Uttar Pradesh

StateCommission

A/1059/2019

Universal Sompo General Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Sri Shiv Kumar - Opp.Party(s)

Dinesh Kumar

19 Jan 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1059/2019
( Date of Filing : 03 Sep 2019 )
(Arisen out of Order Dated 25/07/2019 in Case No. C/79/2017 of District Mahoba)
 
1. Universal Sompo General Insurance Co. Ltd
REgistered Office Unit No. 401 4th Floor Sangam Complex 127 Andheri Kurla Road Andheri (East) Mumbai its manager
...........Appellant(s)
Versus
1. Sri Shiv Kumar
S/O Shri Durjan R/O Village Gahrauli Tehsil Modaha Distt. Mahoba U.P.
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Jan 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्‍तर प्रदेश, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-1059/2019

(जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, महोबा द्धारा परिवाद सं0-79/2017 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 25-07-2019 के विरूद्ध)

यूनिवर्सल सोम्‍पो जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0, 401, चतुर्थ तल, सालीमार लाजिक्‍स, 04 राणाप्रताप मार्ग, लखनऊ, रजिस्‍टर्ड कार्यालय यूनिवर्सल सोम्‍पो जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0, यूनिट नं0-401, चतुर्थ तल, संगम कॉम्‍प्‍लेक्‍स, 127 अँधेरी कुर्ला रोड, अँधेरी (ईस्‍ट), मुम्‍बई द्वारा प्रबन्‍धक।                           ........... अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1.   

बनाम      

1. श्री शिव कुमार पुत्र श्री दुर्जन निवासी, ग्राम - गहरौली, तहसील – मौदहा, जिला हमीरपुर, उ0प्र0।                                       …….. प्रत्‍यर्थी/परिवादी।  

2. इलाहाबाद बैंक, इमलिया, ग्राम व पोस्‍ट – इमलिया, जिला हमीरपुर, यू0पी0 द्वारा ब्रान्‍च मैनेजर।

3. इलाहाबाद बैंक, ब्रान्‍च महोबा, जिला महोबा, यू0पी0 द्वारा ब्रान्‍च मैनेजर।

…….. प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2 व 3.  

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री दिनेश कुमार विद्वान अधिवक्‍ता के कनिष्‍ठ सहायक अधिवक्‍ता श्री आनन्‍द भार्गव।  

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित :- श्री सुशील कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्‍ता के              

                                 कनिष्‍ठ सहायक अधिवक्‍ता श्री नन्‍द कुमार।

प्रत्‍यर्थी सं0-2 व 3 की ओर से उपस्थित :- श्री साकेत श्रीवास्‍तव विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक :- 19-01-2023.

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, महोबा द्धारा परिवाद सं0-79/2017 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 25-07-2019 के विरूद्ध योजित की गई है।

प्रस्‍तुत अपील विलम्‍ब से प्रस्‍तुत की गई है। विलम्‍ब देरी क्षमा प्रार्थना पत्र अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी की ओर से मय शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया है। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से विलम्‍ब देरी क्षमा प्रार्थना पत्र के विरूद्ध कोई आपत्ति प्रस्‍तुत नहीं की गई है। विलम्‍ब देरी क्षमा प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्‍तुत शपथ पत्र में अपील योजित किए जाने में

 

-2-

हुए विलम्‍ब का स्‍पष्‍टीकरण पर्याप्‍त एवं उपयुक्‍त पाया जाता है। तदनुसार अपील प्रस्‍तुत किए जाने में हुआ विलम्‍ब क्षमा किया जाता है। 

वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी अपने निवास स्‍थान में एक कमरे में किराना आटो पार्ट्स एवं पंचर की दुकान चलाता था। परिवादी ने विपक्षी सं0-2 इलाहाबाद बैंक, इमलिया, ग्राम व पोस्‍ट – इमलिया, जिला हमीरपुर से 03.00 लाख रू0 कैश क्रैडिट लिमिट के अन्‍तर्गत ऋण लिया जिसका ऋण खाता सं0-5029798548 है। परिवादी व विपक्षी सं0-2 के मध्‍य अनुबन्‍ध हस्‍ताक्षरित हुआ। परिवादी अपनी दुकान में 4 – 5 लाख रू0 की कीमत का स्‍टाक रखता था। दिनांक 27/28-03-2017 को करीब 12 – 1 बजे रात्रि में अचानक परिवादी की दुकान व रिहायसी मकान में भीषण आग लग गई जिस कारण दुकान में रखा सम्‍पूर्ण पसरट का सामान व आटो पार्ट्स जलकर नष्‍ट हो गए। घटना की सूचना तत्‍काल परिवादी द्वारा अगले दिन सुबह 9.30 बजे थाना मुस्‍करा में दी गई। घटना की सूचना विपक्षी सं0-2 बैंक को भी दी गई। विपक्षी सं0-2 से परिवादी की दुकान का सामान वित्‍त पोषित था और अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी से उसका बीमा 03.00 लाख रू0 का कराया गया जो दिनांक 21-09-2016 से 20-09-2017 तक वैध था। बीमा दावा बीमा कम्‍पनी को प्रस्‍तुत किया गया। तब विपक्षी सं0-1 बीमा कम्‍पनी से मैसेज आया कि परिवादी का क्‍लेम स्‍वीकृत करके 38,535/- रू0 का चेक प्रेषित किया जा रहा है जिस पर परिवादी ने आपत्ति करते हुए सम्‍पूर्ण बीमित क्‍लेम राशि 03.00 लाख रू0 की मांग की परन्‍तु अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने परिवादी की सहमति के बिना उक्‍त धनराशि परिवादी के बैंक खाते में ट्रान्‍सफर कर दिए। परिवादी ने बीमा क्‍लेम की शेष राशि के लिए मांग की परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। तब विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

विपक्षी सं0-1/अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा अपने प्रतिवाद पत्र में विद्वान जिला आयोग के सम्‍मुख कथन किया गया कि परिवादी और विपक्षी सं0-2 के मध्‍य क्‍या अनुबंध हुआ इसकी जानकारी विपक्षी को नहीं है। परिवादी के मकान में आग लगने की सूचना विपक्षी के कार्यालय में तुरन्‍त नहीं दी गई और विलम्‍ब से दी गई। जांच कराने पर सर्वेयर रिपोर्ट में 38,535/- रू0 की क्षति पाई गई जो परिवादी के बैंक खाते में जमा किया गया। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई।

-3-

विपक्षी सं0-3 द्वारा अपने प्रतिवाद पत्र में कथन किया गया कि परिवादी ग्राम गहरौली जिला हमीरपुर का निवासी है तथा परिवादी की दुकान का बीमा भी विपक्षी सं0- 2 बैंक द्वारा कराया गया वह भी जनपद हमीरपुर में स्थित है। परिवादी का विपक्षी सं0-3 से कोई वास्‍ता सरोकार नहीं है।

विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एक पक्षीय रूप से विद्वान जिला आयोग द्वारा संचालित की गई।

विद्वान जिला आयोग ने प्रलेखीय साक्ष्‍यों के आधार पर अपने निष्‍कर्ष में यह पाया कि राजस्‍व विभाग हमीरपुर द्वारा अपनी आख्‍या दिनांक 29-03-2017 के अनुसार परिवादी की दुकान में लगी आग से हुई क्षति के बाबत् 2,98,000/- रू0 का आंकलन किया गया जबकि विपक्षी बीमा कम्‍पनी के सर्वेयर की आख्‍या दिनांक 05-04-2017 की है। तदनुसार उभय पक्ष द्वारा प्रस्‍तुत प्रलेखीय साक्ष्‍यों एवं पक्षकारों के कथनों/अभिकथनों के आधार पर विस्‍तार से विचार करते हुए विद्वान जिला आयोग द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया :-

‘’ परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध प्रस्‍तुत यह उपभोक्‍ता परिवाद विपक्षी सं0-1 बीमा कम्‍पनी के विरूद्ध गुणदोष के आधार पर आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से एवं विपक्षी सं0-3 के विरूद्ध गुणदोष पर खारिज किया जाता है।

विपक्षी सं0-1 बीमा कम्‍पनी को ओदशित किया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्‍दर परिवादी को उसकी शॉपकीपर पैकेज पालिसी के तहत बीमित दुकान में लगी आग से हुई क्षति की अवशेष धनराशि मु0 2,59,465/- रू0 (दो लाख उनसठ हजार चार सौ पैंसठ रू0) परिवाद प्रस्‍तुत किये जाने की तिथि 16.08.2017 से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज सहित अदा करे। उपरोक्‍त अवधि में विपक्षी सं0-1 बीमा कम्‍पनी द्वारा परिवादी को मानसिक संताप के मद में मु0 3,000/- रू0 (तीन हजार रू0) तथा वाद व्‍यय के मद में मु0 2,000/- रू0 (दो हजार रू0) भी इस जिला उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष अदा किया जाय।‘’

उक्‍त निर्णय से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत अपील योजित की गई। 

 

 

-4-

मेरे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण त्रय उपरोक्‍त को विस्‍तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक परिशीलन व परीक्षण किया गया।

अपील की सुनवाई के दौरान् अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि बीमा कम्‍पनी को आग लगने की घटना की सूचना तुरन्‍त नहीं दी गई। सर्वेयर द्वारा क्षति के किए गए आंकलन के आधार पर भुगतान किया जा चुका है।

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण द्वय को विस्‍तार से सुनने के पश्‍चात् एवं जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश के अन्‍तर्गत राजस्‍व विभाग द्वारा कथित आग लगने की घटना में हुई क्षति के आंकलन के विरूद्ध बीमा कम्‍पनी द्वारा कोई खण्‍डन न किए जाने के परिणामस्‍वरूप मेरे द्वारा यह पाया गया कि विद्वान जिला आयोग द्वारा निर्णय में दिए गए अपने निष्‍कर्ष में जो तथ्‍य उल्लिखित किए गए हैं, उन तथ्‍यों के सम्‍बन्‍ध में किसी प्रकार का अन्‍यथा तथ्‍य अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा उल्लिखित नहीं पाया जाता है।

उपरोक्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए जिला आयोग के उपरोक्‍त निर्णय व आदेश में मेरे विचार से किसी प्रकार की न तो कोई विधिक त्रुटि है और न ही इंगित की जा सकी है अत्एव विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश पूर्णत: विधि अनुकूल है और उसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है। 

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                                                (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                 

                                                   अध्‍यक्ष                               

                                   

प्रमोद कुमार,

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1, 

कोर्ट नं0-1. 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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