मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, झांसी द्वारा परिवाद संख्या 254 सन 1998 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 28.06.1999 के विरूद्ध)
अपील संख्या 500 सन 2000
दि फीडरल कूरियर सर्विस, यू0बी0 48, अन्तरिक्ष भवन, के0सी0 मार्ग, नई दिल्ली द्वारा प्रोपराइटर ।
.......अपीलार्थी/प्रत्यर्थी
-बनाम-
श्री प्रभूदयाल अग्रवाल पुत्र श्री हरीराम अग्रवाल निवासी 171, सिविल लाइंस झांसी एवं अन्य ।
. .........प्रत्यर्थी/परिवादीगण्
समक्ष:-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष ।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री आर0के0 मिश्रा।
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - कोई नहीं ।
दिनांक:-20.12.2021
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता श्री आर0के0 मिश्रा को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
दौरान बहस अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री आर0के0 मिश्रा द्वारा कथन किया गया कि विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग, झांसी द्वारा दिनांक 28.06.1999 को परिवाद संख्या 254 सन 1998 को स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया गया है कि आदेश के अनुपालन में देय धनराशि 18 प्रतिशत ब्याज सहित दो माह की अवधि में अदा करना सुनिश्चित करें, जो अत्यधिक है।
अपीलार्थी विद्धान अधिवक्ता को सुनने के उपरान्त प्रस्तुत अपील जो इस न्यायालय में विगत 21 वर्षो से लम्बित है को अंतिम रूप से निस्तारित किया जाता है और जिला फोरम झांसी द्वारा परिवाद संख्या 254 सन 1998 में पारित आदेश दिनांक 28.06.1999 का समर्थन किया जाता है तथा विद्धान जिला आयोग झांसी द्वारा अपीलार्थी दि फीडरल कूरियर सर्विस पर जो 18 प्रतिशत ब्याज लगाया गया है उसे अत्यधिक पाते हुए 18 प्रतिशत के स्थान पर 09 (नौ) प्रतिशत संशोधित किया जाता है। जिला आयोग के निर्णय का शेष भाग यथावत रहेगा ।
अपीलार्थी दि फीडरल कूरियर सर्विस को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्त आदेश का अनुपालन 60 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें।
तदनुसार अपील अंतिम रूप से निस्तारित की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
सुबोल श्रीवास्तव
पी0ए0(कोर्ट नं0-1)