राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
परिवाद संख्या:-24/2019
संजय कुमार साहू उम्र करीब 42 वर्ष, निवासी किदवई नगर वौदा चौराहा कस्बा कबरई, तहसील व जिला महोबा उ0प्र0
.........परिवादी
बनाम
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड छठी मंजिल सिटी सेंटर माल रोड कानपुर नगर उ0प्र0
...........विपक्षी
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
परिवादी के अधिवक्ता : कोई नहीं
विपक्षी के अधिवक्ता : श्री आई0पी0एस0 चडढा
दिनांक :- 12.9.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद, परिवादी संजय कुमार साहू द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी के विरूद्ध इस आयोग के सम्मुख धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत विपक्षी से प्रीपलैण्ड मशीन की बीमित धनराशि मय ब्याज तथा शारीरिक मानसिक उत्पीड़न के संदर्भ में क्षतिपूर्ति की धनराशि, साथ ही परिवाद व्यय का अनुतोष दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया।
संक्षेप में परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि उसके द्वारा स्वरोजगार हेतु एक प्रीपलैण्ड मशीन वास्ते मिट्टी की खुदाई हेतु दिनांक 23.4.2010 को रू0 50,50,000.00 में क्रय की गई थी, जिस मशीन को परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी से दिनांक 31.3.2016 को कवर नोट व पालिसी हेतु दिनांक 31.3.2016 से दिनांक 30.3.2017 तक की अवधि के लिए रू0 35,00,000.00 पर रू0 37,555.00 प्रीमियम की धनराशि अदा कर बीमित कराया
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गया था। उपरोक्त मशीन दिनांक 20.01.2017 को जब घुरघुरू पहाड़ गौहारी स्थित कबरई, जिला महोबा में मिट्टी की खुदाई का कार्य कर रही थी तभी खुदाई के समय पत्थर की पर्त निकल आने पर मशीन द्वारा मिट्टी खींचने पर चालक/मशीन ऑपरेटर द्वारा मशीन का नियंत्रण खो दिया गया, तद्नुसार मशीन अचानक दुर्घटनाग्रस्त होकर असंतुलित हो गई व पहाड़ से लगभग 250 फुट नीचे पत्थर की खदान में गिर गई।
परिवाद पत्र में आगे यह भी उल्लिखित किया गया कि उपरोक्त प्रक्रिया के दौरान मशीन आपरेटर मशीन से कूदकर बाहर निकल आया तथा मशीन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई। उपरोक्त दुर्घटना के कारण परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी के सम्मुख वास्ते बीमित धनराशि को प्राप्त किये जाने हेतु प्रार्थना पत्र अपेक्षित औपचारिकताओं को सुनिश्चित किये जाने के पश्चात प्रस्तुत किया गया।
विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा दिनांक 29.01.2017 को सर्वेयर नियुक्त किया गया एवं सर्वेयर द्वारा प्रश्नगत मशीन की क्षति के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जो प्रश्नगत परिवाद पत्रावली पर उपलब्ध है। उपरोक्त क्षतिग्रस्त मशीन को मै0 आयुष ट्रेडर्स के कुटेशन के अनुसार वॉछित प्रपत्र के तहत वास्ते कबाड़ गलाने की प्रक्रिया हेतु कार्यवाही की गई जिससे की मशीन के कबाड़ के रूप में रू0 6,20,158.00 की धनराशि प्राप्त किया जाना, उल्लिखित किया गया।
परिवाद पत्र के कथनानुसार चूंकि विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही सुनिश्चित नहीं की गई, न ही बीमित धनराशि ही प्राप्त करायी गई
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अत्एव अधिवक्ता द्वारा विधिक नोटिस के माध्यम से भुगतान हेतु प्रार्थना की गई तथा अनुस्माकर पत्र भी प्रेषित किये गये। परन्तु कोई कार्यवाही न होने पर परिवाद सम्पूर्ण बीमित धनराशि मय 12 प्रतिशत ब्याज दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया गया।
प्रस्तुत परिवाद विगत साढे पॉच वर्षों से अधिक समय से लम्बित है। विपक्षी के अधिवक्ता पूर्व में उपस्थित थे, जबकि परिवादी के अधिवक्ता अनेकों तिथियों पूर्व में भी अनुपस्थित रहे। उनके द्वारा साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं की गई। परिवाद लगभग पूर्व में 15 तिथियों पर सूचीबद्ध हुआ। आज पुन: वाद पुकारा गया। परिवादी के अधिवक्ता आज पुन: अनुपस्थित है।
मेरे द्वारा विपक्षी के अधिवक्ता श्री आई0पी0एस0 चडढा को विस्तार से सुना, जिनके द्वारा परिवाद पत्रावली के पृष्ठ सं0-8 की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया जो विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा जारी बीमा पालिसी के नियम एवं शर्त से सम्बन्धित उल्लिखित पत्र है जिसके निम्न तथ्य पर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया गया:-
“The insurance under this policy is subject to conditions, clauses, warranties, endorsements as per forms attached.”
उपरोक्त के अलावा विपक्षी के अधिवक्ता श्री आई0पी0एस0 चड्ढा द्वारा बीमा पालिसी से सम्बन्धित Warranties & Clauses के अंतिम क्लॉज की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित कराया, जो कि निम्नवत है:-
"Loss/damage to the machinery caused due to overturning while working at hilly area is excluded from the policy."
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विपक्षी बीमा कम्पनी के अधिवक्ता श्री आई0पी0एस0 चडढा द्वारा तद्नुसार कथन किया गया कि उपरोक्त पालिसी की शर्त के अनुसार निर्विवादित रूप से ऊपर उल्लिखित तथ्यों के अनुसार बीमा कम्पनी का उत्तरदायित्व वास्ते बीमा धनराशि दिये जाने का नहीं बनता है जिस कारण से परिवादी के द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर विचार करने के पश्चात उसे निरस्त किया गया।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखने के उपरांत विशेष रूप से ऊपर उल्लिखित बीमा पालिसी की शर्तों पर विचार करने के उपरांत मेरे विचार से श्री आई0पी0एस0 चडढा विपक्षी बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता के कथन में बल है, चूंकि उपरोक्त कथन का उत्तर भी परिवादी के अधिवक्ता की पूर्व में अनुपस्थिति, पुन: आज अनुपस्थिति के कारण नहीं दिया गया अत्एव समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए व ऊपर उल्लिखित विपक्षी बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता के कथन पर पूर्ण विचार करने के पश्चात मेरे विचार से प्रस्तुत परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है, तद्नुसार परिवाद निरस्त किया जाता है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1