(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 3187/2017
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बाराबंकी द्वारा परिवाद सं0- 90/2014 में पारित निर्णय व आदेश दि0 18.01.2017 के विरूद्ध)
1. Central Bank of India, Branch- Melaraiganj, Barabanki, Through Branch Manager, District- Barabanki.
2. Regional Manager, Central bank of India Regional office, Hazratganj.
………Appellants
Versus
Shri Krishna S/o Late Ramdeen, R/o Village Thanadeeh, Post- Mailaraiganj, Police Station Badosarai, District Barabanki.
………. Respondent
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री शरद कुमार शुक्ला,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 03.03.2020
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद संख्या- 90/2014 श्री कृष्ण बनाम सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया व एक अन्य में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बाराबंकी द्वारा पारित निर्णय व आदेश दिनांक 18.01.2017 के विरूद्ध यह अपील परिवाद के विपक्षीगण की ओर से धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत राज्य आयोग के
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समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित निर्णय व आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
‘’परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से एकपक्षीय आधार पर स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी के के0सी0सी0 खाते से निकाली गई धनराशि रू0 69011.00 (रूपये उनहत्तर हजार ग्यारह मात्र) तथा इस धनराशि पर दिनांक 04.07.2013 से बैंक द्वारा निर्धारित ब्याज के अनुसार ब्याज लगाते हुये परिवादी के खाते में आज से दो माह में अंतरित करें। विपक्षीगण, परिवादी को मानसिक क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के रूप में आज से दो माह के अंदर रू0 3000.00 (रूपये तीन हजार मात्र) भी अदा करेंगे।‘’
जिला फोरम के निर्णय व आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षीगण ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री शरद कुमार शुक्ला उपस्थित आये हैं। प्रत्यर्थी को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजी गई है जो अदम तामील वापस नहीं आयी है, अत: उस पर नोटिस का तामीला पर्याप्त माना गया है, फिर भी प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। अत: अपील का निस्तारण अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुनकर
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किया जा रहा है।
मैंने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि आक्षेपित निर्णय व आदेश जिला फोरम ने अपीलार्थीगण के विरुद्ध एकपक्षीय रूप से पारित किया है। जिला फोरम का निर्णय भारत सरकार की ऋण माफी योजना के प्राविधान के विरुद्ध है। अत: अपीलार्थीगण को अपना पक्ष जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किये जाने का अवसर दिया जाना आवश्यक है।
मैंने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता के तर्क पर विचार किया है।
आक्षेपित निर्णय के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि आक्षेपित निर्णय जिला फोरम ने अपीलार्थीगण के विरुद्ध एकपक्षीय रूप से पारित किया है। आक्षेपित निर्णय में उल्लेख है कि विपक्षीगण को नोटिस जारी की गई और विपक्षीगण द्वारा वकालतनामा प्रस्तुत किया गया, परन्तु प्रतिउत्तर योजित नहीं किया गया। अत: अपीलार्थीगण के विरुद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से की गई है।
सम्पूर्ण तथ्यों व परिस्थितियों पर विचार करते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि अपीलार्थीगण द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी को
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3,000/-रू0 हर्जा अदा किये जाने पर उन्हें जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाये और जिला फोरम उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर देकर परिवाद में पुन: विधि के अनुसार निर्णय पारित करे।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर अपील स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपीलार्थीगण द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी को 3,000/-रू0 हर्जा अदा किये जाने पर अपास्त किया जाता है तथा पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला फोरम अपीलार्थीगण को इस निर्णय में हाजिरी हेतु निश्चित तिथि से 30 दिन के अन्दर लिखित कथन प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करे और उसके बाद आगे लिखित कथन हेतु कोई अवसर दिये बिना उभय पक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर पुन: निर्णय व आदेश विधि के अनुसार शीघ्र पारित करे।
उभय पक्ष जिला फोरम, बाराबंकी के समक्ष दि0 20.04.2020 को उपस्थित होंगे।
प्रत्यर्थी/परिवादी के जिला फोरम के समक्ष उपस्थित न होने पर जिला फोरम द्वारा उसे नोटिस भेजी जायेगी।
धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपील में जमा धनराशि से 3,000/-रू0 हर्जे की उपरोक्त धनराशि
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प्रत्यर्थी/परिवादी को प्रदान की जायेगी और अपीलार्थीगण द्वारा जमा अवशेष धनराशि व सम्पूर्ण जमा धनराशि पर अर्जित ब्याज की धनराशि अपीलार्थीगण को वापस की जायेगी।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
शेर सिंह, आशु0
कोर्ट नं0- 1