(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2431/2011
M/S Mishra Cold Storage Through its Manager
Versus
Sriram S/O Mittu res. vill. Kuhawa, Post-karanpur
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री ए0के0 मिश्रा, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :16.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-10/2009, श्रीराम बनाम प्रबंधक मिश्रा कोल्ड स्टोरेज में विद्वान जिला आयोग, गोरखपुर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 09.11.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने अपीलार्थी के शीतगृह में रखा गया आलू परिवादी को वापस नहीं लौटाने पर अंकन 25,200/-रू0 के भुगतान का आदेश 06 प्रतिशत ब्याज के साथ दिया है।
3. इस निर्णय/आदेश के विरूद्ध बहस करते समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा परिवादी के आलू शीतगृह में रखने से इंकार नहीं किया गया है तथा इस तथ्य से भी इंकार नहीं है कि परिवादी को कभी भी आलू नहीं लौटाया गया। उनका केवल यह तर्क है कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अत्यधिक उच्च दर से आलू की कीमत का निर्धारण किया गया है, इसलिए केवल समुचित कीमत निर्धारण की सीमा तक अपील पर बल दिया गया है। परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी द्वारा 34 कुंतल आलू शीतगृह में रखा गया था, जिसकी अनुमानित मूल्य 32,000/-रू0 बताया गया था। जिला उपभोक्ता आयोग ने आलू की कीमत में से 6,800/-रू0 किराया काटते हुए शेष 25,200/-रू0 अदा करने का आदेश दिया है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा वही कीमत स्वीकार की गयी है, जो परिवादी द्वारा बतायी गयी है। तत्समय प्रचलित दर पर अपना कोई स्वतंत्र निष्कर्ष नहीं दिया गया है।
4. सचिव कृषि उत्पादन मण्डी समिति के प्रमाण पत्र की प्रति पेपर सं0 24 पर मौजूद है, जिसके अवलोकन से ज्ञात होता है कि तत्समय आलू का रेट वह नहीं था, जो परिवादी द्वारा बताया गया, इसलिए इस आयोग के समक्ष अंकन 14,000/-रू0 की राशि जमा की गयी है, इसी राशि की सीमा तक क्षतिपूर्ति का आदेश पारित करना उचित होगा। यह राशि तुरंत जिला उपभोक्ता आयोग को वापस की जाए और परिवादी को आयोग द्वारा ब्याज सहित उपलब्ध करा दी जाए।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा आदेशित धनराशि अंकन 25,200/-रू0 के स्थान पर इस आयोग में जमा धनराशि अंकन 14,000/-रू0 मय ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को इस निर्देश के साथ वापस की जाती है कि वह यह धनराशि परिवादी को अदा करे। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2