समक्षः- जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम बागपत।
परिवाद संख्याः-196 सन् 2013
उपस्थितः-1-श्री राजेन्द्र सिंह अध्यक्ष
2-श्रीमति राकेश तोमर सदस्या
3-श्रीमति विमलेश यादव सदस्या
बलबीर पुत्र श्री टीकम सिंह निवासी गायत्रीपुरम, बागपत तहसील व जिला बागपत। परिवादी,
बनाम्
1-श्री राम इन्टरप्राईजेज, बड़ौत रोड़, बागपत पिन कोड नम्बर 250609।
2-प्रबंधक, एम.टेक पाॅवर, डी-07 उघोग नगर रोहतक रोड़, नई दिल्ली। विपक्षीगण,
द्वारा राजेन्द्र सिंह अध्यक्ष,
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी से पुरानी बैटरी बदलकर नई बैटरी प्राप्त करने हेतु व 50,000/-रूपये आार्थिक मानसिक शारीरिक एवं सामाजिक क्षति के रूप में प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत किया है।
परिवादी का कथन संक्षेप में निम्न प्रकार हैः-
परिवादी द्वारा दिनांक 25-01-2012 को विपक्षी संख्या 1 से एक बैटरी यू0पी0एस0ई0बी02300 एस0आर0नम्बर 6715112340 खरीदी थी। उक्त बैटरी की दो वर्ष की गारण्टी थी। बैटरी दिनांक 12-10-2013 को पूर्ण रूप से खराब हो गयी तथा बैटरी ने काम करना बन्द कर दिया। परिवादी ने इसकी तत्काल सूचना विपक्षी संख्या 1 को दी तो विपक्षी संख्या 1 ने बैटरी मंगा ली और परिवादी से कहा कि बैटरी कम्पनी को भेज रहा हूॅ वहाॅ से बदल कर आयेगी। परिवादी को आज तक बैटरी बदलकर नही दी गयी जिससे परिवादी को अत्यधिक आर्थिक मानसिक शारीरिक एवं सामाजिक क्षति हुई है जिसकी पूर्ण रूप से जिम्मेदारी विपक्षीगण की है। विपक्षी संख्या 1 विपक्षी संख्या 2 का अधिकृत प्रतिनिधि है तथा बैटरी विपक्षी संख्या 2 कम्पनी के द्वारा निर्मित है। विपक्षीगण की बैटरी बदलने की जिम्मेदारी है और इसी आधार पर परिवादी ने पुरानी बैटरी के स्थान पर नई बैटरी व 50,000 हजार रूपये मानसिक क्षति के रूप में विपक्षी से प्राप्त करने की प्रार्थना की है।
विपक्षी संख्या 1 ने परिवाद पत्र के अधिकांश कथनों को अस्वीकार करते हुए प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया।
विपक्षी संख्या 1 का कथन संक्षेप में निम्न प्रकार हैः-
परिवादी द्वारा दिनांक 25-01-2012 को विपक्षी संख्या 1 से एक बैटरी यू0पी0एस0ई0बी02300 जिसका सीरियल नम्बर बी03715112340 कृय की थी। विपक्षी संख्या 1 द्वारा परिवादी को इसका बिल दिनांक 25-01-2012 को ही उपलब्ध कराया था तथा वारण्टी कार्ड भी बिल के साथ ही परिवादी को दे दिया गया था। बैटरी एवं उसके प्रपत्र परिवादी को उपलब्ध कराते समय ही बैटरी की गारण्टी व वारण्टी के संबंध में पूर्ण रूप से अवगत करा दिया गया था एवं इसके अतिरिक्त बिल पर लिखित रूप में ही नियम एवं शर्तो के क्रमांक 3 पर भी इस संबंध में स्पष्ट लिखकर परिवादी को अवगत करा दिया था कि उक्त गारण्टी व वारण्टी निर्माता के नियम एवं शर्तो के अधीन बन्धनकारी है। उक्त बैटरी के विकृय करते समय ही निर्माता द्वारा जारी नियम एवं शर्तो का एक वारण्टी कार्ड परिवादी को दिया गया था जो कि गारण्टी एवं वारण्टी के संबंध में स्वयं निर्माता व क्रेता को आवश्यक रूप से वाध्य करता है। परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या 1 को बैटरी खराब होने की सूचना के तुरन्त बाद ही विपक्षी संख्या 1 द्वारा उक्त बैटरी को मंगाकर विपक्षी संख्या 2 के पास उसकी वारण्टी हेतु दिनांक 15-11-2013 को भेज दिया गया था। विपक्षी संख्या 1 द्वारा उपभोक्ता सेवा का उल्लंघन नही किया गया है। बैटरी की समस्त गारण्टी व वारण्टी की पूर्ण करने की जिम्मेदारी विपक्षी संख्या 2 की है। विपक्षी संख्या 2 के द्वारा बैटरी को वापिस भेज दिया गया और बैटरी के संबंध में अवगत कराया कि बैटरी गारण्टी/वारण्टी से बाहर है जिस कारण उसे बदला नही जा सकता जबकि बैटरी गारण्टी/वारण्टी की परिसीमा के बाहर नही है। विपक्षी संख्या 1 के विरूद्ध वाद खारिज होने योग्य है।
विपक्षी संख्या 2 ने भी परिवाद पत्र के अधिकांश कथनों को अस्व्ीकार करते हुए प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया।
विपक्षी संख्या 2 का कथन संक्षेप में निम्न प्रकार है।
परिवादी को बेची गयी बैटरी हर प्रकार से तकनीकी दोष से मुक्त थी। परिवादी ने वारण्टी पीरिएड 24 महीने के अन्दर बैटरी का प्रयोग बिना किसी दोष के किया। वारण्टी कार्ड के अनुसार वारण्टी का समय बैटरी खरीदने की तिथि या डिस्पैच कोड की तिथि जो भी पहले हो से प्रारम्भ होता है। परिवादी को बेची गयी बैटरी दिनांक 05-07-2011 को डिस्पैच की गयी थी, जिससे यह सिद्ध है कि परिवादी द्वारा परिवाद प्रस्तुत करने के समय पर बैटरी वारण्टी से बाहर थी। मंच को वाद सुनने का अधिकार नही है। परिवाद खारिज होने योग्य है। वारण्टी पीरिएड दिनंाक 12-10-2013 को समाप्त हो गया था। परिवादी ने जानबूझकर वारण्टी कार्ड की बैक साइड अटैच नही की है। वारण्टी कार्ड में अंकित शर्तो से बाहर परिवादी कोई लाभ नही पा सकता और इसी आधार पर परिवाद को खारिज करने की प्रार्थना विपक्षी संख्या 2 ने की है।
परिवादी ने रैपलिका प्रस्तुत किया।
रैपलिका में परिवादी ने कथित किया है कि बैटरी के साथ विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी को वारण्टी कार्ड नही दिया था गारण्टी कार्ड दिया था और बैटरी उपलब्ध कराते समय विपक्षी संख्या 1 से परिवादी की बैटरी के संबंध में ही बात हुयी थी। परिवादी द्वारा जब बैटरी खराब होने की जानकारी विपक्षी संख्या 1 को दी तब विपक्षी संख्या 1 ने बैटरी बदलने की कहा था तथा कहा कि बैटरी बदल कर दूसरी बैटरी दे देगे। इस बैटरी को विपक्षी संख्या 2 को भेजा जा रहा है। एक सप्ताह में आने के बाद नई बैटरी बदल देने के लिए कहा था। परिवादी को न तो नई बैटरीदी गयी और न ही पुरानी की मरम्मत की गयी। गारण्टी पूर्ण करने की जिम्मेदारी विपक्षीगण की है।
गारण्टी कार्ड पर डिस्पैच दिनांक 05-07-2011 तहरीर नही की गयी न ही इसके बारे में विपक्षी संख्या 1 के द्वारा वादी को कोई जानकारी दी गयी बल्कि मौखिक रूप से कृय किये गये दिनांक 25-01-2012 से 24 माह के लिए गारण्टी कार्ड दिया गया। परिवादी की बैटरी गारण्टी के समय से पूर्व ही खराब हो गयी और बैटरी ने काम करना बन्द कर दिया। परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 को सूचित किया। विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी से बैटरी प्राप्त की और उसे कम्पनी को भेज दिया। कम्पनी ने बैटरी वापिस नही की और इसी आधार पर परिवादी ने चाहे गये अनुतोष को पाने की प्रार्थना की है।
परिवादी ने दस्ताबेजी साक्ष्य के रूप में बैटरी खरीदने की रसीद की फोटो काॅपी 4ग/2, वारण्टी कार्ड की फोटो काॅपी 4ग/3, वारण्टी कार्ड 28ग/6 व बैटरी की मूल रसीद 28ग/7 प्रस्तुत किये।
परिवादी ने साक्ष्य के रूप में अपने दो शपथ पत्र प्रस्तुत किये।
विपक्षी संख्या 1 ने दस्ताबेजी साक्ष्य के रूप में 7ग/2, व 23ग/2 प्रस्तुत की। विपक्षी संख्या 1 ने 23ग/1 शपथ पत्र वीरेन्द्र कुमार का प्रस्तुत किया।
विपक्षी संख्या 2 ने 26ग शपथ पत्र राजबीर शर्मा का प्रस्तुत किया।
दोनों पक्षों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि परिवादी ने दिनांक 25-01-2012 को विपक्षी संख्या 1 से बैटरी खरीदी थी जिसकी गारण्टी 2 वर्ष की थी। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी कथन है कि गारण्टी की दिनांक से पूर्व दिनांक 12-10-2012 को बैटरी ने काम करना बन्द कर दिया और बैटरी खराब हो गयी। परिवादी ने बैटरी खराब हाने की सूचना विपक्षी संख्या 1 को दी। विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी से बैटरी मंगाकर विपक्षी संख्या 1 को भेज दी। विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी से यह कहा कि बैटरी विपक्षी संख्या 2 को भेज दी गयी, आने पर आपको दी जायेगी। गारण्टी समय के अन्दर रहते हुए परिवादी को बैटरी बदलकर नही दी। विपक्षीगण की जिम्मेदारी बैटरी बदलकर देने की है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी कथन है कि मंच को परिवादी को सुनने का पूरा अधिकार है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का ये भी कथन है कि विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी को बैटरी बेचना स्वीकार किया है तथा परिवादी ने बैटरी को विपक्षी संख्या 2 को भेजा है। परिवादी के विद्वान अधिवकता का यह भी कथन है कि परिवादी को बेची गयी बैटरी गारण्टी पीरिएड से पहले खराब हुयी है। विपक्षीगण ने परिवादी को बैटरी बदलकर नही दी जो सेवा में त्रुटि की श्रेणी में आता है। परिवादी के विद्वान अधिवकता का यह भी कथन है कि गारण्टी/वारण्टी की तिथि 25-01-2012 से प्रारम्भ होती है दिनांक 05-07-2012 से नही। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी कथन है कि परिवादी पुरानी बैटरी के स्थान पर नई बैटरी पाने का अधिकारी है और मानसिक क्षति के मद में परिवादी 50,000/-रूपये पाने का अधिकारी है। बहस के समय विपक्षीगण ने यह स्वीकार किया है कि परिवादी को बैटरी 25-01-2012 को विपक्षी सख्ंया 1 द्वारा बेची गयी। विपक्षी संख्या 1 के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि बैटरी की गारण्टी/वारण्टी दो वर्ष की थी। बैटरी गारण्टी/वारण्टी समय के अन्दर थी। विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी से बैटरी मंगाकर विपक्षी संख्या 2 को भेज दी। विपक्षी संख्या 2 ने बैटरी को गारण्टी/वारण्टी समय से बाहर कहकर वापिस भेज दिया। विपक्षी संख्या 1 के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि बैटरी गारण्टी/वारण्टी समय के अन्दर थी उससे बाहर नही थी। विपक्षी संख्या 2 के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि परिवादी को बेची गयी बैटरी गारण्टी/वारण्टी समय सीमा से बाहर थी। विपक्षी संख्या 2 का बैटरी बदलकर देने का कोई दायित्व नही है। विपक्षी संख्या 2 का यह भी कथन है कि गारण्टी/वारण्टी का समय डिस्पैच की तिथि 05-07-2011 से प्रारम्भ होता है विपक्षी संख्या 2 का कथन है कि बैटरी की वारण्टी/गारण्टी का समय दो वर्ष है दिनांक 05-07-2011 में दो जोड़ने पर दिनांक 05-07-2013 होता है। परिवादी की बैटरी दिनांक 12-10-2013 से पूर्व खराब होना कथित किया है दिनांक 05-07-2013 से पूर्व खराब होना कथित नही किया है। विपक्षी संख्या 2 का कथन है कि बैटरी को बदलकर देने का दायित्व गारण्टी/वारण्टी का समय समाप्त हाने के बाद विपक्षी संख्या 2 का नही है। परिवादी ने इसका विरोध किया है। वारण्टी कार्ड का अवलोकन किया तो पाया कि वारण्टी कार्ड में यह कथित किया गया है कि वारण्टी पीरिएड खरीदने की तिथि से 24 महीने या डिस्पैच कोड की तिथि से 26 महीने जो पहले हो। गारण्टी पीरिएड खरीदने की तिथि से प्रारम्भ होता है। बैटरी के डिस्पैच कोड की तिथि से गारण्टी/वारण्टी प्रारम्भ करना उपभोक्ता के साथ धोका है जिस तिथि पर उपभोक्ता ने माल खरीदा है गारण्टी/वारण्टी पीरिएड उस तिथि से प्रारम्भ होगा उससे पहले नही। परिवादी बैटरी दिनांक 25-01-2012 को खरीदी है गारण्टी/वारण्टी पीरियड दो वर्ष है जो दिनांक 25-01-2014 को पूरा होता है। परिवादी की बैटरी 12-10-2013 से पूर्व खराब हुयी है और यह तिथि बैटरी खरीदने से दो वर्ष के अन्दर है। परिवादी के साक्ष्य से यह स्पष्ट है कि दिनांक 12-10-2013 से पूर्व खराब हो गयी थी। विपक्षी संख्या 1 ने भी बैटरी खराब होने के कथन को स्वीकार किया है और विपक्षी संख्या 2 को खराब बैटरी भेजने का कथन किया है। उपरोक्त से स्पष्ट है कि परिवादी की बैटरी गारण्टी/वारण्टी समय के अन्दर ही खराब हुयी है। विपक्षी संख्या 2 को परिवादी को पुरानी बैटरी के बदले नई बैटरी देनी चाहिए थी। विपक्षी संख्या 2 ने परिवादी को पुरानी बैटरी के स्थान पर नई बैटरी बदलकर न देकर सेवा में त्रुटी की है। परिवादी ने बैटरी बागपत से खरीदी है। इसलिए फोरम को वाद सुनने का अधिकार है। परिवादी ने पुरानी बैटरी के स्थान पर नई बैटरी की मांग की है। बैटरी की कीमत 4ग/2 के अनुसार 11500/-रूपये है। हम परिवादी को पुरानी बैटरी के स्थान पर नई बैटरी दिलवाना उचित नही समझते है। हम परिवादी केा बैटरी की कीमत 11500/-रूपये दिलबाना उचित समझते है। परिवादी ने मानसिक आर्थिक, शारीरिक एवं सामाजिक क्षति के मद में 50000/-रूपये की मांग की है। विपक्षी ने इसका विरोध किया है मानसिक आर्थिक, शारीरिक एवं सामाजिक क्षति के मद में 50000/-रूपया दिलबाना उचित नही समझते है वाद की परिस्थितियों को देखते हुए इस मद में 5,000/-रूपये दिलवाना उचित समझते है। परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से 16,500/-रूपये के लिए डिक्री किये जाने योग्य है। बैटरी निर्माता विपक्षी संख्या 2 है। डिक्री धन भी विपक्षी संख्या 2 ही अदा करने के लिए उत्तरदायी है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से 16,500/-रूपये के लिए डिक्री किया जाता है। विपक्षी संख्या 2 डिक्री की धनराशि को परिवादी को दो माह में अदा कर दे। पत्रावली दाखिल दफ्तर होवे।
दिनांकः 21.03.2015
श्रीमती विमलेश यादव श्रीमति राकेश तोमर ( राजेन्द्र सिंह )
सदस्या सदस्या अध्यक्ष
आज दिनांक 21-03-2015 को यह निर्णय खुले न्यायालय (फोरम) में हस्ताक्षरित व दिनांकित करके सुनाया गया।
श्रीमती विमलेश यादव श्रीमति राकेश तोमर ( राजेन्द्र सिंह )
सदस्या सदस्या अध्यक्ष
दिनांकः 21.03.2015