(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1001/2007
United India Insurance Co. Ltd
Versus
Sri Nand Lal Kesarwani S/O Late Radhey Shyam Kesarwani
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री प्रसून कुमार राय, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री नवीन तिवारी के कनिष्ठ अधिवक्ता
श्री समर सिंह
दिनांक :18.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-229/2005, नन्दलाल केसरवानी बनाम यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, जोनपुर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 04.04.2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने अंकन 70,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा वाहन क्रय कर बीमा कराया था। बीमित अवधि दिनांक 01.05.2003 से 30.04.2004 तक थी। वाहन का पंजीकरण सं0 यूपी 70एक्स/9880 तथा यह वाहन दिनांक 09.12.2003 को एक अन्य वाहन सं0 यू0पी0 70 एम 9483 से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया तथा चालक की मृत्यु हो गयी, जिसकी रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। बीमा कम्पनी को सूचना दी गयी, जिनके द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति की गयी। कुल 2,42,110/-रू0 खर्च हुए, परंतु बीमा कम्पनी द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान नहीं किया गया।
- बीमा कम्पनी का कथन है कि सर्वेयर द्वारा अंकन 33,118/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया, जिसको अदा करने के लिए तैयार हैं। जिला उपभोक्ता आयोग ने सर्वेयर की रिपोर्ट के संबंध में यह निष्कर्ष दिया है कि वह बीमा कम्पनी का कर्मचारी होता है, इसलिए उसकी रिपोर्ट स्वीकार नहीं मानी जा सकती और उसके बाद 70,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश अदा करने का आदेश पारित किया गया है।
- अपील के ज्ञापन तथा मौखिक तर्कों का सार यह है कि जिला उपभोक्ता आयोग ने अंकन 70,000/-रू0 का क्षतिपूर्ति अदा करने का कोई निर्धारण नहीं किया। क्षतिपूर्ति का कोई आंकलन नहीं किया गया। मरम्मत में खर्च राशि की कोई रसीद परिवादी की ओर से प्रस्तुत नहीं की गयी। सर्वेयर की रिपोर्ट को नकारने का कोई आधार नहीं था।
- निर्णय के अवलोकन से तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य से इस तर्क की पुष्टि होती है कि क्षतिग्रस्त वाहन में मरम्मत कराने में खर्च राशि का कोई भी ब्यौरा एवं सबूत परिवादी की ओर से उपलब्ध नहीं कराया गया। इस पीठ के समक्ष भी मरम्मत में खर्च राशि के संबंध में कोई विवरण मय रसीद उपलब्ध नहीं है। अत: इस स्थिति में सर्वेयर रिपोर्ट का मानने के अलावा अन्य कोई विकल्प मौजूद नहीं था। तदनुसार यह निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित होने योग्य है कि परिवादी को क्षतिपूर्ति के मद मे केवल 33,118/-रू0 देय होंगे।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विपक्षी बीमा कम्पनी, परिवादी को अंकन 70,000/-रू0 के स्थान पर अंकन 33,118/-रू0 अदा करे। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की किया जाये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2