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PARMANAND POKHARWAL filed a consumer case on 27 May 2014 against STAR HEALTH & ALLIED INSURANCE CO. LTD. in the Jaipur-I Consumer Court. The case no is 1113/2012 and the judgment uploaded on 22 May 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 1113/2012
परमानन्द पोखरवाल पुत्र श्री कन्हैया लाल पोखरवाल, आयु 37 वर्ष, जाति हिन्दु, निवासी मकान नं. 29-बी, अशोकपुरा, न्यू सांगानेर रोड़, सोड़ाला, जयपुर 302019
परिवादी
ं बनाम
1. स्टार हेल्थ एण्ड एलाईड इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, एरिया आॅफिस एस-8, द्वितीय माला, जगदम्बा टाॅवर, आम्रपाली सर्किल, वैशाली नगर, जयपुर 302021 जरिए मैनेजर/एरिया मैनेजर Û
2. स्टार हेल्थ एण्ड एलाईड इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, के आर एम सेंटर, छठा माला नंबर 2, हैरिंगटन रोड़, चेटपेट (बीमजचमजद्धए चैन्नई 600031 जरिए मैनेजिंग डायरेक्टर/निर्देशक Û
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री अरूण जैन - परिवादी
श्री शिव बी जोशी - विपक्षी कम्पनी
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 17.09.12
आदेश दिनांक: 24.02.2015
परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी सॅख्या 1 से एक मेडी क्लासिक हैल्थ इंश्योरेंस पाॅलिसी ली थी जो 2,00,000/- रूपए के लिए तथा दिनांक 30.07.2011 से 29.07.2012 तक की अवधि के लिए थी । अप्रेल 2012 के प्रथम सप्ताह के प्रारम्भ में परिवादी को पेशाब करते समय जलन एवं सिहरन सी महसूस हुई जिस पर दिनांक 20.04.2012 को मनु हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर में डाॅ0 रवि अग्रवाल को दिखाया व जांच के 1630/- रूपए जमा करवाए तथा उसी दिन अस्पताल में भर्ती हो गया और 10,000/- रूपए 21.04.2012 एवं 5100/- रूपए 22.04.2012 को जमा करवाए। परिवादी का कथन है कि उसने दिनांक 27.04.2012 को पुन: मनु हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर में दिखाया तथा डाॅक्टर के निर्देशानुसार दवाइयां ली । ईलाज, आॅपरेशन, दवाइयों आदि के मद में परिवादी के लगभग 26700/- रूपए खर्चा आया जो समस्त चार्जेज परिवादी द्वारा अदा किए गए । विपक्षी बीमा कम्पनी निर्धारित क्लेम फार्म भरकर समस्त मूल दस्तावेजात के साथ विपक्षी को उपलब्ध करवाया गया परन्तु विपक्षी द्वारा क्लेम राशि का भुगतान नहीं किया गया और दिनांक 05.06.2012 के पत्र से परिवादी का क्लेम रेप्यूडियेट कर दिया गया । इस प्रकार विपक्षीगण ने क्लेम खारिज करअनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस अपनाई है जिससे परिवादी के अनुसार उसे अत्यन्त शारीरिक, मानसिक संताप हुआ है । परिवादी ने ईलाज में खर्च हुई कुल राशि 26700/- रूपए ब्याज सहित, मानसिक संताप के लिए 50,000/- रूपए, अधिवक्ता फीस के 15000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षी कम्पनी की ओर से प्रारम्भिक आपत्तियां उठाते हुए परिवाद का मदवार जवाब प्रस्तुत किया गया है । विपक्षी का मुख्य रूप से कथन है कि परिवादी को बीमारी प्रश्नगत मेडिक्लेम पाॅलिसी लेने से पूर्व से ही विद्यमान थी तथा परिवादी की बीमारी को प्री-एक्जीसटिंग डिजीज माना है तथा पाॅलिसी की श्र्तो एवं एक्सक्लूजन सॅंख्या 1 के अनुसार विपक्षी कम्पनी प्री-एक्जीसटिंग डिजीज के लिए कोई भी भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है और ऐसी स्थिति में परिवादी का क्लेम खारिज कर कोई सेवादेाष नहीं किया गया है । विपक्षी की ओर से परिवाद खारिज किए जाने का निवेदन किया गया है ।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई । विपक्षी को अवसर दिए जाने के बावजूद कोई तर्क प्रस्तुत नहीं किए गए है । अत: विपक्षी द्वारा पेश जवाब परिवाद व शपथ-पत्र तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
इस प्रकरण में परिवादी का मेडिक्लेम दावा विपक्षी बीमा कम्पनी ने इस आधार पर निरस्त कर दिया कि परिवादी ने जिस बीमारी का इलाज करवाया वह बीमारी उसे पाॅलिसी लेने से पूर्व से ही थी जिसको उसने जाहिर नहीं किया था । विपक्षी ने इसका आधार यह बताया है कि उनकी जो विशेषज्ञ पैनल थी उन चिकित्सकों ने यह राय जाहिर की थी कि परिवादी पूर्व से ही बीमारी से ग्रेसित था । परिवादी ने स्वयं को भ्मउवततींहपबए क्पेनतपंए भ्मउंजनतपं आदि बीमारी से ग्रेसित होना बताया है तथा कहा है कि उसके पेशाब की नली में घाव होने की बीमारी हो गई थी जिसके लिए वह मनु अस्पताल में भर्ती हुआ था तथा जो तकलीफा उसे हुई सर्वप्रथम अप्रेल 2012 के प्रथम सप्ताह में पता लगी थी जिस पर उसने 20.04.2012 को उस समस्या के लिए मनु हाॅस्पिटल के डाॅ0 रवि अग्रवाल से सम्पर्क किया तथा वहीं उसका इलाज चला । यह एक ऐसी बीमारी है जो तकलीफा होने पर ही पता लग सकती थी और तकलीफ होना सर्वप्रथम अप्रेल 2012 में परिवादी द्वारा जाहिर किया गया जबकि बीमा पाॅलिसी इससे काफी पूर्व ली गई थी । उक्त बीमारी बीमा पाॅलिसी लेने से पूर्व से होने का आधार विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा अपने किन्हीं विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के अवलोकन के आधार पर होना बताया है । ऐसी किसी विशेषज्ञ मेडिकल टीम की कोई रिपोर्ट विपक्षी ने साक्ष्यगत नहीं करवाई है और ना करवाने का कोई कारण भी नहीं बताया है और किसी विशेषज्ञ या चिकित्सा बोर्ड द्वारा पाॅलिसी लेने से पूर्व बीमारी होना नहीं कहा गया है ना ही किसी चिकित्सक का इस सम्बन्ध में कोई शपथ-पत्र पेश किया गया है । इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा पाॅलिसी जारी करने से पूर्व बीमाधारी की चिकित्सकीय जांच करने का दायित्व विपक्षी बीमा कम्पनी पर होता है लेकिन विपक्षी बीमा कम्पनी ने ऐसी कोई चिकित्सकीय जांच करवाने का तथ्य नहीं कहा है ।
अत: समस्त विवेचन के आधार पर यही निष्कर्ष निकलता है कि परिवादी का चिकित्सा बीमा दावा विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा किसी उचित आधार पर खारिज न कर के सेवादोष कारित किया है जिससे स्वभाविक है कि परिवादी को आर्थिक हानि उठानी पड़ी एवं मानसिक संताप झेलना पड़ा है ।
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि विपक्षी बीमा कम्पनी आज से एक माह की अवधि मंे परिवादी को उसके द्वारा व्यय किया गया खर्चा 26700/- रूपए अक्षरे छब्बीस हजार सात सौ रूपए अदा करेगी तथा इस राशि पर दिनांक 20.04.2012 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज का भुगतान करेगी । इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेगा। आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे अन्यथा परिवादी उक्त क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय की राशि पर भी आदेश दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।
निर्णय आज दिनांक 24.02.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (राकेश कुमार माथुर)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
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