राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(सुरक्षित)
अपील सं0 :- 821/2012
(जिला उपभोक्ता आयोग, कौशाम्बी द्वारा परिवाद सं0- 51/2011 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27/02/2012 के विरूद्ध)
Daya Shankar Pandey, Son of Kade Deen Pandey, Resident of Village-Mujeri, Post Baisiyara, Tehsil-Kunda, District Pratapgarh.
- Appellant
Versus
- M/S Sai Kripa Cold Storage & Ice Factory, Dhanni, G.T. Road, Mooratganj, present address Naya Bazar, Bharwari, District kaushambhi.
- Shekhar Rastogi, (Manager) M/S Sai Kripa Cold Storage & Ice Factory, Dhanni, G.T. Road Mooratganj, present Address Naya Bazar, Bharwari, District Kaushambhi.
समक्ष
- मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
- मा0 डा0 आभा गुप्ता, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री योगेन्द्र कुमार तिवारी
प्रत्यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री विकास अग्रवाल
दिनांक:-26-05-2022
माननीय डा0 आभा गुप्ता, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता आयोग, कौशाम्बी द्वारा परिवाद सं0- 51/2011 दयाशंकर पाण्डेय बनाम शेखर रस्तोगी व अन्य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27/02/2012 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
यह अपील जिला फोरम कौशाम्बी के आदेश दिनांक 27.02.2012 के विरूद्ध इस आशय से प्रस्तुत की गयी है कि जिला उपभोक्ता आयोग, कौशाम्बी द्वारा गलत निष्कर्ष निकालकर आदेश पारित किया गया और सभी दृष्टिकोण से देखकर निर्णय नहीं दिया गया है। अपीलार्थी द्वारा कुल 256 बोरी आलू मेसर्स साईं कृपा कोल्ड स्टोरेज एवं आईस फैक्ट्ररी धन्नी जी0टी0 रोड़, मूरतगंज कौशाम्बी के यहां रखी गयी थी, जिसका वजन लगभग 55 किलो प्रति बोरी के हिसाब से 135 कुंतल था। बिना अपीलार्थी के अनुमति के प्रतिपक्षी द्वारा जब आलू का बाजार भाव बहुत गिरा हुआ था, मनमाने ढंग से आलू को बेच दिया और धनराशि को अपने पास रख लिया और अपीलार्थी जब इस संबंध में पूछने गया तो कोल्ड स्टोरेज के द्वारा यह बताया गया कि आलू के भाव बहुत गिर गये थे और उससे किराया तक नहीं निकल पा रहा था इसलिए आलू को बेच दिया। इस प्रकार से अपीलार्थी को करीब 60,000/- रूपये का नुकसान हुआ और नोटिस इत्यादि भेजने पर प्रत्यर्थी के द्वारा न तो कोई जवाब दिया गया और न ही धनराशि ही वापस की गयी।
विपक्षी के द्वारा कहा गया कि अपील गलत तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत की गयी है। अत: निरस्त किया जाये। क्योंकि चुपचाप कोई भी व्यक्ति रखे हुए आलू को बेच नहीं सकता। आलू को स्टोरेज से निकालने के लिए रखे जाने की मूल आमद रसीद और आलू ले जाते समय जो गेट पास जारी किया जाता है उनकी आवश्यकता होती है। बिना इस प्रक्रिया के कोई भी व्यक्ति आलू निकाल नहीं सकता। अत: जिला उपभोक्ता कौशाम्बी के निर्णय दिनांकित 27.02.2012 के द्वारा यह निष्कर्ष निकाला गया कि आलू की कीमत का कोई भी विवरण नहीं दिया गया अत: आलू विक्रय के समय की कीमत लगाया जाना संभव नहीं है और परिवाद चलने योग्य नहीं है।
उभय पक्ष के विद्धान अधिवक्ताओं को तर्क वितर्क को सुना गया और पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेख का अवलोकन किया गया।
हमारे द्वारा पत्रावली का परिशीलन करने के पश्चात हमारा मत है कि अवर न्यायालय के द्वारा जो आदेश पारित किया गया है वह ठीक है, उसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है, परंतु आलू की कीमत न लगाये जाने के आधार पर परिवाद निरस्त न कर इस आधार पर किया जाना उचित होता कि कोल्ड स्टोरेज की प्रक्रिया के अनुसार आलू को बेच पाना संभव नहीं था और परिवादी अपना आलू स्वयं ले गया था, जो जारी गेट पास से स्पष्ट है। अत: अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है जिला उपभोक्ता फोरम वाराणसी द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27.02.2012 की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना अपना व्यय स्वयं वहन करेगें।
इस निर्णय की प्रति नियमानुसार पक्षकारों को उपलब्ध करा दी जाए ।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह यथाशीघ्र इस निर्णय को अपलोड कर दें ।
(विकास सक्सेना) (डा0 आभा गुप्ता )
सदस्य सदस्य
संदीप, आशु0 कोर्ट नं0 3