मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0 लखनऊ
अपील संख्या 1974 सन 2023
मैनेजर डी एम आई फाइनेन्स प्रा0 लि0 ........अपीलार्थी
-बनाम-
श्रीमती शारदा व अन्य .................प्रत्यर्थी
समक्ष
मा० न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
मा0 श्रीमती सुधा उपध्याय, सदस्य
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री दिव्य कुमार श्रीवास्तव
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - कोई नहीं
दिनांक – 19.02.2024
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उद्घोषित
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता आयोग, बागपत द्वारा परिवाद संख्या 08 सन 2022 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.10.2023 के विरुद योजित की गयी है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी का कथन है कि उसने विपक्षी संख्या-02 से दिनांक 16.09.2020 को सैमसंग कम्पनी का मोबाइल मॉडल नं0 ए 21/64 अंकन 14,999.00 रूपये विपक्षी संख्या-02 से ऋण लेकर क्रय किया था। परिवादी को 8 किश्तों का भुगतान करना था। परिवादी का ऋण खाता संख्या- 0008751475 था। परिवादी ने अंकन 7,503.00 का नकद डाउन पेमेन्ट जमा किया था। परिवादी ने चार किश्ते विपक्षी संख्या-01 के यहॉ पे टी एम के माध्यम से जमा कराई। विपक्षी ने 11 बार में कुल अंकन 44339.00 रूपये काट लिया तथा मोबाइल फोन को भी अनलाक कर दिया गया।
विपक्षी ने वादोत्तर में कहा है कि परिवादी को अंकन 8,424.00 रूपये का ऋण दिया गया था जिसका भुगतान 08 किश्तों में अदा होना था। किश्त का भुगतान न करने के कारण अंकन 300.00 विलम्ब फीस काटा गया था। परिवादी के खाते में पर्याप्त धन न होने के कारण चेक अनादृत कर दिया गया।
विद्वान जिला आयोग ने उभय पक्ष के साक्ष्य एवं अभिवचनों के आधार पर परिवादी के परिवाद को विपक्षी संख्या-01 के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार करते हुये परिवादी को 03 किश्तों की धनराशि अंकन 3,159.00 तथा फोन अनलॉक करने के चार्जिज अंकन 2,115.00 रूपये, तथा बैंक द्धारा खातें से चार्ज की गयी अतिरिक्त धनराशि अंकन 4,339.00 रूपये, मानसिक क्षति अंकन 5,000.00 एवं वाद व्यय अंकन 5,000.00 रूपये कुल अंकन 19,613.00 रूपये तीस दिन के अंदर अदा करने का निर्देश दिया है। धनराशि की अदायगी न करने पर विपक्षी द्धारा परिवादी को 09 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया जायेगा।
उक्त निर्णय एवं आदेश से क्षुब्ध होकर अपील प्रस्तुत की गयी हैं।
हमारे द्वारा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों का परिशीलन किया तथा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया ।
अपीलार्थी द्धारा अपील में कथन किया गया है कि जिला मंच द्धारा पारित निर्णय/आदेश में तथ्यों को सही रूप से विश्लेषित नहीं किया गया है।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुनने तथा समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त हम इस मत के है कि विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा समस्त तथ्यों का सम्यक अवलोकन/ परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, जो विधि सम्मत है। प्रश्नगत आदेश में अपीलार्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध जो
क्षतिपूर्ति अंकन 5,000.00 रूपये तथा वाद व्यय अंकन 5,000.00 की देयता निर्धारित की गई है, वह अधिक है। क्षतिपूर्ति अंकन 5,000.00 रूपये के स्थान पर अंकन 2,000.00 तथा वाद व्यय अंकन 5,000.00 के स्थान पर अंकन 2,000.00 रूपये में परिवर्तित किया जाना उचित पाया जाता है। तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला आयोग द्धारा पारित निर्णय/आदेश में क्षतिपूर्ति अंकन 5,000.00 रूपये के स्थान पर अंकन 2,000.00 तथा वाद व्यय अंकन 5,000.00 के स्थान पर अंकन 2,000.00 रूपये में परिवर्तित किया जाता है। शेष निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुधा उपाध्याय)
अध्यक्ष सदस्य
रंजीत पी0ए0
(कोर्ट नं0-1)