राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-२६३६/२००२
(जिला मंच, रामपुर द्वारा परिवाद सं0-१४१/१९९९ में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक ०२-०९-२००२ के विरूद्ध)
चन्द्रकान्त खण्डेलवाल पुत्र निरंजन लाल खण्डेलवाल निवासी खण्डेलवाल ब्रादर्श, सिविल लाइन्स, जिला रामपुर।
................... अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम
स्टर्लिंग होली डे रिसॉर्ट (इण्डिया) लि0 द्वारा प्रबन्ध निदेशक, स्टर्लिंग होली डे रिसॉर्ट (इण्डिया) लि0-१५३, हल्डाक्स रोड, सेजनमपेट मद्रास-६०००१८.
.................... प्रत्यर्थी/विपक्षी।
समक्ष:-
१.मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य ।
२.मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री आर0के0 गुप्ता विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित :- श्री एस0बी0 श्रीवास्तव विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक : २१-०८-२०१८.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, रामपुर द्वारा परिवाद सं0-१४१/१९९९ में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक ०२-०९-२००२ के विरूद्ध योजित की गयी है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी प्रत्यर्थी को किश्तों में ५२,०००/- रू० का भुगतान करके प्रत्यर्थी की होली डे स्कीम का सदस्य बना। इस स्कीम के तहत परिवादी तथा उसके भाई दीपक कान्त खण्डेलवाल को प्रत्यर्थी द्वारा घोषित होली डे रिसॉर्ट में रूकने की आवश्यकता होने पर प्रत्यर्थी को सूचना देने पर परिवादी को रूकने की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। प्रत्यर्थी ने परिवादी को कस्टुमर नं0-९००७५ आबंटित किया। दिनांक १०-११-१९९८ को परिवादी के भाई दीपक खण्डेलवाल ने प्रत्यर्थी के कर्मचारी को सूचित किया कि दिनांक २९, ३० एवं
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३१ दिसम्बर १९९८ को कारवेट रिसॉर्ट हेतु बुक करा लिया जाये। परिवादी तथा उसके भाई रिजर्वेशन हेतु कन्फर्मेशन का इन्तजार करते रहे लेकिन प्रत्यर्थी की ओर से कोई पत्र किसी का प्राप्त नहीं हुआ। प्रत्यर्थी के सर्विस एजेण्ट का पत्र दिनांकित २८-०१-१९९९ माह फरवरी, १९९९ में परिवादी को प्राप्त हुआ जिसमें परिवादी को सूचित किया गया कि उसका कारवेट में कोई होली डे रिसॉर्ट नहीं है जबकि परिवादी को सदस्य बनाते समय कारवेट में होली डे रिसॉर्ट बताया गया था। अत: प्रत्यर्थी द्वारा सेवा में त्रुटि कारित किया जाना बताते हुए परिवाद जिला मंच के समक्ष योजित किया गया।
प्रत्यर्थी के कथनानुसार परिवादी उपभोक्ता के अन्तर्गत परिभाषित उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता। अत: उपभोक्ता मंच को प्रश्नगत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। उभय पक्ष के मध्य प्रत्यर्थी के रिसॉर्ट में टाइम शेयर खरीदने के लिए अनुबन्ध हुआ था। यह अचल सम्पत्ति है। टाइम शेयर की खरीद सामान की खरीददारी के अन्तर्गत नहीं आती।
विद्वान जिला मंच ने अपीलार्थी/परिवादी को उपभोक्ता न मानते हुए प्रश्नगत निर्णय द्वारा परिवाद निरस्त कर दिया।
इस निर्णय से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गई।
हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 गुप्ता तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री एस0बी0 श्रीवास्तव के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया।
प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि विद्वान जिला मंच ने प्रश्नगत निर्णय में मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा डालमियॉं रिसॉर्ट इण्टरनेशनल बनाम रंजना गुप्ता (१) १९९७ सी0पी0जे0 ६३ (एन.सी.) के मामले में दिए गये निर्णय पर विश्वास व्यक्त किया है। इस निर्णय में मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा अचल सम्पत्ति की, टाइम शेयर की खरीद को, वस्तु न मानते हुए खरीददार को उपभोक्ता नहीं माना। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता यह स्पष्ट नहीं कर सके कि मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा उपरोक्त मामले में दिया गया निर्णय प्रस्तुत प्रकरण के सन्दर्भ में किस प्रकार
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प्रभावी नहीं है।
मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों के आलोक में हमारे विचार से विद्वान जिला मंच ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का उचित परिशीलन करते हुए प्रश्नगत निर्णय पारित किया है। अपील में बल नहीं है। अपील तद्नुसार निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है। जिला मंच, रामपुर द्वारा परिवाद सं0-१४१/१९९९ में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक ०२-०९-२००२ की पुष्टि की जाती है।
इस अपील का व्यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।
पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी) (राज कमल गुप्ता)
पीठासीन सदस्य सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-२.