राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-680/2021
(सुरक्षित)
(जिला उपभोक्ता आयोग, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्या 482/2017 में पारित आदेश दिनांक 09.11.2021 के विरूद्ध)
1. एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, ई0डी0डी0 चतुर्थ पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0, 33/11 के0वी0 सब स्टेशन, धूम मानिकपुर, दादरी, जिला, गौतमबुद्धनगर
2. श्री नितिन अरोड़ा जे0ई0, विशनूली फार्म हाउस, दादरी, गौतमबुद्धनगर
3. श्री सन्तोष कुमार, जे0ई0, कोट फार्म हाउस, दादरी, गौतमबुद्धनगर
........................अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
श्री कृष्ण पाल पुत्र श्री संगत सिंह निवासी-बील अकबरपुर, दादरी, जिला, गौतमबुद्धनगर
...................प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 मिश्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 12.10.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थीगण एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, ई0डी0डी0 चतुर्थ पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 व दो अन्य द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्या-482/2017 श्री कृष्ण पाल बनाम अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड व दो अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09.11.2021 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
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प्रश्नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
''परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाता है विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि परिवादी को आवंटित विघुत कनेक्शन संख्या-719030, पर विघुत लाईन खिचवाकर, व विधुत मीटर लगवाकर अविलम्ब विघुत आपूर्ति तीस दिन में चालू करे।
विपक्षीगण विघुत कनेक्शन आवंटित करने की तिथि 14-9-16 से चैकिंग की दिनांक 28-1-17 तक बिजली के MINIMUM CHARGE की गणना करते हुए परिवादी को बिल निर्गत करेंगे अैर परिवादी बिल प्राप्ती के 30, दिन के अन्दर उसे जमा करेगा।''
मेरे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा मुर्गी फार्म चलाने से पूर्व दिनांक 14.09.2016 को एक विद्युत कनेक्शन संख्या-719030 विशनूली फार्म हाउस दादरी गौतमबुद्ध नगर से 5000/-रू0 शुल्क देकर जे0ई0 श्री नितिन अरोड़ा व बाबू नजीम से लिया था। परिवादी द्वारा दिनांक 17.09.2016 को लाईन जोड़ने व मीटर लगाने के लिए जे0ई0 से कहा गया तो उन्होंने परिवादी के साथ दो लाईनमैन यह कहते हुए भेज दिये कि अभी मीटर नहीं है यह लाईनमैन ट्रान्सफार्मर से लाईन दे देगा, इन्हें 500/-रू0 खर्चा दे देना तथा दोनों लाईनमैन परिवादी का कनेक्शन जोड़कर चले गये। दिनांक 12.10.2016 को कोट पावर हाउस दादरी गौतमबुद्धनगर के जे0ई0 द्वारा परिवादी के मुर्गी फार्म का विद्युत कनेक्शन काट दिया गया, जिस पर अगले दिन परिवादी द्वारा जब जे0ई0 को विद्युत कनेक्शन रसीद दिखाते हुए विद्युत कनेक्शन काटने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जल निगम का लेटर आया
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है, परिवादी का विद्युत कनेक्शन यहॉं से लागू नहीं है तथा यदि परिवादी 5000/-रू0 दे तो वह दूसरे ट्रांसफार्मर से विद्युत तार लगा सकते हैं। परिवादी द्वारा अंकन 2000/-रू0 देने पर जे0ई0 संतोष कुमार द्वारा विद्युत कनेक्शन दूसरे ट्रांसफार्मर से जोड़ दिया गया।
परिवादी का कथन है कि दिनांक 28.01.2017 को चैकिंग के दौरान विपक्षी द्वारा परिवादी पर अवैध रूप से विद्युत प्रयोग करने का आरोप लगाया गया, जो बेबुनियाद है क्योंकि परिवादी द्वारा दिनांक 14.09.2016 को ही उक्त मुर्गी फार्म की बाबत विद्युत कनेक्शन संख्या-719030 ले रखा था। परिवादी के मुर्गी फार्म हाउस से जो भी विद्युत कनेक्शन केबिल/तार डाला गया था वह जे0ई0 संतोष कुमार के कहने पर विद्युत विभाग के कर्मचारी/लाईनमैन द्वारा डाला गया था।
परिवादी का कथन है कि विपक्षी द्वारा नोटिस में जो विद्युत राजस्व 88,662/-रू0 दर्शाया गया है, वह गलत मानकों के आधार पर दर्शाया गया है। परिवादी द्वारा एक शिकायती प्रार्थना पत्र अपर जिलाधिकारी दादरी के समक्ष भी दिनांक 21.03.2017 को विपक्षी के विरूद्ध मंगल दिवस पर दिया गया।
परिवादी का कथन है कि दिनांक 30.01.2017 को विपक्षी द्वारा परिवादी के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया था कि विपक्षी, परिवादी के मुर्गा फार्म तक दो खम्भे तथा विद्युत लाईन खिचवा देगें व विद्युत मीटर भी लगवा देगें तथा भविष्य में परिवादी को कोई विद्युत परेशानी न आने का आश्वासन देकर परिवादी से 50,000/-रू0 का एक चैक संख्या-144788 ओरियन्टल बैंक शाखा बी0आई0टी0 कॉलेज बील अकबरपुर जिला गौतमबुद्धनगर दिया, परन्तु चैक मिलने के उपरान्त भी विपक्षी द्वारा परिवादी की समस्या का समाधान नहीं किया गया। अत: क्षुब्ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।
विपक्षी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रतिवाद
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पत्र प्रस्तुत करते हुए कथन किया कि प्रश्नगत प्रकरण विद्युत चोरी से सम्बन्धित होने के कारण जिला उपभोक्ता आयोग को परिवाद को सुनने व निर्णीत करने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। दिनांक 28.01.2017 को प्रवर्तन दल द्वारा परिवादी के परिसर की चैकिंग की गई तो पाया कि उक्त परिसर पर कोई विद्युत संयोजन स्वीकृत नहीं है तथा यह कि परिवादी द्वारा नजदीक से जा रही एल0टी0 लाइन में 2 कोर काले रंग की केबिल द्वारा सीधे जोड़कर चोरी से विद्युत का उपभोग करते पाया गया तथा चैकिंग रिपोर्ट की बाबत शमन राशि 50,000/-रू0 का चैक मौके पर दे दिया जो तत्पश्चात् अनादृत हो गया। परिवादी का परिवाद क्षेत्राधिकार के अभाव में खण्डित होने योग्य है।
अपील पत्रावली पर उपलब्ध चेकिंग रिपोर्ट दिनांकित 28.01.2017 के अवलोकन से स्पष्ट है कि परिवादी के परिसर के विद्युत संयोजन को चैक किया गया तो पाया गया कि उक्त परिसर पर कोई विद्युत संयोजन स्वीकृत नहीं है तथा नजदीक से जा रही एल0टी0 लाईन में 02 कोर काले रंग की केबिल सीधे जोड़कर विद्युत का उपभोग करते पाया गया। सम्पूर्ण परिसर में तीन टीन सेडो में मुर्गी पालन व्यवसाय किया जा रहा है, जिसमें दो टीन सेड खाली हैं व बीच के टीन सेड में मुर्गी के बच्चे (चूजे) पाले हैं, जिसमें गर्मी/प्रकाश हेलोजन लाईट टीन सेड में कुछ-कुछ दूरी पर लगाई हुई है। सम्पूर्ण परिसर में कहीं भी कोई परिवार निवास नहीं कर रहा है तथा सम्पूर्ण परिसर का प्रयोग मुर्गी पालन में किया जा रहा है। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रश्नगत प्रकरण विद्युत चोरी से सम्बन्धित है।
सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त मैं इस मत का हूँ कि ऐसे मामले जो विद्युत चोरी से
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सम्बन्धित हैं, माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा III (2013) CPJ 1 (SC) यू0पी0 पावर कारपोरेशन लि0 व अन्य बनाम अनीस अहमद में पारित निर्णय के अनुसार उपभोक्ता फोरम के समक्ष चलने योग्य नहीं हैं।
तद्नुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता आयोग, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्या-482/2017 श्री कृष्ण पाल बनाम अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड व दो अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09.11.2021 अपास्त किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1