Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/84/2014

Shri Surendra Pal Singh - Complainant(s)

Versus

Star Health & Allied Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

18 Mar 2017

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/84/2014
 
1. Shri Surendra Pal Singh
R/0 C-62 Jigar Colony Thana Civil Line Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Star Health & Allied Insurance Company Ltd.
Office Mittal Complex In Front Of Spring Field School Delhi Road Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Manju Srivastava MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 18 Mar 2017
Final Order / Judgement

                           दायरे का दिनांक: 10.06.2014

                           दर्ज किये जाने का दिनांक 18.06.2014

                                                               निर्णय का दिनांक 18/03/2017

न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम-।।, मुरादाबाद।

 उपस्थित:-

  1.  श्री पवन कुमार जैन      ....................अध्‍यक्ष।
  2.  श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव    ........ सामान्‍य सदस्‍य।

 

परिवाद संख्‍या- 84/2014

सुरेन्‍द्र पाल सिंह पुत्र बलवीर सिंह निवासी सी-62 जिगर कालोनी थाना सिविल लाईन, मुरादाबाद।                       .......परिवादी।

बनाम

स्‍टार हैल्‍थ एण्‍ड एलाइड इंश्‍योरेंस कं0लि0 शाखा कार्यालय मित्‍तल  काम्‍पलैक्‍स स्प्रिंग फील्‍ड स्‍कूल के सामने दिल्‍ली रोड मुरादाबाद।.विपक्षी।

निर्णय

द्वारा – श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि  विपक्षी से उसे बीमारी में हुऐ खर्च की क्‍लेम राशि अंकन 29,666/- रूपया 21 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 50,000/-रूपया और परिवाद व्‍यय की मद में 10,000/-रूपया  परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने वर्ष 2012 में विपक्षी से एक स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पालिसी कराई थी। यह पालिसी दिनांक 30/11/2012 से 29/12/2013 तक की अवधि के लिए थी। पालिसी के  अधीन 3,00,000/-रूपया तक का मेडिक्‍लेम परिवादी और उसकी पत्‍नी   को अनुमन्‍य था। सीने में अचानक दर्द हो जाने के वजह से दिनांक  20/9/2012 को परिवादी डाक्‍टर नितिन बत्रा के नर्सिंग होम में भर्ती  हुआ। दिनांक 20/12/2012 को परिवादी को विवेकानन्‍द फोर्टिस अस्‍पताल, मुरादाबाद मे भर्ती होना पड़ा जहां से वह दिनांक  21/12/2012 को डिसचार्ज हुआ। बीमारी के दौरान परिवादी की अनेकों चिकित्‍सीय जॉंचे यथा एक्‍स-रे, एन्‍ज्‍योग्राफी इत्‍यादि हुई। फोर्टिस  विवेकानन्‍द अस्‍पताल से डिसचार्ज होने के बाद भी परिवादी का इलाज चलता रहा। बीमारी की सूचना परिवादी ने दिनांक 20/9/2012 को  विपक्षी को दे दी। परिवादी ने चिकित्‍सा पर हुऐ खर्चे के बिल, रसीदें,   रिर्पोटें तथा डिसचार्ज समरी सहित दिनांक 29/4/2013 को विपक्षी के  कार्यालय में 29,666/-रूपये का क्‍लेम प्रस्‍तुत किया। परिवादी के  अनुसार बार-बार चक्‍कर लगाने यहां तक कि इन्‍श्‍योरेंस रेगुलेटरी आथर्टी  को शिकायत प्रेषित करके के बावजूद विपक्षी ने उसका क्‍लेम आवेदन तय नहीं किया और इस प्रकार सेवा प्रदान करने में कमी की। परिवादी  ने उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार  किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ कागज सं0-3/5   प्रस्‍तुत किया। शपथ पत्र के साथ उसने बीमा सर्टिफिकेट, परिवादी  द्वारा क्‍लेम के निस्‍तारण हेतु विपक्षी को लिखे गऐ पत्र दिनांक  27/4/2013, इलाज पर हुऐ खर्चें के बिलों की डिटेल्‍स तथा क्‍लेम फार्म  की नकल दाखिल की, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत  3/12 हैं। परिवादी ने सूची कागज सं0-11/1 के माध्‍यम से इलाज पर   हुऐ बिलों की लिस्‍ट, पालिसी शिड्यूल, चिकित्‍सीय पर्चे जांच रिर्पोटें,  डिसचार्ज समरी इत्‍यादि की नकलों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली  के कागज सं0-11/2 लगायत 11/53 हैं।
  4.   विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/6  दाखिल हुआ जिसमें परिवादी द्वारा परिवाद में उल्लिखित स्‍वास्‍थ्‍य   बीमा पालिसी विपक्षी से लिया जाना और परिवादी द्वारा 29,666/-   रूपया का क्‍लेम प्रसतुत किया जाना तो स्‍वीकार किया गया है, किन्‍तु   शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया। अग्रेत्‍तर कथन किया गया   कि पालिसी की शर्तों के अनुसार परिवादी को रू0 16,473 = 02 पैसा का क्‍लेम देय पाया गया जिसे उत्‍तरदाता विपक्षी परिवादी को अदा  करने के लिए तैयार है। उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद को खारिज   किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  5.   प्रतिवाद पत्र के साथ पालिसी की शर्तों की फोटो प्रति कागज  सं0-12/7 बतौर संलग्‍नक दाखिल की गई।  
  6.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-13/1 लगायत  13/3 दाखिल किया। परिवादी के समर्थन में विपक्षी बीमा कम्‍पनी के  एजेन्‍ट श्री जितेन्‍द्र सिंह ने अपना शपथ पत्र दाखिल किया। विपक्षी की ओर से उनके शाखा प्रबन्‍धक श्री महेन्‍द्र सिंह ने अपना शपथ पत्र बतौर साक्ष्‍य प्रस्‍तुत किया।
  7.   परिवादी ने लिखित बहस कागज सं0-20/1 लगायत 20/3  दाखिल की। विपक्षी की और से लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
  8.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना  और पत्रावली का अवलोकन किया।
  9.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि उसका क्‍लेम  29,666/- रूपया का था, किन्‍तु विपक्षी मात्र रू0 16,473 = 02 पैसा देने की बात कह रहे हैं जो परिवादी को स्‍वीकार नहीं है। परिवादी की  ओर से यह भी कहा गया कि जब विपक्षी के एजेन्‍ट ने परिवादी का  बीमा किया था तो उसे पालिसी की शर्तों के बारे में उसने कुछ नहीं बताया था जिसकी पुष्टि परिवादी का बीमा करने वाले एजेन्‍ट श्री जितेन्‍द्र सिंह ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-44/1 में की है। परिवादी की ओर से परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार  किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  10.   प्रत्‍युत्‍तर में बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है   कि विपक्षी के एजेन्‍ट श्री जितेन्‍द्र सिंह ने विपक्षी कम्‍पनी को छोड़  दिया है उसने परिवादी को अनुचित लाभ पहुँचाने के उद्देश्‍य से अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र में यह असत्‍य कथन किऐ हैं कि पालिसी करते समय   परिवादी को पालिसी की शर्तें न तो  बताई गई और न ही उपलब्‍ध कराई गई। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि  पालिसी की शर्ते पक्षकारों पर बाध्‍यकारी हैं अत: ऐसी धनराशि परिवादी को नहीं दिलाई जा सकती जो शर्तों के अधीन नहीं आती। उन्‍होंने शर्तों के अधीन रू0 16,473 = 02 पैसा की देयता स्‍वीकार करते हुऐ कहा   कि विपक्षी यह धनराशि परिवादी को अदा करने के लिए तैयार है।
  11.   हम इस बात से सहमत हैं कि पालिसी की शर्तें जो प्रत्रावली के  कागज सं0-12/7 पर दृष्‍टव्‍य हैं दोनों पक्षों पर बाध्‍यकारी हैं। परिवादी  यह नहीं दर्शा पाऐ कि विपक्षी द्वारा आंकलित रू0 16,473 = 02 पैसा की देयता  की गणना में कौन सी त्रुटि विपक्षी ने की है ऐसी दशा में I (2016) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-555, यूनाईटेड इण्डिया इंश्‍योरेंस कम्‍पनी  लिमिटेड बनाम राज कुमार के मामले में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा दी गई व्‍यवस्‍थानुसार परिवादी द्वारा परिवाद में मांगे गऐ अनुतोष परिवादी को विधानत: नहीं दिलाऐ जा  सकते। हमारे विनम्र अभिमत में पालिसी की शर्तों के अनुसार परिवादी  को रू0 16,473 = 02 पैसा की देयता बनती है जो 9 प्रतिशत वार्षिक  ब्‍याज सहित परिवादी को विपक्षी से दिलाई जाना न्‍यायोचित होगा। क्षतिपूर्ति की मद में 1500/- (एक हजार पाँच सौ रूपया) और परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) परिवादी को विपक्षी से अतिरिक्‍त   दिलाया जाना भी युक्तियुक्‍त दिखाई देता है। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार  होने योग्‍य है।    
  12.  

  परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित रू0 16,473 = 02 पैसा (रू0 सोलह हजारचार सौ तिहत्‍तर दो पैसा) की वसूली हेतु यह परिवाद विपक्षी विरूद्ध परिवादी के पक्ष में स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी से परिवादी क्षतिपूर्ति की मद में 1500/- (एक हजार पाँच सौ रूपया) और परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया)  अतिरिक्‍त पाने की भी अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार समस्‍त  धनराशि का भुगतान दो माह में किया जाय।

 

 

  •    

                     

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 18.03.2017 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

                      

  •  

         

                                       (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)            (पवन कुमार जैन)

 

                                           सामान्‍य सदस्‍य                     अध्‍यक्ष

  •  

                                             18.03.2017                     18.03.2017

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता फोरम-।। मुरादाबाद।

 

सुरेन्‍द्र पाल सिंह  बनाम  स्‍टार हैल्‍थ एण्‍ड एलाइड इंश्‍योरेंस कं0 लि0

 

परिवाद सं0-84/2014

 

  1.      निर्णय घोषित किया गया। आदेश हुआ कि ‘’ परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित रू0 16,473 = 02 पैसा (रू0 सोलह हजारचार  सौ  तिहत्‍तर दो  पैसा ) की वसूली हेतु यह परिवाद विपक्षी विरूद्ध परिवादी के पक्ष में स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी से परिवादी क्षतिपूर्ति की मद में 1500/- (एक हजार पाँच सौ रूपया) और परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया)  अतिरिक्‍त पाने की भी अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार समस्‍त  धनराशि का भुगतान दो माह में किया जाय।

 

 

  •    

            सामान्‍य सदस्‍य                  अध्‍यक्ष

  •  

            18.03.2017                  18.03.2017

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Manju Srivastava]
MEMBER

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