर्इ है ?
6. यह स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी का अनावेदकबैंक में बचत खाता क्रमांक-10764527987 है, जिसमें परिवादी के पेंषन भत्ते आदि जमा होते हैं। परिवादी ने दिनांक 07.7.12 एवं 14.12.12 को एक वर्श के लिये 50,000-रूपये एवं 3,00,000-रूपये सावधि जमा किया था। एक वर्श के उपरांत 9 प्रतिषत ब्याज की दर से परिवादी को मूलधन ब्याज सहित 54,181-रूपये एवं 3,27,925-रूपये का भुगतान किया जाना था, किन्तु अनावेदकबैंक द्वारा परिवादी के सावधि जमा राषि पर भुगतान के समय क्रमष: 473-रूपये एवं 1,280-रूपये कुल 1,753-रूपये टी.डी.एस. की कटौत्रा किया गया है।
7. परिवादी बालिकराम ठाकुर ने षपथ पत्र पर प्रकट किया कि अनावेदकबैंक द्वारा उसे दिनांक 07.7.12 एवं दिनांक 14.12.12 को यह जानकारी नहीं दी गर्इ कि उसे आयकर फार्म नंबर-15 एच भरकर बैंक में प्रस्तुत करना है। बैंक द्वारा उसे दिनांक 08.7.2013 को जब आयकर फार्म नंबर-15 एच भरकर प्रस्तुत करने की जानकारी दी गर्इ, तब उसने बैंक में आयकर फार्म 15 एच भरकर जमा कर दिया था।
प्रकरण क्रमांक 702014
8. अनावेदकबैंक द्वारा यह आपतित ली गर्इ है कि परिवादी ने दिनांक 07.07.12 एवं दिनांक 14.12.12 को क्रमष: 50,000-रूपये एवं 3,00,000-रूपये सावधि योजना में जमा करते समय आयकर फार्म नंबर 15 एच भरकर नहीं दिया था, जिसके कारण कम्प्यूटरीकृत मषीन द्वारा नियमानुसार टी.डी.एस. के रूप में आयकर का कटौत्रा की गर्इ है।
9. परिवादी ने अपने पेन नंबर की छायाप्रति, पास बुक की छायाप्रति, अनावेदकबैंक द्वारा परिवादी को दी गर्इ टी.डी.आर. की छायाप्रति एवं फार्म नंबर 15 एच की छायाप्रति प्रस्तुत किया है। परिवादी द्वारा अनावेदक बैंक में क्रमष: दिनांक 07.7.12 एवं दिनांक 14.12.12 को जमा की गर्इ राषि परिपक्वता अवधि दिनांक 07.7.13 एवं दिनांक 14.12.13 थी। परिपक्वता अवधि के बाद परिवादी को सावधि बचत राषि में से आयकर क्रमष: 473-रूपये एवं 1,280-रूपये की कटौत्रा की गर्इ है। चूंकि परिवादी ने बैंक में राषि सावधि जमा कराते समय फार्म नंबर-15 एच भरकर नहीं दिया था, जिसके कारण परिपक्वता के उपरांत परिवादी के खाते से 480-रूपये एवं 1,280-रूपये आयकर कटौत्रा की गर्इ है। यदि परिवादी को आयकर देय नहीं है, तब परिवादी आयकर विभाग से बैंक द्वारा दी गर्इ जानकारी के आधार पर राषि वापिस प्राप्त करने की कार्यवाही कर सकता है। बैंक द्वारा परिवादी के खाते से टी.डी.आर. के रूप में 1,280-रूपये का कटौत्रा की जाकर सेवा में कोर्इ कमी नहीं की गर्इ है, बलिक अनावेदकबैंक द्वारा आयकर विभाग के नियमों के अनुसार आयकर की कटौत्रा की गर्इ है, जो अनावेदक की सेवा में कमी नहीं है।
10. अत: उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम परिवादी को कोर्इ सहायता न दिलाते हुये अनावेदक के विरूद्ध परिवादी का परिवाद निरस्त करते हैं।
11. मामले में आये तथ्यों को देखते हुये पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करें।
12. आदेष की प्रति नि:षुल्क प्रदान की जावे।
मैं सहमत हू।
( वीरेन्द्र सिंह राजपूत ) (विमल प्रकाष शुक्ला)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम,
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